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जेनु कुरुबा समुदाय

Lokesh Pal May 12, 2025 03:17 8 0

संदर्भ

हाल ही में जेनु कुरुबा जनजाति के सदस्यों ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 (FRA) के तहत अपने अधिकारों का दावा करने के लिए नागरहोल टाइगर रिजर्व के भीतर भूमि पर अधिकार कर लिया है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • इस समुदाय को नागरहोल टाइगर रिजर्व (NTR) में उनकी पैतृक भूमि से बेदखल कर दिया गया था। 
  • बेदखली का उद्देश्य वन्यजीव और बाघ संरक्षण को बढ़ावा देना था।

जेनु कुरुबा समुदाय के बारे में

  • जेनु कुरुबा जनजाति को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • वे मुख्य रूप से कर्नाटक के कोडागु और मैसूर जिलों में निवास करते हैं।
  • ‘जेनु कुरुबा’ नाम कन्नड़ शब्द ‘जेनु’ से लिया गया है, जिसका अर्थ शहद होता है।

रहन-सहन और व्यवसाय

  • वे आय के लिए भूमि एवं वन संसाधनों पर निर्भर हैं।
  • उनके पारंपरिक व्यवसायों में शहद, भोजन एकत्रित करना और वन संसाधनों का उपयोग करना शामिल है।
    • वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 ने कानूनी रूप से वनों पर जनजातियों के अधिकारों को मान्यता दी है।
  • उन्हें ‘थेन  कुरुंबा’ (Then  Kurumba) और ‘कट्टू नायकर’ (Kattu Naikar) के नाम से भी जाना जाता है।
  • वे हादी नामक छोटी बस्तियों में रहते हैं।

नागरहोल टाइगर रिजर्व (NTR)

  • यह कर्नाटक में मैसूर और कोडागु तक विस्तृत है।
  • पहले इसे राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता था।
  • नागरहोल की सीमाएँ
    • दक्षिण में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (केरल) 
    • दक्षिण पूर्वी भाग में बाँदीपुर टाइगर रिजर्व है।
  • नामकरण: ‘नागरहोल’ नदी के नाम पर, जिसका कन्नड़ भाषा में शाब्दिक अर्थ है ‘सर्प नदी’ (नागर=सर्प; होल=नदी)।
  • स्थापना: प्रारंभ में वर्ष 1955 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में गठित किया गया था।
    • बाद में, वर्ष 1983 में इसे राष्ट्रीय उद्यान में परिवर्तित कर दिया गया।
    • वर्ष 2007 में, इसे क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (CTH) घोषित किया गया।

सामाजिक संरचना

  • जेनु कुरुबा जनजाति अर्द्ध-खानाबदोश जीवन शैली का पालन करती है और प्रशासकों, पुलिस या धार्मिक व्यवस्थाओं पर निर्भर नहीं रहती है।
  • उनकी अपनी नेतृत्व प्रणाली है:-
    • यजमान – मुखिया, जो समुदाय के मामलों का प्रबंधन करता है।
    • गुड्डा – धार्मिक मामलों के लिए उत्तरदायी अनुष्ठान प्रमुख।
  • मुखिया धार्मिक निर्णयों को छोड़कर सभी सामुदायिक कार्यों का ध्यान रखता है।

मान्यताएँ और परंपराएँ

  • वे ओदाथी (देवी) और अज्जय्या (भगवान) जैसे अपने देवताओं की पूजा करते हैं।
  • उनके गीत और नृत्य कृषि, विवाह, मिथकों और धार्मिक विश्वासों से संबंधित विषयों को दर्शाते हैं।

वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006

  • आधिकारिक नाम: अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006।
  • नोडल मंत्रालय: जनजातीय कार्य मंत्रालय।
  • उद्देश्य: अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पारंपरिक वनवासियों (OTFD) को वन अधिकार प्रदान करना, जो 13 दिसंबर, 2005 से पहले कम-से-कम तीन पीढ़ियों से वनों में निवास कर रहे हैं।

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