भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डस्टलिक’ (EXERCISE DUSTLIK) 15 से 28 अप्रैल 2024 तक उज्बेकिस्तान गणराज्य में आयोजित किया जाएगा।
संबंधित तथ्य
भारतीय सेना की टुकड़ी भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक के 5वें संस्करण के लिए रवाना हो गई है।
60 कर्मियों वाली भारतीय सशस्त्र बल टुकड़ी का प्रतिनिधित्व भारतीय सेना के 45 कर्मियों द्वारा किया जा रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से जाट रेजिमेंट की एक बटालियन और भारतीय वायु सेना के 15 कर्मी शामिल हैं।
उज्बेकिस्तानी थल सेना और वायु सेना के लगभग 100 कर्मियों वाली उज्बेकिस्तान टुकड़ी का प्रतिनिधित्व, दक्षिणी ऑपरेशनल कमांड के कर्मियों द्वारा किया जाएगा।
सैन्य अभ्यास ‘डस्टलिक’
परिचय
अभ्यास ‘डस्टलिक’ भारत और उज्बेकिस्तान की सेनाओं के बीच आयोजित एक वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास है, जो भारत और उज्बेकिस्तान में बारी-बारी आयोजित किया जाता है।
इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत उप-पारंपरिक परिदृश्य में बहु-डोमेन संचालन करने के लिए सैन्य क्षमता को बढ़ाना है।
अंतिम एवं प्रथम संस्करण
संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डस्टलिक’ का पहला संस्करण वर्ष 2019 में ताशकंद में आयोजित हुआ था।
अंतिम संस्करण फरवरी 2023 में पिथौरागढ़ (भारत) में आयोजित किया गया था।
उद्देश्य
डस्टलिक अभ्यास का उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और पहाड़ी व अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में संयुक्त अभियानों को प्रभावी बनाने के लिए संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाना है।
यह उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास और विशेष हथियार कौशल की बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
अभ्यास घटक
अभ्यास के दौरान सामरिक अभ्यास में एक संयुक्त कमांड पोस्ट का निर्माण, एक खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, लैंडिंग साइट की सुरक्षा, छोटी टीम को किसी ऑपरेशन के लिए भेजना और वहाँ से बाहर निकालना, विशेष हेलिबोर्न ऑपरेशन, कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन, रूम इंटरवेंशन ड्रिल्स व अवैध ढाँचों को गिराने के अभ्यास शामिल होंगे।
महिला सहभागिता
दल में इन्फैंट्री के अलावा लड़ाकू सहायक हथियारों और सेवाओं के कर्मी शामिल हैं।
दो महिला अधिकारी भी भारतीय दल का हिस्सा हैं, जिनमें एक आर्टिलरी रेजिमेंट से और दूसरी आर्मी मेडिकल कोर से हैं।
उज्बेकिस्तान
यह मध्य एशिया में स्थित एक दोहरी भूमि से आबद्ध देश है।
यह पाँच भूमिबद्ध देशों से घिरा हुआ है: उत्तर में कजाकिस्तान; उत्तर-पूर्व में किर्गिस्तान; दक्षिण-पूर्व में ताजिकिस्तान; दक्षिण में अफगानिस्तान; और दक्षिण-पश्चिम में तुर्कमेनिस्तान।
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