100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

इसरो का ‘भूस्खलन एटलस’

Lokesh Pal August 01, 2024 05:40 136 0

संदर्भ

केरल के वायनाड (जहाँ एक घातक भूस्खलन की घटना हुई थी, जिसमें लगभग 200 लोगों की जान चली गई थी) को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा वर्ष 2023 में तैयार किए गए ‘भारत के भूस्खलन एटलस’ में 13वाँ स्थान दिया गया है, जो प्रमुख सामाजिक-आर्थिक मापदंडों के संदर्भ में भूस्खलन के जोखिम पर आधारित है।

वायनाड में भूस्खलन

  • केरल के वायनाड जिले के मुंदक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांँवों में रात डेढ़ बजे से सुबह चार बजे के बीच भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें कम-से-कम 256 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए तथा पूरे के पूरे गांँव नक्शे से समाप्त हो गए।
    • इस भूस्खलन को केरल राज्य में अब तक की सबसे भयंकर भूस्खलन आपदा बताया जा रहा है।

  • वायनाड के मेपाडी पंचायत के मुंदक्कई में अत्यधिक वर्षा के कारण भूस्खलन हुआ।
  • परिमाण: भूस्खलन इतना भयानक था कि इससे घाटी में छ: से सात किलोमीटर नीचे तक मलबा और जल का बहाव हुआ और पहाड़ी की चोटी से आए अत्यधिक जल बहाव ने छोटी इरुवाझिंजी नदी के जलस्तर को परिवर्तित कर दिया।
    • सामान्य भूस्खलन में, मलबे का प्रवाह 1-1.5 किमी. तक सीमित होता है।
  • उच्च संवेदनशीलता क्षेत्र:  वर्ष 2019 में पुथुमाला में हुए भूस्खलन के बाद, GSI ने इस क्षेत्र को भूस्खलन के लिए उच्च संवेदनशीलता क्षेत्र माना है, जो यहाँ  से लगभग 5 किमी. दूर स्थित  है।

केरल का भूस्खलन एटलस

  • केरल में सबसे अधिक 2,239 भूस्खलन आए हैं, जिनमें से अधिकतर वर्ष 2018 में राज्य में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद आए, जो जीएसआई डेटाबेस के अनुसार देश में सर्वाधिक है।

  • केरल के शीर्ष भूस्खलन संभावित जिलों में त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम् और कोझिकोड शामिल हैं, जो भारत के भूस्खलन एटलस में क्रमशः तीसरे, पाँचवें, सातवें और दसवें स्थान पर हैं।
  • केरल के अन्य जिलें: केरल में एर्नाकुलम जिला 15वें, इडुक्की 18वें और कोट्टायम, (24वें), कन्नूर (26), तिरुवनंतपुरम् (28), पथानामथिट्टा (33), कासरगोड (44), कोल्लम् (48) और अलाप्पुझा (138) स्थान पर है।
  • सीएजी की अनुपालन लेखा परीक्षा रिपोर्ट 2022: वायनाड वन्यजीव अभयारण्य की प्रबंधन योजना के अनुसार, वायनाड जिले की वन भूमि वर्ष 1950 में 1,811.35 वर्ग किमी. से घटकर वर्ष 2021 में 863.86 वर्ग किमी. रह गई (947.49 वर्ग किमी. की कमी), जिससे  निरंतर बने रहने वाले वनस्पति आवरण का विखंडन हुआ।

भारत का भूस्खलन एटलस

  • एटलस ने भारत के 17 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 147 भूस्खलन संभावित जिलों का मूल्यांकन और रैंकिंग की है;
    • यह डेटाबेस हिमालय और पश्चिमी घाट में भारत के भूस्खलन-संवेदनशील क्षेत्रों को कवर करता है।
  • निर्माणकर्ता: भारत का भूस्खलन एटलस राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र द्वारा फरवरी 2023 में तैयार किया गया है।
    • एनआरएससी ने 1:25,000 पैमाने पर भूस्खलन खतरा क्षेत्रीकरण (LHZ) मानचित्र और एटलस को तैयार किया है।
  • डेटा स्रोत: आईआरएस-1डी पैन+लिस-III, रिसोर्ससैट-1, 2 और 2A LISS-IV एमएक्स, कार्टोसैट-1 और 2S से उच्च से लेकर अति उच्च रिजॉल्यूशन प्रकृति के उपग्रह डेटा प्राप्त किए गए तथा भूस्खलन के मानचित्रण कर लिए हवाई चित्रों का उपयोग किया गया।
  • भूस्खलन सूची: डेटाबेस में मुख्य रूप से तीन प्रकार की सूची शामिल है, अर्थात् वर्ष 1998-2022 की अवधि के लिए मौसमी, घटना-वार और मार्ग-वार भूस्खलन सूची, जो हॉटस्पॉट क्षेत्रों को दर्शाती है।
    • इन्वेंटरी डेटाबेस भुवन पोर्टल में एक वेब जीआईएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। 
    • भू-स्थानिक भूस्खलन इन्वेंटरी डेटाबेस में (GIS) आपदा प्रबंधन सहायता कार्यक्रम के तहत भारत में लगभग 80,000 मानचित्रीकृत किए गए भूस्खलन शामिल हैं।
  • सर्वाधिक भूस्खलन संभावित जिला: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग को भूस्खलन एटलस में प्रथम स्थान दिया गया।
  • सुभेद्यता/संवेदनशीलता
    • पश्चिमी घाट के निवासी और परिवार, विशेष रूप से केरल में, अत्यधिक जनसंख्या और घरेलू घनत्व के कारण भूस्खलन के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। 
    • हालांँकि, पश्चिमी घाट में हिमालयी क्षेत्रों की तुलना में भूस्खलन की घटनाएँ कम होती हैं। 
    • पश्चिमी घाट की खड़ी ढलानों पर भूस्खलन की घटनाएंँ दर्ज की जाती हैं, लेकिन फिर भी, ये मुख्य रूप से ढलानों पर मृदा  के आवरण द्वारा नियंत्रित होती हैं।

भूस्खलन:

  • परिभाषा: भूस्खलन चट्टान, पत्थर, मिट्टी या मलबे का ढलान से अचानक नीचे खिसकना है। 
  • सुभेद्यता/संवेदनशीलता: भारत विश्व स्तर पर भूस्खलन की आशंका वाले शीर्ष पांँच देशों में से एक है, जहांँ प्रति वर्ष प्रति 100 वर्ग किमी. में कम-से-कम एक मृत्यु होती है।
    • भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के अनुसार, भारत का लगभग 0.42 मिलियन वर्ग किमी. भू-भाग, या इसका लगभग 13% क्षेत्र, जो 15 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में फैला है, भूस्खलन से ग्रस्त है।
      • 0.18 मिलियन वर्ग किमी. उत्तर पूर्व हिमालय में पड़ता है, जिसमें दार्जिलिंग और सिक्किम हिमालय शामिल है।
      • 0.14 मिलियन वर्ग किमी उत्तर पश्चिमी हिमालय (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर) में पड़ता है।
      • पश्चिमी घाट और कोंकण पहाड़ियों में 0.09 मिलियन वर्ग किमी. (तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र)।
      • आंध्र प्रदेश के अरुकु क्षेत्र के पूर्वी घाट में 0.01 मिलियन वर्ग किमी. क्षेत्र शामिल है।

  • प्रवाह के प्रकार
    • मलबे का प्रवाह: यह बड़े पैमाने पर तीव्र संचलन का एक रूप है, जिसमें ढीली मिट्टी, चट्टान, कार्बनिक पदार्थ, घोल का संयोजन होता है, जो सामान्यत: तीव्र वर्षा या तेजी से बर्फ पिघलने के कारण ढलान से नीचे की ओर बहता है।
    • भू-प्रवाह: यह जल से संतृप्त बारीक कणों वाली सामग्री का ढलान से नीचे की ओर चिपचिपा प्रवाह है।
    • मडफ्लो: मडफ्लो, महीन और मोटे दाने वाली सामग्री का गीला या चिपचिपा तरल द्रव्यमान है, जो जल निकासी चैनलों के साथ तेजी से बहता है।
    •  विसर्पण/खिसकना:  विसर्पण गुरुत्वाकर्षण के तहत सामग्री की धीमी, स्थिर, नीचे की ओर गति है जो बड़े क्षेत्र में होती है।
  • कारण: भूस्खलन निम्नलिखित कारणों से होता है,
    • प्राकृतिक कारक: वर्षा, बाढ़ या उत्खनन के कारण ढलानों का कटाव, भूकंप, बर्फ का पिघलना।
    • मानवजनित: मवेशियों द्वारा अत्यधिक चराई, भू-भाग की कटाई और भराव, अत्यधिक विकास, आदि।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.