हाल ही में महाराष्ट्र के पेंच टाइगर रिजर्व में पहली बार एक लेपर्ड कैट (Leopard Cat) देखी गई है।
संबंधित तथ्य
मध्य भारत से लेपर्ड कैट की उपस्थिति से संबंधित यह पहला रिकॉर्ड है।
इस रिजर्व में प्रजातियों की उपस्थिति संबंधी सर्वेक्षण कैमरा ट्रैपिंग के माध्यम से किया गया।
कैमरा ट्रैप एक उपकरण है, जो किसी भौतिक घटना को महसूस करके डेटा प्राप्त करता है, उदाहरण के लिए, गति या कंपन को महसूस करके तस्वीर लेना।
लेपर्ड कैट
वर्गीकरण
वैज्ञानिक नाम “प्रियोनैलुरस बेंगालेंसिस” (Prionailurus Bengalensis)
फेलिडे फैमिली का एक सदस्य
विशेषताएँ
यह अपने तेंदुए जैसे रंग के लिए जानी जाती है।
हालाँकि, उनके शरीर पर तेंदुओं की तरह ‘रोसेट’ नहीं होते हैं, बल्कि उनके पूरे शरीर पर ठोस काले धब्बे या पैच होते हैं।
इसकी विशेषता इसका सरल अनुकूलन है।
यह पेड़ों पर कुशलता से चढ़ सकती है और तैरने में भी सक्षम होती है।
यह रात्रिचर और मांसाहारी होती हैं, जो कृंतक आबादी को नियंत्रित करती हैं।
प्रजनन
इनकी प्रजनन क्षमता 2 से 4 बच्चे की होती है और गर्भधारण की अवधि 65 से 70 दिनों तक भिन्न हो सकती है।
एशियाई लेपर्ड कैट और घरेलू बिल्ली के संकरण से बंगाल कैट का जन्म होता है।
पर्यावास: ये आर्द्र क्षेत्रों में पाई जाती हैं, जहाँ अधिक वर्षा होती है, विशेष रूप से जल स्रोतों, उष्णकटिबंधीय वन, अर्द्ध-मरुस्थलीय और कृषि क्षेत्रों के पास 3,000 मीटर तक की ऊँचाई पर पाई जा सकती हैं।
भौगोलिक वितरण
विश्व: इंडोनेशिया, फिलीपींस, बोर्नियो, मलेशिया, थाईलैंड, म्याँमार, लाओस, कंबोडिया, चीन, ताइवान, कोरिया, भारत, पाकिस्तान और रूसी सुदूर पूर्व।
भारत: यह उत्तर-पूर्व भारत, उत्तरी हिमालयी राज्यों, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पश्चिमी घाट के क्षेत्रों तक सीमित है।
पहले यह माना जाता था कि यह मध्य भारत में नहीं पाई जाती है।
यह जंगली बिल्ली के बाद भारत में दूसरी सबसे प्रचलित ‘फेलिड’ प्रजाति है।
IUCN: कम संकटग्रस्त (Least Concern)।
पेंच टाइगर रिजर्व (PTR)
पेंच टाइगर रिजर्व (PTR) का नाम पेंच नदी के नाम पर पड़ा है, जो रिजर्व को लगभग दो बराबर हिस्सों में विभाजित करती है।
यह दो राज्यों – मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में विस्तृत है।
यह रिजर्व पश्चिम में मेलघाट टाइगर रिजर्व, दक्षिण-पूर्व में नवेगाँव-नागजीरा टाइगर रिजर्व, उत्तर में पेंच टाइगर रिजर्व (MP) और उत्तर-पूर्व में कान्हा टाइगर रिजर्व (MP) से जुड़ा हुआ है।
इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 38 (V) के तहत वर्ष 2007 में टाइगर रिजर्व के रूप में नामित किया गया था।
पेंच नदी पर निर्मित टोटलाडोह जलाशय, बाघ अभयारण्य में वन्य जीवन को समृद्ध और बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वनस्पति: यह गौर (भारतीय बाइसन), साँभर, बार्किंग हिरण, चौसिंगा, चिंकारा और जंगली सूअर का आवास है।
प्रमुख जानवरों में बाघ, तेंदुए, जंगली कुत्ते और भेड़िये शामिल हैं।
जीव-जंतु: पेंच राष्ट्रीय उद्यान में शुष्क पर्णपाती वन और वनस्पतियाँ हैं, जिनमें महुआ, पलाश, सागौन आदि वृक्ष प्रजातियाँ शामिल हैं।
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