हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री ने नौसेना के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल (INS Imphal) के क्रेस्ट (Crest) का अनावरण किया।
भारतीय नौसेना ने अपने नवीनतम और तकनीकी रूप से सबसे उन्नत इस युद्धपोत का नाम ऐतिहासिक शहर इंफाल के नाम पर रखते हुए, प्रमुख शहरों, पर्वत शृंखलाओं, नदियों, तालाबों एवं द्वीपों पर नौसेना के जहाज़ों के नामकरण की परंपरा को जीवंत रखा है।
यह पहला कैपिटल युद्धपोत (Capital Warship) है जिसका नाम पूर्वोत्तर भारत के किसी शहर के नाम पर रखा गया है।
कांगला पैलेस और कांगला-सा’: आईएनएस इंफाल के क्रेस्ट में बाईं ओर कांगला पैलेस (Kangla Palace) और दाईं ओर ‘कांगला-सा’ (Kangla Sa) को दर्शाया गया है। कांगला पैलेस मणिपुर का एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक स्थल है, तथा ‘कांगला-सा’ ड्रैगन के सिर और शेर के शरीर को धारण करने वाला मणिपुर के पौराणिक साक्ष्यों में उल्लिखित एक प्राणी है, जिसे मणिपुर के लोगों के रक्षक के रूप में वर्णित किया जाता है। ‘कांगला-सा’ मणिपुर का राज्य प्रतीक भी है।
यह भारत की स्वतंत्रता, संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति मणिपुर के लोगों द्वारा दिए गए बलिदान को श्रद्धांजलि देने का प्रतीक है।
आईएनएस इंफाल: यह प्रोजेक्ट 15बी (Project 15B or P15B) के तहत स्वीकृत चार स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसकों में से तीसरा पोत है:
आईएनएस इंफाल को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया तथा इसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ‘मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड’ (MLD) द्वारा बनाया गया है।
जहाज़ का वजन 7,400 टन, कुल लंबाई 164 मीटर है तथा यह 30 समुद्री मील (56 किमी./घंटा) से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।
इसे ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज़-रोधी मिसाइलों और टॉरपीडो सहित अत्याधुनिक हथियारों तथा सेंसर से लैस है।
आईएनएस इंफाल की आधारशिला 19 मई, 2017 को रखी गई थी और इसे 20 अप्रैल, 2019 को समुद्र में उतारा गया था।
इस युद्धपोत को अगले माह नौसेना में शामिल किया जाएगा, जिससे यह ऐसा पहला स्वदेशी विध्वंसक युद्धपोत बन जाएगा जिसके निर्माण तथा समुद्री परीक्षणों को पूरा करने में सबसे कम समय लगेगा।
महत्त्व: यह जहाज़ विश्व में तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोतों में से एक है जो भारत की स्वदेशी जहाज़ निर्माण क्षमता को रेखांकित करता है। इस युद्धपोत में लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है जिसमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
मध्यम दूरी की सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें (बीईएल, बैंगलोर)
ब्रह्मोस: सतह-से-सतह पर मार करने वाली मिसाइलें (ब्रह्मोस एयरोस्पेस, नई दिल्ली)
प्रोजेक्ट 15B की पृष्ठभूमि: भारतीय नौसेना में निर्देशित मिसाइल विध्वंसक को शामिल करने के लिए 1990 के दशक में प्रोजेक्ट 15 लॉन्च किया गया था। इस प्रोजेक्ट का नाम ‘दिल्ली क्लास’ रखा गया। इसके बाद प्रोजेक्ट 15ए या कोलकाता क्लास की शुरुआत की गई, जो मुख्य रूप से सतह के जहाज़ों में उन्नत तकनीक और उपकरणों पर केंद्रित था।
प्रोजेक्ट 15B या विशाखापत्तनम प्रोजेक्ट 15ए विध्वंसक का अनुवर्ती वर्ग है। इस परियोजना को जनवरी 2011 में अत्याधुनिक हथियार और सेंसर, उन्नत स्टेल्थ तकनीकों, लंबी दूरी तय करने की क्षमता आदि लक्ष्यों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया था।
P15B के तहत पहले युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम को नवंबर 2021 को और दूसरा युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ दिसंबर 2022 में लॉन्च किया गया था। इस परियोजना के तहत चौथा युद्धपोत आईएनएस सूरत, 17 मई, 2022 को लॉन्च किया गया था और यह आउटफिटिंग के उन्नत चरण में है।
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