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Lokesh Pal
July 27, 2024 02:06
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आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि भारत वैश्विक मूल्य शृंखला (GVC) में आगे बढ़ रहा है, सकल व्यापार में GVC से संबंधित व्यापार की हिस्सेदारी वर्ष 2019 में 35.1% से बढ़कर वर्ष 2022 में 40.3% हो गई है।
यह अंतरराष्ट्रीय उत्पादन साझेदारी है, जहाँ परिचालन राष्ट्रीय सीमाओं के पार फैला होता है (सटीक स्थान तक सीमित होने के बजाय), जिससे एक जटिल उत्पाद तैयार होता है।
विश्व व्यापार संगठन के विश्व एकीकृत व्यापार समाधान (WITS) डेटाबेस से पता चलता है कि भारत का GVC से संबंधित व्यापार वर्ष 2010 में 62.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर से लगभग चार गुना बढ़कर वर्ष 2022 में 233.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
भारत के एक आकर्षक आपूर्ति शृंखला केंद्र के रूप में उभरने के लिए निम्नलिखित कारक जिम्मेदार हैं:-
भारत में विनिर्माण और आपूर्ति शृंखला को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:
इतनी प्रगति के बावजूद, भारत की GVC भागीदारी (वर्ष 2022 में सकल व्यापार के प्रतिशत के रूप में GVC- संबंधित व्यापार 40.3%) न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका (43.7%), UK (47.8%) और जापान (46.6%) जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम है, बल्कि इसके एशियाई समकक्षों, जैसे दक्षिण कोरिया (56.2%) और मलेशिया (60%) की तुलना में भी कम है।
GVC को और अधिक अपनाने तथा भागीदारी बढ़ाने के लिए, गुणवत्तापूर्ण व्यापार अवसंरचना विकसित करने, GVC नेटवर्क में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को एकीकृत करने, छोटे व्यवसायों के प्रवेश और निकास की प्रक्रियाओं को सरल बनाने तथा व्यापार सुविधा उपायों की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
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