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भारत की पहली स्वदेश निर्मित हाइड्रोजन ईंधन सेल

Lokesh Pal February 29, 2024 05:48 116 0

संदर्भ 

हाल ही में प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के थूथुकुडी में भारत के पहले स्वदेश निर्मित हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित अंतर्देशीय जलमार्ग जहाज (फेरी नाव) का अनावरण किया।

ग्रीन हाइड्रोजन वेसल की मुख्य विशेषताएँ 

  • निर्मित:हरित नौका पहल’ के तहत कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) द्वारा निर्मित।

हरित नौका- अंतर्देशीय  ग्रीन वेसल ट्रांजिशनदिशा-निर्देश 

  • हरित नौका दिशा-निर्देश ग्रीन वेसल को अपनाने और हरित पारिस्थितिकी तंत्र के संचालन को स्थापित करके समुद्री परिदृश्य को बदलने के लिए MoPSW की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
  •  इसका उद्देश्य ईंधन के कम/शून्य उत्सर्जन स्रोतों को अपनाना है।
  • वर्ष 2047 तक भारतीय जल में 100% ग्रीन वेसल लाना।

  • महत्त्व
    • यह शहरी आवागमन को सहज और आसान बना देगा,
    • यह परिवहन क्षेत्र में भारत की नवीन स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का लाभ प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
    • यह भारत की नेट-जीरो  प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है।

ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल वेसल का कार्य सिद्धांत

पीईएम फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी (PEM fuel Cell Technology) :

  • पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन (PEM) फ्यूल सेल्स, जिन्हें प्रोटॉन एक्सचेंज फ्यूल सेल्स मेम्ब्रेन भी कहा जाता है, इलेक्ट्रोलाइट के रूप में एक प्रोटॉन-संचालन पॉलिमर मेम्ब्रेन/झिल्ली का उपयोग करती हैं।
  • सामान्यतया हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। ये सेल अपेक्षाकृत कम तापमान पर कार्य करते हैं और बदलती हुई विद्युत माँग को पूरा करने के लिए अपनी उत्पादन या आउटपुट में तीव्रता से बदलाव करने में सक्षम हैं।

  • ग्रीन हाइड्रोजन वेसल ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन की रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करके संचालित होता है।
  • प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (PEM) फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी को विशेष रूप से परिवहन के लिए डिजाइन किया गया।
  • जहाज का फ्यूल सेलपीईएम सेल स्टैक के द्वारा हाइड्रोजन ईंधन को संचालित करके विद्युत उत्पन्न करता है।
  • परिणामतः जहाज केवल जल और गर्म हवा का उत्सर्जन करता है, जिससे शून्य उत्सर्जन को सुनिश्चित किया जाता है।

ग्रीन हाइड्रोजन 

  • हरित हाइड्रोजन को जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन के रूप में परिभाषित किया गया है, जो नवीकरणीय विद्युत का उपयोग करके जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विखंडित करता है।
  • उद्देश्य: ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड तक सीमित करना तथा हरित हाइड्रोजन को अपनाते हुए जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना।
  • उत्पादन:  पारंपरिक रूप से हरित हाइड्रोजन मेथेन (CH4) से उत्पन्न होता है, जो वाष्प के साथ CO2 (ग्रीनहाउस गैस) और H2 (हाइड्रोजन) में विखंडित होता है।

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