100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

इसरो ने CE20 क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया

Lokesh Pal December 16, 2024 02:49 26 0

संदर्भ

इसरो ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में आयोजित CE20 क्रायोजेनिक इंजन के समुद्र तल पर प्रज्वलन संबंधी परीक्षण के साथ एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की।

CE20 क्रायोजेनिक इंजन के संबंध में

  • CE20 क्रायोजेनिक इंजन एक रॉकेट इंजन है, जो ईंधन और ऑक्सीडाइजर दोनों के रूप में तरलीकृत गैसों का उपयोग करता है।
  • इन गैसों को उनकी तरल अवस्था बनाए रखने के लिए बेहद कम तापमान पर रखा जाता है।

  • लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर द्वारा विकसित, CE20 इंजन लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-3) के ऊपरी चरण को शक्ति प्रदान करता है।
  • प्रयुक्त ईंधन और ऑक्सीडाइजर
    • तरल ऑक्सीजन (LOX): यह ऑक्सीडाइजर के रूप में कार्य करती है। यह -183°C पर द्रवीभूत हो जाती है।
    • तरल हाइड्रोजन (LH2): यह ईंधन के रूप में कार्य करती है, जो -253°C पर द्रवीभूत हो जाती है।
    • LOX और LH2 के बीच की प्रतिक्रिया प्रणोदन के लिए थ्रस्ट उत्पन्न करती है।
  • विशेषताएंँ
    • इंजन पुनः आरंभ करने की क्षमता: मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर से लैस, इंजन को मिशन के बीच में पुनः आरंभ करने में सक्षम बनाता है, जो गगनयान जैसे मिशनों के लिए महत्त्वपूर्ण है।
      • इस परीक्षण में नोजल बंद किए बिना ‘वैक्यूम इग्निशन’ करने की इसरो की क्षमता को मान्य किया गया, जिससे इसकी क्रायोजेनिक प्रणोदन क्षमताओं में वृद्धि हुई।
    • नोजल सुरक्षा प्रणाली: नोजल में प्रवाह पृथक्करण को रोकता है और कंपन को कम करता है, जिससे प्रदर्शन में वृद्धि होती है और परीक्षण प्रक्रियाओं को सरल बनाता है।
    • उच्च दक्षता: उच्च थ्रस्ट प्रदान करता है और पेलोड क्षमता को बढ़ाता है।
  • अनुप्रयोग: मुख्य रूप से रॉकेट के ऊपरी चरणों में उपयोग किया जाता है, जहाँ उपग्रहों या अंतरिक्ष यान को कक्षा में स्थापित करने के लिए उच्च दक्षता आवश्यक है।
    • इंजन, जो शुरू में 19 टन के थ्रस्ट के लिए योग्य था, को अपग्रेड करके भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष यान, गगनयान मिशन के लिए 20 टन किया गया है।
    • C32 चरण के लिए 22 टन, जिससे LVM3 रॉकेट की पेलोड क्षमता में वृद्धि हुई है।

इसरो द्वारा प्रयुक्त अन्य क्रायोजेनिक इंजन 

  • KVD-1: 1980 के दशक में सोवियत संघ द्वारा आपूर्ति की गई।
    • भारत के क्रायोजेनिक इंजन विकास के लिए आधार के रूप में कार्य किया।
  • CE-7.5: भारत द्वारा विकसित एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन।
    • KVD-1 के डिजाइन पर आधारित।
  • केवल छह देशों ने अपनी क्रायोजेनिक इंजन तकनीक विकसित की है:
    • संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्राँस/यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, रूस, चीन, जापान और भारत।

भविष्य की संभावनाएँ 

  • यह परीक्षण क्रायोजेनिक इंजन परीक्षण विधियों में सुधार का मार्ग प्रशस्त करता है और उच्च-थ्रस्ट क्षमताओं की आवश्यकता वाले भविष्य के मिशनों का समर्थन करता है।
  • ये संवर्द्धन मानवयुक्त अंतरिक्ष अन्वेषण और भारी पेलोड प्रक्षेपण के लिए भारत की महत्त्वाकांक्षाओं में योगदान करते हैं।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.