हाल ही में भारत के जगजीत पवाडिया अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड में तीसरे कार्यकाल के लिए पुनर्निवाचित किए गए।
संबंधित तथ्य
भारत को संयुक्त राष्ट्र में कई प्रमुख निकायों के लिए चुना गया है।
तीसरा कार्यकाल: जगजीत पवाडिया को मार्च 2025-2030 तक पाँच वर्ष के तीसरे कार्यकाल के लिए गुप्त मतदान द्वारा अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड के लिए फिर से चुना गया, उन्हें अत्यधिक प्रतिस्पर्द्धी चुनाव में सर्वाधिक वोट प्राप्त हुए।
भारत को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के 53 वोटिंग सदस्यों में से 41 वोट मिले, जो सभी विजेता सदस्य देशों में सबसे अधिक है।
अन्य निकायों में भारत की उपस्थिति के उदाहरण
भारत को वर्ष 2025-2029 की अवधि के लिए ‘महिलाओं की स्थिति पर आयोग’ के लिए भी चुना गया;
वर्ष 2025-2027 की अवधि के लिए ‘संयुक्त राष्ट्र बाल कोष’ के कार्यकारी बोर्ड में चुना गया;
वर्ष 2025-2027 के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के कार्यकारी बोर्ड और परियोजना सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में चुना गया है।
वर्ष 2025-2027 कार्यकाल के लिए लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र इकाई के कार्यकारी बोर्ड में चुना गया है।
वर्ष 2025-2027 कार्यकाल के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी बोर्ड के लिए भी चुना गया है।
जगजीत पवाडिया
इनका जन्म वर्ष 1954 में हुआ।
पवाडिया ने भारत सरकार में 35 वर्षों तक भारतीय राजस्व सेवा में कई वरिष्ठ पदों पर कार्य किया है, जिनमें भारत के नारकोटिक्स आयुक्त, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (2006-2012); आयुक्त, कानूनी मामले (2001-2005) और मुख्य सतर्कता अधिकारी, पॉवर फाइनेंस कॉरपोरेशन (1996-2001) शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड
परिचय
इसकी स्थापना वर्ष 1968 में हुई थी।
यह बोर्ड संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय औषधि नियंत्रण सम्मेलनों के कार्यान्वयन के लिए स्वतंत्र और अर्द्ध-न्यायिक निगरानी निकाय है।
सदस्य
इसमें 13 सदस्य होते हैं, जो आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा चुने जाते हैं।
सदस्य अपनी व्यक्तिगत क्षमता से सेवा करते हैं और सरकारी प्रतिनिधि नहीं हैं।
13 सदस्यों में से, चिकित्सा, औषधीय या फार्मास्युटिकल अनुभव वाले 3 सदस्यों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा नामित सूची से चुना जाता है और 10 सदस्यों को सरकारों द्वारा नामित सूची से चुना जाता है।
अधिदेश
यह चिकित्सा और वैज्ञानिक उपयोग के लिए दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
यह सुनिश्चित करता है कि दवाओं को कानूनी स्रोत से अवैध स्रोत की ओर न ले जाया जाए।
यह दवाओं के अवैध निर्माण में उपयोग किए जाने वाले रसायनों पर सरकार के नियंत्रण की निगरानी करता है और उन रसायनों को अवैध तस्करी में बदलने से रोकने में उनकी सहायता करता है।
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