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भारत की पहली ‘फिशिंग कैट कॉलरिंग’ परियोजना

Lokesh Pal December 31, 2024 04:25 32 0

संदर्भ

भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India-WII), देहरादून के नेतृत्व में भारत की पहली फिशिंग कैट कॉलरिंग परियोजना के अंतर्गत आने वाले कुछ दिनों में दूसरी गणना पूरी की जाएगी।

संबंधित तथ्य

  • फिशिंग कैट कॉलरिंग परियोजना तीन वर्षों की है और मार्च/अप्रैल 2025 तक पूरी हो जाएगी।

फिशिंग कैट कॉलरिंग परियोजना (Fishing Cat Collaring Project) 

  • उद्देश्य: फिशिंग कैट के घरेलू क्षेत्र, व्यवहार, आवास पारिस्थितिकी, खाद्य आदतों और स्थान के उपयोग का अध्ययन करना।
  • फिशिंग कैट को पकड़कर उन पर भौगोलिक सूचना प्रणाली (Geographical Information System-GIS) उपकरण युक्त हल्के कॉलर लगाए जाएँगे।

फिशिंग कैट 

  • निवास स्थान: यह मुख्य रूप से आर्द्रभूमि, दलदल, गोखुर झीलों के आसपास दलदली क्षेत्रों, रीड बेड, ज्वारीय खाड़ियों और मैंग्रोव जंगलों में निवास करता है।
  • वैश्विक वितरण: मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है, जिसमें भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, वियतनाम और थाईलैंड के मेकांग डेल्टा, पाकिस्तान, पूर्वी कंबोडिया और उत्तरी हिमालय की तलहटी शामिल हैं।
  • भारत में वितरण
    • सुंदरबन के मैंग्रोव वन
      • वर्ष 2012 में, फिशिंग कैट को पश्चिम बंगाल का राजकीय जीव घोषित किया गया था।
    • हिमालय की तलहटी के पास गंगा और ब्रह्मपुत्र की नदी घाटियाँ
    • पश्चिमी घाट
    • आबादी संबंधी आँकड़े: चिल्का झील, एशिया की सबसे बड़ी खारे जल की झील है, जिसमें 176 फिशिंग कैट पाई जाती हैं, यह जानकारी चिल्का विकास प्राधिकरण (Chilika Development Authority-CDA) द्वारा ‘द फिशिंग कैट प्रोजेक्ट’ (The Fishing Cat Project-TFCP) के सहयोग से की गई गणना से मिली है।
  • संरक्षण स्थिति
    • IUCN की रेड लिस्ट में: सुभेद्य (Vulnerable)
    • CITES: परिशिष्ट II (Appendix II)
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची I (Schedule I)।
  • व्यवहार और विशेषताएँ
    • कुशल तैराक और मछली पकड़ने के लिए अक्सर जल में गोता लगाते हैं।
    • रात में शिकार करने वाला, मेंढक, क्रस्टेशियन, साँप, पक्षी और बड़े जानवरों के शवों को खाने वाला।
    • पूरे वर्ष प्रजनन करता है।
    • अनोखी विशेषता: इसकी मांसल पूँछ, घरेलू बिल्ली की पूँछ से छोटी होती है तथा इसमें 6-7 स्पष्ट, अपूर्ण काली पट्टियाँ होती हैं।
  • ‘द फिशिंग कैट प्रोजेक्ट’ (The Fishing Cat Project- TFCP) फिशिंग कैट पर केंद्रित एक दीर्घकालिक शोध और संरक्षण पहल है।
  • वर्ष 2010 में शुरू किया गया, TFCP मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और ओडिशा, भारत में संचालित होता है।
  • TFCP के मुख्य उद्देश्य
    • अनुसंधान: फिशिंग कैट की पारिस्थितिकी, व्यवहार और उनके प्राकृतिक आवासों में वितरण का अध्ययन करना।
    • संरक्षण: फिशिंग कैट की आबादी और उनके आवासों की रक्षा के लिए प्रभावी संरक्षण रणनीतियों को लागू करना।
    • सामुदायिक जुड़ाव: स्थानीय समुदायों और हितधारकों के बीच फिशिंग कैट के संरक्षण के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • TFCP का प्रभाव
    • वैज्ञानिक अनुसंधान: TFCP ने फिशिंग कैट पर व्यापक शोध किया है, जिसमें संख्या सर्वेक्षण, आवास आकलन और कैमरा ट्रैप अध्ययन शामिल हैं।
    • आवास संरक्षण: परियोजना ने फिशिंग कैट्स के आवासों, जैसे कि आर्द्रभूमि और नदी के किनारे के पारिस्थितिकी तंत्रों की सुरक्षा और पुनर्स्थापना के लिए कार्य किया है।
    • सामुदायिक आउटरीच: TFCP ने शिक्षा कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और वैकल्पिक आजीविका पहलों के माध्यम से संरक्षण प्रयासों में स्थानीय समुदायों को सफलतापूर्वक शामिल किया है।

कोरिंगा वन्यजीव अभयारण्य (Coringa Wildlife Sanctuary- CWS) 

  • स्थान: गोदावरी नदी के मुहाने का वह भाग, जहाँ कोरिंगा नदी आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में बंगाल की खाड़ी से मिलती है।
  • फिशिंग कैट के लिए आवास: वर्ष 2018 तक, फिशिंग कैट के पहले सर्वेक्षण के अनुसार, अभयारण्य में फिशिंग कैट की आबादी 115 थी।
    • हालाँकि, अभयारण्य में और उसके आस-पास दर्ज की गई प्रजातियों के देखे जाने की आवृत्ति को देखते हुए, पिछले पाँच वर्षों में इनकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

  • महत्त्व
    • भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव वन, जो अपनी बड़ी फिशिंग कैट्स की आबादी के लिए जाना जाता है।
    • आंध्र प्रदेश में कृष्णा मुहाना के जंगल में कृष्णा वन्यजीव अभयारण्य, फिशिंग कैट्स के लिए एक और आवास स्थान है।
  • भौगोलिक विशेषताएँ
    • अभयारण्य और समुद्र के बीच ‘होप आइलैंड’ (Hope Island) अवस्थित है, जो गोदावरी नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम को अवरुद्ध करता है।
    • अभयारण्य का लगभग 40% हिस्सा समुद्री ‘बैकवाटर’ द्वारा निर्मित है।
  • वनस्पति: विस्तृत मैंग्रोव और शुष्क पर्णपाती उष्णकटिबंधीय वनों से बना है।
  • वनस्पति: राइजोफोरा एसपीपी. (Rhizophora Spp.), एविसेनिया एसपीपी. (Avicennia Spp.) और सोनर्टिया एसपीपी. (Sonneratia Spp.) जैसी मैंग्रोव प्रजातियों का प्रभुत्व है।
  • जीव
    • लुप्तप्राय स्तनधारी: स्मूथ इंडियन ओटर, फिशिंग कैट, सियार।
    • पक्षी: ब्लैक-कैप्ड किंगफिशर (Black-capped Kingfisher), ब्राह्मणी काइट (Brahminy Kite), समुद्री गुल (Sea Gulls) और रीफ हेरॉन (Reef Heron)।
  • विशेष विशेषता: अभयारण्य का समुद्री तट ओलिव रिडले कछुओं के लिए प्रजनन स्थल के रूप में कार्य करता है।

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