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समुद्री मत्स्यपालन जनगणना (MFC) 2025

Lokesh Pal November 03, 2025 03:17 27 0

संदर्भ

समुद्री मत्स्यपालन जनगणना (MFC) 2025 का आधिकारिक शुभारंभ 31 अक्टूबर, 2025 को ICAR–CMFRI, कोच्चि में केंद्रीय मत्स्यपालन राज्य मंत्री द्वारा किया गया।

समुद्री मत्स्यपालन जनगणना (MFC) 2025 के बारे में

  • MFC 2025, राष्ट्रीय समुद्री मत्स्यपालन जनगणना का पाँचवाँ संस्करण है, जो वर्ष 2005 से प्रत्येक पाँच वर्ष में आयोजित की जाती है।
  • वर्ष 2025 का थीम: ‘स्मार्ट जनगणना, स्मार्ट मत्स्यपालन’।
  • दायरा: इसमें अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप सहित 13 तटीय राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 4,000-5,000 समुद्री मत्स्यन पर आश्रित गाँवों के 1.2 मिलियन मछुआरों के परिवारों को शामिल किया जाएगा।
  • नोडल एजेंसी: ICAR-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI), कोच्चि, केरल।
  • संचालन भागीदार: भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण (FSI)।
  • समन्वय मंत्रालय: मत्स्यपालन विभाग (DoF), मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (भारत सरकार)।
  • वित्तपोषण स्रोत: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत पूर्ण रूप से वित्तपोषित।

MFC 2025 की विशेषताएँ

  • क्षेत्र से केंद्रीय सर्वर तक वास्तविक समय डेटा प्रवाह के साथ पहली पूर्णतः डिजिटल समुद्री जनगणना।
  • इसमें सामाजिक-आर्थिक, अवसंरचनात्मक और संस्थागत डेटा शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:
    • घरेलू आय, स्वामित्व, देनदारियाँ, ऋण स्रोत और बीमा।
    • कोविड-19 का प्रभाव और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) तथा प्रधानमंत्री-महाराष्ट्र किसान कल्याण योजना (PM-MKSSY) के अंतर्गत कवरेज।
    • मत्स्यपालक उत्पादक संगठनों (FFPO) और स्वयं सहायता समूहों (SHG) का मानचित्रण।
  • CMFRI द्वारा विकसित ‘व्यास मोबाइल एप्लीकेशन’ के प्रकारों द्वारा संचालित
    • व्यास-NAV (VYAS–NAV): मत्स्यन आधारित गाँवों और बंदरगाहों का सत्यापन।
    • व्यास-भारत: घरेलू और बुनियादी ढाँचे की गणना।
    • व्यास-सूत्र: वास्तविक समय पर्यवेक्षण, सत्यापन और निगरानी।
  • मत्स्यन गतिविधियों में संलग्न जहाजों एवं तटीय सत्यापन हेतु ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे निगरानी, अनुपालन और समुद्री शासन की पारदर्शिता सुदृढ़ हो रही है।
  • इसमें बेहतर सटीकता और पारदर्शिता के लिए जियो-टैगिंग और लाइव मॉनिटरिंग डैशबोर्ड शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय मत्स्य विकास पोर्टल (National Fisheries Development Portal- NFDP)
    • PM-MKSSY के तहत सरकारी लाभ प्राप्त करने के लिए मछुआरों को NFDP पर पंजीकरण कराना होगा।
    • पंजीकरण सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs) के माध्यम से किया जाता है।

महत्त्व

  • सटीक, पारदर्शी और कुशल डेटा संग्रह और विश्लेषण सुनिश्चित करता है।
  • इसके लिए साक्ष्य-आधारित आधार प्रदान करता है:-
    • नीति नियोजन और कल्याणकारी योजनाओं का लक्ष्य निर्धारण।
    • तटीय क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचा और आजीविका विकास।
    • समुद्री समुदायों का जलवायु-अनुकूल और समावेशी विकास।

निष्कर्ष

समुद्री मत्स्यपालन जनगणना 2025 डिजिटल, डेटा-संचालित और समावेशी मत्स्यपालन प्रशासन की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है, जो सतत् तथा जलवायु अनुकूल नीली अर्थव्यवस्था के विकास की दिशा में भारत के प्रयासों को मजबूत करता है।

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