हाल ही में रूसी शांति सैनिकों ने नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) क्षेत्र से हटना शुरू कर दिया है।
संबंधित तथ्य
रूसी सैनिकों ने बाकू (अजरबैजान की राजधानी) एवं येरेवन (आर्मेनिया की राजधानी) के बीच रूस की मध्यस्थता में वर्ष 2020 के युद्धविराम के हिस्से के रूप में अपने कब्जे वाले स्थानों से हटना शुरू कर दिया था।
रूस ने वर्ष 2020 में दोनों देशों के मध्य संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक समझौते के हिस्से के रूप में 2,000 शांति सैनिकों को तैनात किया था, जिसमें अजरबैजान के सैन्यबलों ने नागोर्नो-काराबाख एवं आसपास के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था।
नागोर्नो-काराबाख के बारे में
नागोर्नो-काराबाख, जिसे आर्मेनियाई लोग आर्टसख (Artsakh) के नाम से जानते हैं, अजरबैजान के भीतर काराबाख पर्वत शृंखला के दक्षिणी छोर पर एक पहाड़ी क्षेत्र है।
इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान के हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन बहुसंख्यक आर्मेनियाई आबादी के कारण इसे लगभग तीन दशकों तक येरेवन समर्थक अलगाववादियों द्वारा नियंत्रित किया गया था।
महत्त्व: काकेशस (काला सागर और कैस्पियन सागर के बीच का क्षेत्र) से लेकर तुर्किए एवं यूरोप तक कई गैस तथा तेल पाइपलाइनों का निर्माण अजरबैजान द्वारा किया गया है।
सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) के बारे में
स्थापना: यह यूरेशिया में वर्ष 2002 में गठित एक अंतरसरकारी सैन्य गठबंधन है।
सदस्य: कुल 6
रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान एवं ताजिकिस्तान।
उज्बेकिस्तान वर्ष 2006 में शामिल हुआ एवं फिर वर्ष 2012 में इस समूह से अलग हो गया।
उद्देश्य: क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना तथा सदस्य देशों में साइबर सुरक्षा एवं स्थिरता सहित शांति बनाए रखना।
कानूनी ढाँचा: इसने किर्गिस्तान एवं ताजिकिस्तान में रूसी सैन्य ठिकानों के लिए कानूनी ढाँचा बनाया, सदस्यों को रूसी घरेलू दर पर हथियार खरीदने की अनुमति दी।
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