//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal
July 06, 2024 03:12
497
0
भारत में चिकित्सा नैतिकता (Medical Ethics) के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए जो प्राथमिक उपाय किए जाने चाहिए थे, वे कार्य नहीं कर रहे हैं।
चिकित्सा नैतिकता चिकित्सा में सदाचार का अनुशासित अध्ययन (Disciplined Study of Morality in Medicine) है, जिसका उद्देश्य चिकित्सा नैतिकता में सुधार करना है।
भारतीय चिकित्सा परिषद (व्यावसायिक आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता) विनियम, 2002 के अनुसार, सामान्यतः डॉक्टरों के प्रमुख कर्तव्य एवं जिम्मेदारियाँ नीचे दी गई हैं:-
चिकित्सा नैतिकता स्वास्थ्य सेवा में विभिन्न कारणों से आवश्यक है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि चिकित्सा पद्धति उच्च नैतिक मानकों का पालन करती है। चिकित्सा नैतिकता की आवश्यकता पर प्रकाश डालने वाले मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
चिकित्सा क्षेत्र में नैतिक मुद्दे बहुआयामी हैं और स्वास्थ्य सेवा अभ्यास के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं। नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए इन मुद्दों को समझना महत्त्वपूर्ण है। यहाँ प्रमुख नैतिक चुनौतियाँ दी गई हैं:
चिकित्सा क्षेत्र में नैतिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक व्यापक और सक्रिय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। निम्नलिखित रणनीतियाँ स्वास्थ्य सेवा में नैतिक प्रथाओं को बढ़ाने के लिए आगे का राह बताती हैं:
स्वामी विवेकानंद का कथन “मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है” चिकित्सा नैतिकता में मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में कार्य कर सकता है, जो दयालु, निस्वार्थ देखभाल के कर्तव्य पर प्रकाश डालता है, तथा स्वास्थ्य सेवा में मानवीय गरिमा और नैतिक जिम्मेदारी के प्रति सम्मान पर बल देता है।
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments