आंध्र प्रदेश के एक गाँव से इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory Bowel Disease- IBD) का मामला सामने आया है।
संबंधित तथ्य
IBD के लिए उम्र की समय सीमा: IBD किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है, लेकिन आमतौर पर 35 वर्ष की उम्र से पहले दिखाई देता है।
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) के बारे में
यह एक क्रोनिक ऑटोइम्यून (Chronic Autoimmune) स्थिति है।
इस बीमारी में, श्वेत रक्त कोशिकाएँ गलती से आँत की कोशिकाओं पर हमला कर देती हैं, जिससे म्यूकोसा (Mucosa) में अल्सर हो जाता है।
परिणामस्वरूप IBD वाले बच्चे को बुखार, पतला मल एवं खूनी दस्त हो सकता है।
पोषण एवं स्वास्थ्य पर प्रभाव
पोषक तत्त्वों का अवशोषण: मैक्रो और सूक्ष्म पोषक तत्त्वों का असंतुलन हो जाता है।
परिणाम: वजन में कमी, मांसपेशियों में कमी, एनीमिया एवं विटामिन की कमी हो सकती है।
IBD के प्रकार
अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis): यह केवल बड़ी आँत को प्रभावित करता है।
क्रोहन रोग: यह मुँह से लेकर गुदा तक आँत के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है।
इनडिटरमिनेट कोलाइटिस (Indeterminate Colitis): इसका उपयोग तब किया जाता है, जब अल्सरेटिव कोलाइटिस एवं क्रोहन रोग के बीच अंतर करना चुनौतीपूर्ण होता है।
IBD उत्पन्न करने वाले कारक
पारिवारिक इतिहास एवं आनुवंशिकी: यदि किसी व्यक्ति के माता-पिता, भाई-बहन या बच्चे को IBD की समस्या है तो उनमें IBD विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
धूम्रपान
क्रोहन रोग: धूम्रपान एक महत्त्वपूर्ण जोखिम कारक है और क्रोहन रोग के लक्षणों को हानिकारक बनाता है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस (UC): धूम्रपान न करने वाले और पूर्व में धूम्रपान करने वाले आमतौर पर UC से अधिक प्रभावित होते हैं।
भोजन: पश्चिमी खान-पान की आदतों एवं जीवनशैली को अपनाने का आँत के माइक्रोबायोटा (Microbiota) में बदलाव से गहरा संबंध है।
IBD पूर्व सूचना: आँत माइक्रोबायोटा में इन परिवर्तनों से IBD विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रतिरक्षा तंत्र
प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया: प्रतिरक्षा प्रणाली, जो आम तौर पर रोगजनकों से बचाव करती है, IBD का कारण बन सकती है।
सूजन: पाचन तंत्र में बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकता है, जिससे सूजन हो सकती है क्योंकि शरीर संक्रमण से लड़ता है।
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