6 दिसंबर, 2023 को लोकसभा ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित कर दिया।
संबंधित तथ्य
इनका उद्देश्य केंद्रशासित प्रदेश में कुछ समूहों को अधिकार प्रदान करना और उनके साथ होने वाले अन्याय को संबोधित करना है।
जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023:
पृष्ठभूमि: जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023, पहली बार 26 जुलाई, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया था।
उद्देश्य: जम्मू- कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन करना।
मूल अधिनियम: यह अधिनियम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के सदस्यों को नौकरियों और व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण प्रदान करता है।
संशोधन संबंधी मुख्य प्रावधान: यह उन लोगों के एक वर्ग की स्थिति को बदलना चाहता है जो नियुक्तियों और प्रवेशों में कोटा के लिए पात्र हैं।
विधेयक के अनुसार, “सरकार किसी भी वर्ग को एक आयोग की सिफारिशों पर कमज़ोर और वंचित वर्गों की श्रेणी में शामिल या इनका बहिष्करण कर सकती है।” यह विधेयक केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर द्वारा घोषित कमज़ोर और वंचित वर्गों को अन्य पिछड़े वर्गों से भी प्रतिस्थापित करता है।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023:
पृष्ठभूमि: जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पहली बार 26 जुलाई, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया था।
संशोधन लक्ष्य: कश्मीरी प्रवासियों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से विस्थापित व्यक्तियों के लिए विधानसभा में बेहतर प्रतिनिधित्व के लिए जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करना।
सीट आवंटन: कश्मीरी प्रवासी समुदाय से दो सदस्यों और PoK से विस्थापित व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को विधानसभा में नामित करने का प्रस्ताव।
विधानसभा सीटों में बढ़ोतरी: विधानसभा में सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 की जाएगी।
एससी/एसटी के लिए आरक्षण: विधेयक में एससी और एसटी सदस्यों के लिए सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है।
नामांकन प्रावधान: उपराज्यपाल के लिए “कश्मीरी प्रवासी” समुदाय से एक महिला सहित दो सदस्यों और “पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के विस्थापित व्यक्तियों” से एक सदस्य को नामांकित करने के लिए नई धारा 15A और 15B प्रस्तावित हैं।
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