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Lokesh Pal
August 28, 2025 03:15
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हाल ही में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने ‘उच्च न्यायपालिका के एक सदस्य’ के दबाव का उल्लेख करते हुए संबंधित मामले की सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया है।
इस मामले से अलग होने से कॉरपोरेट विवाद समाधान में न्यायिक स्वतंत्रता और ईमानदारी को लेकर चिंताएँ उजागर होती हैं। चूँकि दिवालियापन के मामलों में सामान्यतः बड़े वित्तीय हित जुड़े होते हैं, बाहरी दबाव डालने के प्रयास न्यायिक प्रक्रियाओं में मजबूत सुरक्षा तंत्र और पारदर्शिता की अनिवार्यता को उजागर करते हैं।
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