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‘घोस्ट पार्टिकल्स’ का पता लगाने के लिए जल के नीचे दूरबीनों की स्थापना

Lokesh Pal January 04, 2025 03:47 36 0

संदर्भ

वैज्ञानिक उच्च ऊर्जा वाले न्यूट्रिनो, जिन्हें ‘घोस्ट पार्टिकल्स’ भी कहा जाता है, जिनका पता लगाने के लिए भूमध्य सागर के नीचे दो दूरबीनें तैनात कर रहे हैं।

न्यूट्रिनो क्या हैं?

  • न्यूट्रिनो इलेक्ट्रॉनों के समान छोटे कण होते हैं, लेकिन उनमें कोई विद्युत आवेश नहीं होता।
  • वे ब्रह्मांड के मूलभूत निर्माण खंडों में से एक हैं।
  • न्यूट्रिनो का पहली बार वर्ष 1959 में पता लगाया गया था।

  • न्यूट्रिनो ब्रह्मांड में फोटॉन के बाद दूसरे सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले उप-परमाणु कण हैं।
    • वे अविश्वसनीय रूप से असंख्य हैं, लगभग 1 बिलियन न्यूट्रिनो प्रत्येक सेकंड अंतरिक्ष के एक घन सेंटीमीटर से गुजरते हैं।
  • न्यूट्रिनो के स्रोत
    • न्यूट्रिनो का निर्माण तब होत़ा है, जब भारी कण हल्के कणों में परिवर्तित हो जाते हैं, इस प्रक्रिया को ‘क्षय’ कहा जाता है।

भारतीय न्यूट्रिनो वेधशाला (Indian Neutrino Observatory- INO)

  • यह मौलिक वैज्ञानिक अवधारणाओं का अध्ययन करने के लिए एक विश्व स्तरीय भूमिगत प्रयोगशाला बनाने की परियोजना है।
  • उद्देश्य: इसका मुख्य अध्ययन न्यूट्रिनो के अध्ययन पर केंद्रित है।
  • वित्तपोषित: परमाणु ऊर्जा विभाग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग।

    • ये न्यूट्रिनो दूरस्थ एवं विचित्र ब्रह्मांडीय घटनाओं से उत्पन्न होते हैं जैसे-
      • सुपरनोवा
      • गामा-रे विस्फोट
      • कॉलिडिंग स्टार्स
    • यद्यपि न्यूट्रिनो प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, किंतु वैज्ञानिकों का ध्यान अविश्वसनीय गति से यात्रा करने वाले दुर्लभ, उच्च-ऊर्जा न्यूट्रिनो पर केंद्रित है।

उच्च ऊर्जा न्यूट्रिनो के अध्ययन का महत्त्व

  • अंतरिक्ष के अज्ञात क्षेत्रों की खोज
    • उच्च ऊर्जा वाले न्यूट्रिनो अंतरिक्ष मे अत्यधिक सघन क्षेत्रों में प्रवेश कर सकते हैं, जैसे कि आकाशगंगा का केंद्र।
    • दृश्य प्रकाश के विपरीत, जो धूल द्वारा अवशोषित या बिखरा हुआ होता है, न्यूट्रिनो छिपे हुए ब्रह्मांडीय तंत्रों को प्रकट करते हुए, उससे होकर गुजरते हैं।
  • कॉस्मिक किरणों तथा डार्क मैटर को समझना
    • वे इस संबंध में साक्ष्य प्रदान करते हैं कि कॉस्मिक किरणें कैसे उत्पन्न होती हैं।
    • वे ब्रह्मांड के सबसे बड़े रहस्यों में से एक डार्क मैटर पर भी प्रकाश डाल सकती हैं।
  • नई खोजों का द्वार खोलना
    • न्यूट्रिनो का अध्ययन करने से उन अज्ञात घटनाओं की खोज हो सकती है, जिनकी वैज्ञानिक अभी तक कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

न्यूट्रिनो का पता लगाने में चुनौतियाँ

  • पदार्थ के साथ दुर्लभ संपर्क
    • न्यूट्रिनो अन्य कणों के साथ मुश्किल से संपर्क करते हैं, जिससे उन्हें पहचानना बेहद जटिल हो जाता है।
    • प्रत्येक सेकंड अरबों न्यूट्रिनो हमारे शरीर से होकर गुजरते हैं, लेकिन पूरे जीवनकाल में सिर्फ एक ही न्यूट्रिनो मानव शरीर के साथ संपर्क कर सकता है।
  • उच्च ऊर्जा वाले न्यूट्रिनो दुर्लभ हैं
    • उच्च ऊर्जा वाले न्यूट्रिनो असामान्य हैं तथा सुपरनोवा और गामा-रे विस्फोट जैसी दुर्लभ ब्रह्मांडीय घटनाओं से उत्पन्न होते हैं।
    • यहाँ तक कि आइसक्यूब जैसी उन्नत वेधशालाएँ, जो वर्ष 2011 से संचालित हैं, ने भी इन कणों की केवल सीमित संख्या का ही पता लगाया है।
  • बड़े डिटेक्शन वॉल्यूम की आवश्यकता
    • न्यूट्रिनो का पता लगाने के लिए बर्फ या जल जैसे पारदर्शी पदार्थ की एक बड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है, ताकि उनके द्वारा उत्पन्न होने वाली प्रकाश की मंद चमक का निरीक्षण किया जा सके।
  • अंधकारमय वातावरण की आवश्यकता
    • पता लगाने के लिए चेरेनकोव विकिरण का निरीक्षण किया जाता है, जो न्यूट्रिनो द्वारा जल या बर्फ के अणुओं के साथ संपर्क किए जाने पर उत्पन्न होने वाली हल्की चमक होती है।
    • अन्य प्रकाश स्रोतों से हस्तक्षेप को कम करने के लिए एक अंधकारमय वातावरण महत्त्वपूर्ण है।
  • प्रकाश अवशोषण एवं प्रकीर्णन
    • बर्फ और जल जैसे पदार्थ प्रकाश को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं:-
      • बर्फ प्रकाश को अधिक प्रकीर्णन करती है, जिससे न्यूट्रिनो के सटीक स्रोत का पता लगाना कठिन हो जाता है।
      • पानी प्रकाश को अधिक अवशोषित करता है, जिससे विश्लेषण के लिए उपलब्ध मात्रा कम हो जाती है।

दूरबीनों के बारे में

  • ये दूरबीनें क्यूबिक किलोमीटर न्यूट्रिनो टेलीस्कोप (KM3NeT) परियोजना का हिस्सा हैं।
  • दूरबीनों का उद्देश्य
    • अंतरिक्ष न्यूट्रिनो का अध्ययन: यह दूरबीन बाहरी अंतरिक्ष से उत्पन्न होने वाले उच्च-ऊर्जा न्यूट्रिनो का पता लगाएगी।
    • वायुमंडलीय न्यूट्रिनो का विश्लेषण: दूसरी दूरबीन पृथ्वी के वायुमंडल में उत्पन्न न्यूट्रिनो पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  • KM3NeT दूरबीनें अंटार्कटिका में आइसक्यूब न्यूट्रिनो वेधशाला के समान हैं, जो उच्च-ऊर्जा न्यूट्रिनो का भी अध्ययन करती है।
  • अंतर
    • इसे आइसक्यूब को जमी हुई बर्फ में स्थापित किया गया है, जबकि KM3NeT दूरबीनों को भूमध्य सागर में जल के नीचे स्थापित किया गया है।

जल के नीचे दूरबीनों के मुख्य लाभ

  • स्पष्ट पहचान: जल प्रकाश को कम बिखेरता है, जिससे न्यूट्रिनो ट्रैकिंग में सुधार होता है।
  • कॉस्मिक एक्सप्लोरेशन: सुपरनोवा और गामा-रे बर्स्ट जैसी छिपी हुई घटनाओं का अध्ययन करता है।
  • बड़ी मात्रा: गहरे समुद्र का जल प्रभावी न्यूट्रिनो पहचान को सक्षम बनाता है।
  • बर्फ से बेहतर: जल आधारित दूरबीनें बर्फ की तुलना में अधिक स्पष्ट स्थितियाँ प्रदान करती हैं।

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