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मालदीव द्वारा चीनी जहाजों की डॉकिंग की अनुमति (Maldives allows docking of Chinese ships)

Samsul Ansari January 24, 2024 05:06 149 0

संदर्भ

मालदीव सरकार द्वारा अधिकृत एक चीनी अनुसंधान और सर्वेक्षण पोत जियांग यांग होंग 03 (Xiang Yang Hong 03), मालदीव के एक बंदरगाह पर डॉकिंग करेगा।

संबंधित तथ्य

  • उद्देश्य: मालदीव के विदेश मंत्रालय के अनुसार, कर्मियों के रोटेशन और पुनःपूर्ति के लिए।
  • इसके अलावा, मालदीव के जलक्षेत्र में अनुसंधान पोत कोई शोध नहीं करेगा। 

  • भारत जहाज की आवाजाही पर कड़ी नजर रख रहा है।

परीक्षापयोगी तथ्य: 8 डिग्री चैनल भारतीय मिनिकॉय (लक्षद्वीप द्वीप समूह का हिस्सा) को मालदीव से अलग करता है।

भारत के लिए निहितार्थ 

  • सुरक्षा खतरा: भारत अपनी मुख्य भूमि के इतने करीब खड़े चीनी जहाजों को सुरक्षा खतरा मानता है क्योंकि उनके द्वारा किए गए शोध का उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
  • कूटनीतिक निहितार्थ: चीनी कदम का उद्देश्य भारत और मालदीव के बीच संबंधों को कमजोर करना हो सकता है।
  • यह कदम मालदीव के राष्ट्रपति द्वारा देश से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए भारत हेतु 15 मार्च की समय सीमा तय करने के कुछ दिनों बाद आया है।

भारत-मालदीव संबंध 

  • ऐतिहासिक संबंध: वर्ष 1965 में जब अंग्रेजों ने द्वीपों से नियंत्रण समाप्त कर दिया था तब से भारत और मालदीव के बीच राजनयिक तथा राजनीतिक संबंध रहे हैं।
  • वर्ष 2008 में लोकतांत्रिक परिवर्तन के बाद से, भारत ने मालदीव में राजनीतिक, सैन्य, व्यापार और नागरिक समाज के लोगों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ गहरे संबंध बनाने में वर्षों का निवेश किया है।
  • भारत के लिए मालदीव का महत्त्व: 
  • क्षेत्रीय स्थायित्व: एक स्थिर और समृद्ध मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली भारत की “नेबरहुड फर्स्ट” नीति के अनुरूप है।
    • सामरिक स्थान: भारत के दक्षिण में स्थित, मालदीव हिंद महासागर में अत्यधिक रणनीतिक महत्त्व रखता है, जो अरब सागर और उससे आगे के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
      • इससे भारत को समुद्री यातायात की निगरानी करने और क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ाने की अनुमति मिलती है।
    • आध्यात्मिक-सांस्कृतिक संबंध: भारत और मालदीव के बीच सदियों पुराना गहरा सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक संबंध है।
      • 12वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक, बौद्ध धर्म मालदीव में प्रमुख धर्म था।
  • मालदीव के लिए भारत का महत्त्व 
  • शिक्षा: भारत, मालदीव के उन विद्यार्थियों के लिए प्राथमिक शिक्षा प्रदाता के रूप में कार्य करता है,  जो भारतीय संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं, जिसमें योग्य विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति भी शामिल है।
    • आपदा सहायता: जब भी कोई संकट आया, जैसे– सुनामी या पेयजल की कमी, भारत ने मालदीव को लगातार सहायता प्रदान की है।
    • पर्यटन: कोविड-19 महामारी के बाद से, भारतीय यात्रियों ने मालदीव के मुख्य स्रोत बाजार में अग्रणी भूमिका निभाई है। वर्ष 2023 में  मालदीव में 18.78 लाख से ज्यादा पर्यटक आए थे, जिनमें से 2.09 लाख से ज्यादा भारतीय थे।
    • आवश्यक आपूर्ति: भारत चावल, मसालों, फलों, सब्जियों और दवाओं सहित दैनिक आवश्यक वस्तुओं का एक महत्त्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है।
      • कोविड-19 महामारी के दौरान आवश्यक वस्तुओं को भेजने संबंधी तथ्य विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की भूमिका को प्रदर्शित करता है।

Additional Information: India Maldives Relations

News Source: IE

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