ग्रुप ऑफ फोर (G4) देशों- भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार का आह्वान किया।
संबंधित तथ्य
अन्य बहुपक्षीय समूहों, जैसे L69 और C-10 ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधारों के पक्ष में अपना समर्थन व्यक्त किया।
UNSC
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक प्रमुख संकट-प्रबंधन निकाय है।
इसे शांति बनाए रखने के लिए 193 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों पर बाध्यकारी दायित्व लागू करने का अधिकार है।
इसके 15 सदस्य हैं, जिनमें 5 स्थायी सदस्य और 10 गैर-स्थायी सदस्य हैं, जो अन्य संयुक्त राष्ट्र सदस्यों के बीच बारी-बारी से आते हैं।
अस्थायी सदस्य
दस: दो वर्ष के कार्यकाल के लिए महासभा द्वारा चुने जाते हैं।
मतदान अधिकार: स्थायी सदस्यों के समान मतदान अधिकार।
कोई वीटो शक्ति नहीं: प्रस्तावों को अवरुद्ध नहीं कर सकते।
सीमित प्रभाव: स्थायी सदस्यों की तुलना में कम प्रभाव रखते हैं।
G4 (‘ग्रुप ऑफ फोर’ का प्रस्ताव)
G4 सदस्य: जापान, ब्राजील, जर्मनी और भारत।
सभी UNSC के स्थायी सदस्य बनने के इच्छुक हैं।
समूह ने प्रस्ताव दिया है: परिषद की सदस्यता 15 से बढ़ाकर 25 की जाएगी, जिसमें छह स्थायी और चार अस्थायी सदस्य शामिल होंगे।
G4 राष्ट्र पारंपरिक रूप से वार्षिक उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान मिलते हैं।
G4 देश बनाम UfC (Coffee Club)
आम सहमति के लिए एकजुट होना (UfC): यह 1990 के दशक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीटों के विस्तार का विरोध करने वाले आंदोलन के रूप में उभरा।
सदस्य: अधिकांश सदस्य मध्यम आकार के देश हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बड़ी क्षेत्रीय शक्तियों द्वारा स्थायी सीटें हथियाने का विरोध करते हैं।
इस क्लब के प्रमुख देश इटली, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दक्षिण कोरिया, अर्जेंटीना और पाकिस्तान हैं।
क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता: इसमें वे राष्ट्र शामिल हैं, जो क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता के कारण G4 देशों का विरोध करते हैं, जैसे भारत के विरुद्ध पाकिस्तान, जर्मनी के विरुद्ध इटली, ब्राजील के विरुद्ध अर्जेंटीना और मैक्सिको आदि।
L69
सदस्य: इसमें एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन और प्रशांत (छोटे द्वीप विकासशील राज्य) से 42 विकासशील देश (भारत सहित) शामिल हैं।
माँग: समकालीन विश्व वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने और अधिक जवाबदेह, प्रतिनिधि, पारदर्शी और प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्राप्त करने के लिए UNSC की सदस्यता की स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार।
नामकरण: वर्ष 2007-08 में प्रस्तुत मसौदा दस्तावेज संख्या “L69” के आधार पर, जिसके कारण अंतर-सरकारी वार्ता (IGN) प्रक्रिया की शुरुआत हुई।
C10 और “एजुल्विनी सर्वसम्मति”
सुरक्षा परिषद सुधार पर अफ्रीकी संघ (AU) की आम स्थिति को एजुल्विनी सर्वसम्मति के रूप में जाना जाता है।
यह मार्च 2005 में अदीस अबाबा में अपनाई गई विज्ञप्ति पर आधारित है।
सर्वसम्मति में अफ्रीका को UNSC में वीटो पॉवर के साथ कम-से-कम दो स्थायी सीटें देने की बात कही गई है।
AU की दस सदस्यीय समिति (C-10): दस अफ्रीकी राज्यों का एक समूह, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एजुल्विनी सर्वसम्मति का समर्थन करता है।
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