वर्तमान लोकसभा चुनाव में राजनीतिक चर्चा के रूप में विरासत कर को पुनः लागू करने की चर्चा तेज हो गई है।
संपत्ति पर कर लगाने की प्रक्रिया
संपत्ति पर कर लगाने के तीन दृष्टिकोण हैं, जो निम्नलिखित बिंदुओं पर आधारित हैं-
पूँजीगत आयकर के साथ रिटर्न: धन या संपत्ति के स्वामित्व से प्राप्त आय पर पूँजीगत कर लगाया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप पूँजीगत लाभ होता है।
संपत्ति कर वाला स्टॉक: यह स्वामित्व वाली संपत्तियों के मूल्य से जुड़ा हुआ है।
धन का हस्तांतरण: धन या संपत्ति के हस्तांतरण के समय धन कर, विरासत कर, संपत्ति कर या उपहार कर के रूप में कर लगाया जाता है।
संबंधित तथ्य
भारत के विपक्षी दल के एक प्रमुख राजनीतिक नेता ने संयुक्त राज्य अमेरिका में विरासत कर पर प्रस्तावित कानून में रुचि व्यक्त की है।
बाइडेन प्रशासन ने 100 मिलियन डॉलर से अधिक संपत्ति वाले करदाताओं पर लाभ सहित उनकी पूरी आय पर कम-से-कम 25% का न्यूनतम आयकर आरोपित करने के लिए कानून प्रस्तावित किया है।
विरासत कर (Inheritance Tax)
परिभाषा: यह मृत व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारियों को वितरित किए जाने से पहले उसके धन और संपत्ति के कुल मूल्य पर लगाया जाने वाला कर है।
आम तौर पर, कर की गणना किसी छूट या कटौती के बाद छोड़ी गई संपत्ति के मूल्य के आधार पर की जाती है।
भारत में विरासत कर वर्ष 1953 में लागू किया गया था, किंतु वर्ष 1985 में इसे समाप्त कर दिया गया था।
शुल्क की सीमा 1 लाख रुपये थी तथा 20 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति के मूल्य पर दरें 5% से 40% के बीच थीं।
उद्देश्य: आय असमानता को दूर करने के लिए धन के पुनर्वितरण हेतु विरासत कर लगाया जाता है।
विरासत कर लगाने के तरीके
उत्तराधिकार की वसीयत: यह एक दस्तावेज होता है, जिसमें मृत व्यक्ति अपनी संपत्ति का वैध उतराधिकारी पहले ही घोषित कर देता है।
नामांकन द्वारा विरासत: कोई व्यक्ति अपनी पसंद के व्यक्ति को नामांकित कर सकता है, इस स्थिति में नामांकित व्यक्ति किसी संपत्ति और उससे होने वाले लाभ का वैध उतराधिकारी बन जाता है।
संयुक्त स्वामित्व: यदि कोई संपत्ति दो या दो से अधिक व्यक्तियों के संयुक्त स्वामित्व के अधीन है, तो पहले उत्तराधिकारी की मृत्यु के पश्चात् दूसरे उतराधिकारी को संपत्ति के प्रबंधन करने का अधिकार मिल जाता है।
भारत में संपत्ति कर और उपहार कर का भी प्रावधान था, जिन्हें क्रमशः वर्ष 2015 और 1998 में समाप्त कर दिया गया था।
संपदा शुल्क/ संपत्ति कर और उपहार कर को समाप्त करने का कारण
प्रक्रियात्मक भेदभाव: संपत्ति पर दो अलग-अलग करों के माध्यम से करदाताओं को अनुचित रूप से परेशान किया जा रहा था। इन दो करों में संपत्ति कर (मृत्यु से पहले) और संपत्ति शुल्क (मृत्यु के बाद) शामिल हैं।
अपूर्ण उद्देश्य: धन का असमान वितरण अभी भी जारी है, जबकि राज्यों को उनकी विकास योजनाओं के लिए वित्तपोषण में महत्त्वपूर्ण सहायता प्रदान नहीं की गई है।
अर्थव्यवस्थाएँ: वर्ष 1985 में संपत्ति शुल्क से लगभग 20 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई थी, जबकि इसके प्रशासन और संग्रह की लागत अपेक्षाकृत अधिक थी।
कर की चोरी: कराधान की उच्च दरों के परिणामस्वरूप प्रायः पूँजी और निवेशकर्ता अनुकूल कर दरों (Tax Havens) वाले कर क्षेत्राधिकारों की ओर पलायन कर जाते हैं।
पुनः बहाली
संपत्ति कर: 1 करोड़ रुपये से अधिक का कर देने वाले अमीरों पर संपत्ति कर के स्थान पर 2% का अतिरिक्त अधिभार लगाया गया है।
उपहार कर: इसे वर्ष 2004 में पुनः शुरू किया गया था, जिसमें 25,000 रुपये (बाद में इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया) की सीमा से ऊपर के उपहारों पर केवल आय के रूप में कर लगाया गया था, यदि उपहारों का आदान-प्रदान दो असंबद्ध व्यक्तियों के बीच हुआ हो।
रक्त संबंधियों, वंशजों और वंशजों से मिलने वाले उपहार तथा विवाह जैसे अवसरों पर प्राप्त उपहारों पर छूट है।
वैश्विक परिदृश्य
दुनिया में विरासत कर: जापान में विरासत कर की दर 55 प्रतिशत है, जो विश्व में सर्वाधिक है, इसके बाद दक्षिण कोरिया 50 प्रतिशत की दर के साथ दूसरे स्थान पर है।
विरासत कर, आर्थिक नीतियों और सामाजिक कल्याण प्रणालियों को आकार देने, धन हस्तांतरण तथा अंतर-पीढ़ीगत संपत्ति पर निर्णयों को प्रभावित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वैश्विक न्यूनतम निगम कर की दर
140 से अधिक देशों ने आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development-OECD) द्वारा प्रस्तावित नए वैश्विक कर समझौते को लागू करने परसहमति जताई है, जो निगम मुनाफे पर 15% की न्यूनतम दर लगाता है।
इसका उद्देश्य टैक्स हेवेन के रूप में कार्य कर रहे देशों के प्रभाव को कम करना है, OECD ने अनुमान लगाया है कि वैश्विक न्यूनतम कर (Global Minimum Tax- GMT) नीति के तहत कर लाभ को लगभग 80% तक कम किया जा सकता है।
अरबपतियों पर कर लगाने का आह्वान: अमेरिका में 100 मिलियन डॉलर से अधिक संपत्ति वाले करदाताओं पर न्यूनतम 25% कर लगाने का प्रस्ताव रखा है।
विरासत कर से संबधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न
भारत में विरासत पर कर कैसे लगाया जाता है?
भारत के कानून में किसी प्रकार के विरासत कर का प्रावधान नहीं है। कानूनी उत्तराधिकारियों को दी गई संपत्ति उपहार है और बिना किसी प्रतिफल के प्राप्त होती है।
क्या अनिवासी भारतीयों को भारत में संपत्ति विरासत में मिल सकती है?
हाँ, अनिवासी भारतीयों (Non-Resident Indians) को भारत में संपत्ति विरासत में मिलती है। हालाँकि, विरासत पर कोई कर नहीं लगाया गया है।
क्या विरासत में प्राप्त जीवन बीमा पर कर लगता है?
किसी नीतिधारक की अचानक मृत्यु के कारण जीवन बीमा नीति से होने वाली किसी भी आय पर कर छूट प्रदान की जाती है।
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