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TRIPS समझौते की समीक्षा के लिए संयुक्त आह्वान

Lokesh Pal March 15, 2024 05:56 110 0

संदर्भ 

हाल ही में भारत ने बांग्लादेश, कोलंबिया और मिस्र के साथ मिलकर TRIPS समझौते की समीक्षा के लिए विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation- WTO) के मंच पर एक संयुक्त आह्वान किया है।

संबंधित तथ्य 

  • TRIPS समझौते के अनुच्छेद-71 के तहत समीक्षा के लिए संयुक्त आह्वान: हाल ही में अबू धाबी में आयोजित WTO के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में कोविड-19 चिकित्सीय उत्पादन से संबंधित कुछ बौद्धिक संपदा अधिकारों में अस्थायी छूट को बढ़ाने पर आम सहमति नहीं बनी, जिसके बाद संयुक्त आह्वान की घोषणा की गई।
  • समीक्षा के लिए संयुक्त आह्वान का केंद्र-बिंदु: प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा, विभिन्न विकासात्मक आयाम तथा विकासशील एवं कम विकसित देशों की अन्य समस्याओं को संबोधित करना।
  • CBD के साथ TRIPS समझौते की अनुरूपता की माँग: TRIPS समझौते तथा जैव विविधता सम्मेलन (CBD) के बीच संबंधों की त्वरित जाँच एवं निगरानी।

वर्ष 2001 के TRIPS समझौते और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर दोहा घोषणा

  • बौद्धिक संपदा (IP) और सार्वजनिक स्वास्थ्य: इस घोषणा में स्पष्ट किया गया है कि TRIPS समझौता के तहत, इसके सदस्यों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और सदस्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए उपाय करने से रोका नहीं जाना चाहिए।
  • नियमों में छूट: अनिवार्य लाइसेंसिंग और IP अधिकारों की समाप्ति।

TRIPS समझौता, 2022

COVID-19 टीकों तक समान रूप से पहुँच सुनिश्चित करना: इस समझौते ने WTO के सदस्यों के लिए पेटेंट अधिकारों को सीमित करने तथा COVID-19 टीकों तक समान पहुँच के लिए मौजूदा प्रक्रिया को स्पष्ट किया है।

  • TRIPS समझौते एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य (2001) से संबंधित दोहा घोषणा तथा वर्ष 2022 के TRIPS समझौते की जाँच की माँग।
  • आगामी 14वें WTO मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के लिए सिफारिश: TRIPS परिषद ने कहा है कि इन सभी सिफारिशों को कैमरून में प्रस्तावित आगामी 14वें WTO मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में निर्धारित किया जाएगा।

बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित व्यापारिक पहलू (Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights- TRIPS)

  • इसकी घोषणा 1995 में हुई थी।
  • समझौता: विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation- WTO) के अंतर्गत।
  • उद्देश्य: बौद्धिक संपदा (IP) अधिकारों की सुरक्षा तथा इसके प्रवर्तन के लिए वैश्विक स्तर पर मानक कानून की स्थापना।

TRIPS में छूट संबंधी चुनौतियाँ

जटिल IP अधिकार और विनिर्माण प्रक्रिया 

  • टीकों(Vaccine) के विकास एवं विनिर्माण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों पर बौद्धिक जटिलता का सामना करना पड़ रहा है।
  • इसके अंतर्गत व्यापार से संबंधित संवेदनशील जानकारी और कॉपीराइट अधिकार शामिल हैं जो महत्त्वपूर्ण डेटा, निर्माण प्रक्रिया, प्रयुक्त सामग्री, निर्माण सुविधा और विनियामक अधिकार  आदि की सुरक्षा करते हैं।
  • परिणामस्वरूप केवल पेटेंट में छूट प्रदान कर देने से निर्माता तुरंत वैक्सीन उत्पादन शुरू करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।

CBD और TRIPS समझौता  

  • CBD बनाम TRIPS समझौता
    • CBD के अनुसार, अपने जैविक संसाधनों पर सबंधित देश का संप्रभु अधिकार होता है; किंतु TRIPS समझौता के तहत, सदस्य देशों को जैविक संसाधनों (पौधों, जानवरों और सूक्ष्मजीवों) पर पेटेंट प्रदान करने की अनुमति दी गई है।

CBD के संबंध में TRIPS की सीमाएँ

  • लाभ वितरण के संबंध में विसंगति
    • TRIPS ने जैविक संसाधनों के दोहन सहित सभी तकनीकी क्षेत्रों के लिए पेटेंट अनिवार्य कर दिया है। हालाँकि इसके तहत, पेटेंट धारकों तथा सामग्री दाताओं के बीच लाभ साझा करने के लिए उचित तंत्र का अभाव है।
    • इसके विपरीत, CBD ने विकासशील देशों को लाभ में हिस्सेदारी की माँग करने के लिए कानूनी आधार प्रदान किया है।

बायोपाइरेसी (Biopiracy)

  • स्वदेशी समुदायों को उचित मुआवजा प्रदान किए बिना, इन समुदायों से प्राप्त जैविक संसाधनों या पारंपरिक ज्ञान का अनधिकृत उपयोग एवं इससे व्यावसायिक लाभ उठाना बायोपाइरेसी कहलाता है।

    • बायोपाइरेसी संबंधी चिंताएँ
      • TRIPS में जैविक संसाधनों के उपयोग के लिए पूर्व-सहमति जैसे प्रावधानों का अभाव है, जिसके कारण बायोपाइरेसी की संभावना बढ़ती है।
      • CBD के तहत, देशों को पूर्व-सहमति की आवश्यकता के संबंध में कानूनी अधिकार प्रदान किया गया है, जिसका उद्देश्य बायोपाइरेसी से संबंधित जोखिमों को कम करना है।
    • सार्वजनिक हित बनाम निजी अधिकार: TRIPS में सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं पोषण से ज्यादा IP अधिकार-धारकों के निजी हितों को प्राथमिकता दी गई है, जो सार्वजनिक हित पर CBD के प्रावधानों के विपरीत है।

TRIPS और CBD के बीच समरूपता लाने के लिए संभावित पहल 

  • CBD के प्रभुत्व को स्वीकार करना: विशेष रूप से जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के संबंध में, WTO के कानूनों की तुलना में जैव विविधता सम्मेलन (Convention on Biological Diversity- CBD) के प्रावधान ज्यादा प्रभावी हैं।
  • TRIPS समझौते की समीक्षा: इस समीक्षा के तहत, यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है कि देशों को अपनी जैव संपदा और पारंपरिक ज्ञान को IPR प्रणाली की अड़चनों से मुक्त करना होगा।
  • सामूहिक और स्वदेशी अधिकारों की मान्यता और प्राथमिकता: स्थानीय समुदायों की जैव विविधता और उससे संबंधित बौद्धिक संपदा पर सामूहिक अधिकारों को तत्काल मान्यता देना होगा।

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