रूफटॉप सौर ऊर्जा भारत की बढ़ती बिजली जरूरतों के लिए एक सतत् , विकेंद्रीकृत और किफायती समाधान प्रदान करती है।
रूफटॉप सौर ऊर्जा (RTS) और विकास क्षमता
क्षमता में वृद्धि: वर्ष 2023-2024 में, भारत की आरटीएस क्षमता 2.99 गीगावाट बढ़कर 31 मार्च, 2024 तक कुल 11.87 गीगावाट तक पहुँच गई।
RTS क्षमता और लक्ष्य
समग्र क्षमता: भारत की RTS क्षमता लगभग 796 गीगावाट है।
भविष्य के लक्ष्य: वर्ष2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को पूरा करने के लिए, जिसमें सौर ऊर्जा से 280 गीगावाट प्राप्त करना शामिल है, RTS को वर्ष 2030 तक 100 गीगावाट का योगदान करना होगा।
रूफटॉप सौर ऊर्जा (RTS)
रूफटॉप सौर ऊर्जा से तात्पर्य फोटोवोल्टिक (PV) प्रणालियों से है, जिसमें आवासीय या व्यावसायिक भवनों की छतों पर विद्युत उत्पन्न करने वाले सौर पैनल स्थापित किए जाते हैं।
रूफटॉप के प्रकार
क्षमता सीमा (kW)
आवासीय
5 – 20
वाणिज्यिक
100 से अधिक
रूफटॉप पर स्थापित प्रणालियाँ, जमीन पर स्थापित फोटोवोल्टिक विद्युत स्टेशनों की तुलना में छोटी होती हैं।
RTS कार्यक्रम संबंधी परिदृश्य
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन: यह कार्यक्रम वर्ष 2010 में शुरू किया गया था।
पहली बड़ी पहल: इसने सौर ऊर्जा विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभिक महत्त्वपूर्ण प्रयास को चिह्नित किया।
प्राथमिक उद्देश्य: तीन चरणों में RTS सहित 20 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का लक्ष्य:
चरण 1: 2010-2013
चरण 2: 2013-2017
चरण 3: 2017-2022
लक्ष्यों का विस्तार: दिसंबर 2022 तक, भारत की स्थापित RTS क्षमता 7.5 गीगावाट थी, जबकि 40 गीगावाट का लक्ष्य वर्ष 2026 तक बढ़ा दिया गया है।
सुधार के कारण
अनुकूल पहल (सुप्रभा, सृष्टि योजनाएँ)।
वित्तीय प्रोत्साहन।
तकनीकी उन्नति।
जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम।
रूफटॉप सोलर (RTS) स्थापना में राज्यों का प्रदर्शन
RTS क्षमता में अग्रणी राज्य
राज्य
स्थापित क्षमता (मेगावाट)
सफलता के कारक
उल्लेखनीय उपलब्धि
गुजरात
3456
सक्रिय सरकारी रुख, कुशल अनुमोदन प्रक्रिया, कई आरटीएस इंस्टॉलर और उच्च उपभोक्ता जागरूकता
मोढेरा – भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित गाँव (13001 किलोवाट RTS सिस्टम)
महाराष्ट्र
2072
मजबूत सौर नीतियाँ और अनुकूल विनियामक वातावरण।
राजस्थान
1154
उच्च सौर विकिरण, सुव्यवस्थित अनुमोदन प्रक्रिया, वित्तीय प्रोत्साहन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से संवर्द्धन
मध्यम प्रदर्शन करने वाले राज्य
राज्य
स्थापित क्षमता (MW)
केरल
675
तमिलनाडु
599
कर्नाटक
594
पिछड़े राज्य
उत्तर प्रदेश
बिहार
झारखंड
चुनौतियाँ – नौकरशाही बाधाएँ, अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा, जन जागरूकता की कमी
मुफ्त बिजली योजना
पहल: ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ का लक्ष्य 1 करोड़ घरों को छत पर सौर ऊर्जा (RTS) प्रणाली से लैस करना है, जिससे हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जा सके।
क्षमता वृद्धि: प्रति घर 2 किलोवाट की औसत प्रणाली से 20 गीगावाट की अतिरिक्त आरटीएस क्षमता प्राप्त होगी।
RTS वृद्धि सुनिश्चित करने के तरीके
जागरूकता अभियान: वितरण कंपनियों और स्थानीय निकायों को व्यापक कवरेज के लिए घर-घर जाकर प्रचार के साथ जमीनी स्तर पर अभियान चलाना चाहिए।
आर्थिक व्यवहार्यता: परिवारों के लिए कम लागत वाले वित्तपोषण विकल्पों को बढ़ाना, जिससे आरटीएस ऋण आसानी से सुलभ हो सकें।
अनुसंधान एवं विकास: लागत कम करने और विश्वसनीयता में सुधार करने के लिए सौर प्रौद्योगिकी, ऊर्जा भंडारण समाधान और स्मार्ट-ग्रिड अवसंरचना में निवेश करना।
प्रशिक्षण और कौशल विकास: आरटीएस अवसंरचना के लिए कुशल कार्यबल बनाने के लिए ‘सूर्यमित्र’ जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में तेजी लाना।
नीति और विनियमन: ‘मुफ्त बिजली योजना’ का समर्थन करने और उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए आरटीएस नीतियों, नेट-मीटरिंग विनियमों, ग्रिड-एकीकरण मानकों और बिल्डिंग कोड को अद्यतित करना।
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