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भारत के विद्युत निर्यात नियम

Lokesh Pal August 21, 2024 01:17 57 0

संदर्भ

हाल ही में भारत के विद्युत निर्यात नियमों में किए गए संशोधन से भारतीय विद्युत निर्यातकों को साझेदार देशों से भुगतान में देरी होने पर अपने उत्पादन को भारतीय ग्रिडों की ओर पुनः भेजने की अनुमति मिल गई है। 

संशोधन का उद्देश्य

  • इस संशोधन में झारखंड के गोड्डा में भारत के एकमात्र 1,600 मेगावाट के विद्युत निर्यात संयंत्र (अडानी समूह का) को, जो अपना संपूर्ण उत्पादन बांग्लादेश को निर्यात करता है, बांग्लादेश में वर्तमान संकट के मद्देनजर किसी भी राजनीतिक जोखिम से बचाने का प्रयास किया गया। 

‘विद्युत के आयात/निर्यात (सीमा पार) के लिए दिशानिर्देश-2018’ के बारे में 

  • इन दिशा-निर्देशों को केंद्रीय विद्युत मंत्रालय (Ministry of Power) द्वारा विदेश मंत्रालय (भारत सरकार) के परामर्श से जारी किया गया था

  • उद्देश्य
    • भारत और पड़ोसी देशों के बीच विद्युत के आयात/निर्यात को सुविधाजनक बनाना 
    • आयात/निर्यात के लिए विद्युत का विश्वसनीय ग्रिड संचालन एवं संचरण 
  • व्यापार समझौता: विद्युत के आयात/निर्यात की अनुमति दोनों देशों की संस्थाओं के बीच आपसी समझौतों के माध्यम से हस्ताक्षरित समझौतों के समग्र ढाँचे के तहत दी जाएगी 
    • दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौता
    • बोली लगाने का मार्ग
    • विभिन्न संस्थाओं के बीच आपसी समझौते 
  • कानूनी प्रावधान: विद्युत का आयात/निर्यात भारत सरकार/केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority- CEA)/केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (Central Electricity Regulatory Commission- CERC) और उपयुक्त राज्य विद्युत विनियामक आयोगों के नियमों एवं नीतियों के अधीन होगा। 
  • अपवाद: कोयला आधारित विद्युत संयंत्र से उत्पादित विद्युत के मामले में, विद्युत के निर्यात की अनुमति केवल तभी दी जाएगी, जब ऐसी विद्युत आयातित कोयले या स्पॉट ई-नीलामी कोयले या वाणिज्यिक खनन से प्राप्त कोयले का उपयोग करके उत्पन्न की गई हो। 

गोड्डा परियोजना (Godda Project)

  • गोड्डा संयंत्र भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय विद्युत परियोजना है, जो संपूर्ण उत्पादित विद्युत दूसरे देश यानी बांग्लादेश को आपूर्ति करती है।  
    • गोड्डा संयंत्र बांग्लादेश की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता में लगभग 6% का योगदान देता है। 
  • परिचालन: अडानी के गोड्डा संयंत्र की स्थापना वर्ष 2022 में हुई थी और इसका जून 2023 में पूरी तरह से परिचालन शुरू हो गया था। 
  • स्थान: यह झारखंड के गोड्डा जिले में अडानी पॉवर सप्लाई समूह का एक अल्ट्रा सुपर-क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट है। 
  • विद्युत क्षमता: 1,496 मेगावाट क्षमता।
  • विद्युत क्रय समझौता (Power Purchase Agreement- PPA): विद्युत आपूर्ति को 25 वर्ष की अवधि के लिए नवंबर 2017 में बांग्लादेश विद्युत विकास बोर्ड (Bangladesh Power Development Board- BPDB) के साथ किए गए विद्युत क्रय समझौते (PPA) के तहत सुगम बनाया गया है। 
  • विशेष आर्थिक क्षेत्र: AJPL के गोड्डा संयंत्र को मार्च 2019 में केंद्र द्वारा विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone- SEZ) घोषित किया गया था। 
  • आयातित कोयला: विद्युत संयंत्र बांग्लादेश के लिए विद्युत उत्पादन हेतु ऑस्ट्रेलिया के कारमाइकल खदान (Carmichael Mine) से भारत में आयातित 100% कोयले का उपयोग करता है। 

भारत का बांग्लादेश को विद्युत निर्यात

  • बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड (Bangladesh Power Development Board- BPDB) की वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 
    • भारत से 2,656 मेगावाट विद्युत का आयात किया गया, जो कुल उत्पादन क्षमता का 10% से अधिक है।
  • वाणिज्य विभाग के पोर्टल के आँकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक बांग्लादेश को 1.03 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात 11.06 बिलियन डॉलर का 9.3 प्रतिशत) मूल्य की 11,933.83 मिलियन यूनिट (MU) विद्युत का निर्यात किया।
    • डीजल 829.59 मिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 7.5 प्रतिशत) के साथ निर्यात में दूसरे स्थान पर रहा, जबकि कपास 595.81 मिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 5.38 प्रतिशत) के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

  • कंपनी के आधार पर ब्योरा: वर्तमान में चार कंपनियाँ बांग्लादेश को विद्युत निर्यात कर रही हैं।
    • पॉवर ट्रेडर NTPC विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NTPC Vidyut Vyapar Nigam Ltd- NVVN) 
    • पॉवर ट्रेडर PTC इंडिया लिमिटेड
    • सेम्बकॉर्प एनर्जी इंडिया लिमिटेड (Sembcorp Energy India Ltd) की उत्पादन इकाइयाँ 
    • अडानी पॉवर लिमिटेड की उत्पादन इकाइयाँ: 90 प्रतिशत निर्यात झारखंड के गोड्डा जिले में स्थित इस संयंत्र से होता है। 

भारत विद्युत का निवल निर्यातक बनकर उभर रहा है

  • ग्रिड-इंडिया (पूर्व में POSOCO) द्वारा जारी आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में भारत चार देशों भूटान, नेपाल, म्याँमार और बांग्लादेश को 4,713 एमयू (मिलियन यूनिट) विद्युत का शुद्ध निर्यातक था। 

  • भूटान और नेपाल: भारत का विद्युत के क्षेत्र में दोतरफा व्यापार है, अर्थात् भारत आयात और निर्यात दोनों में संलग्न है। 
    • भारत आयात करता है: मानसून के दौरान जब जून से अक्टूबर के दौरान इन देशों में जल विद्युत उत्पादन चरम पर होता है। 
    • निर्यात: सर्दियों के दौरान, जब भूटान और नेपाल में जल विद्युत उत्पादन सबसे कम होता है, भारत निर्यातक बन जाता है।
  • बांग्लादेश और म्याँमार: भारत केवल विद्युत का निर्यात करता है, आयात शून्य है।

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