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सुमात्रान ओरंगुटान ‘राॅकस’ (Rakus) द्वारा औषधीय पौधे का उपयोग

Lokesh Pal May 07, 2024 06:00 229 0

संदर्भ

इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर एक नर ओरंगुटान  ‘राॅकस’ (Rakus) को जर्मन एवं इंडोनेशियाई वैज्ञानिकों ने चेहरे पर घाव का इलाज करने के लिए औषधीय पौधे ‘अकार कुनिंग’ (Akar Kuning) अर्थात् फाइब्रौरिया टिनक्टोरिया (Fibraurea Tinctoria), या पीली जड़ का उपयोग करते हुए कैमरे में रिकॉर्ड किया है।

संबंधित तथ्य

  • सक्रिय रूप से स्व-उपचार: राॅकस नाम के एक नर सुमात्रान ऑरंगुटान के चेहरे पर चोट लग गई थी।
    • चोट लगने के तीन दिन बाद, राॅकस ने अकार कुनिंग (फाइब्रौरिया टिनक्टोरिया) की पत्तियों को चुनकर तोड़ा, उन्हें चबाया एवं परिणामस्वरूप रस को चेहरे के घाव पर कई मिनट तक लगाया।
  • अंत में, उसने चबाए हुए पत्तों से घाव को पूरी तरह से ढक दिया।
  • महत्त्व: अवलोकन से पता चलता है कि पौधों के द्वारा घाव के उपचार के लिए आवश्यक संज्ञानात्मक क्षमताएँ ऑरंगुटान एवं मनुष्यों के अंतिम सामान्य पूर्वज जितनी पुरानी हो सकती हैं।

गैर-मनुष्यों में स्व-चिकित्सा की क्षमताएँ

  • वानरों के बीच प्राकृतिक उपचार की क्षमता: वानरों को परजीवी संक्रमण के इलाज के लिए विशिष्ट पौधों को निगलने एवं मांसपेशियों में दर्द के इलाज के लिए पौधों की सामग्री को अपनी त्वचा पर रगड़ने के लिए जाना जाता है।
    • उदाहरणार्थ- गैबॉन में एक चिंपैंजी समूह को घावों पर कीड़े लगाते हुए देखा गया।
      • हालाँकि, जैविक रूप से सक्रिय पदार्थ के साथ घाव का उपचार अब तक प्रलेखित नहीं किया गया है।

अकार कुनिंग (Akar Kuning) अर्थात् फाइब्रौरिया टिनक्टोरिया (Fibraurea tinctoria)

  • पर्यावास: यह दक्षिण-पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय वनों की मूल प्रजाति है।
  • यह पौधा व्यापक रूप से चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य हिस्सों में पाया जाता है।
  • औषधीय गुण: यह पौधा अपने परिवार के अन्य पौधों के साथ-साथ अपने एनाल्जेसिक एवं ज्वरनाशक गुणों के लिए पहचाना जाता है।
    • स्थानीय समुदाय वास्तव में मलेरिया सहित विभिन्न बीमारियों के समाधान के लिए पारंपरिक चिकित्सा में इन पौधों का उपयोग करते हैं।
  • घाव भरने के गुण: इसमें फ्यूरानो डाइटरपेनोइड्स  (Furano Diterpenoids) एवं प्रोटोबर्बेरिन एल्कलॉइड्स (Protoberberine Alkaloids) होते हैं, जिनमें जीवाणुरोधी (Antibacterial), सूजन-रोधी (Anti-Inflammatory), एंटीफंगल (Antifungal), एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) तथा घाव भरने के लिए प्रासंगिक अन्य जैविक गुण होते हैं।

ओरंगुटान (मैन ऑफ द फारेस्ट)

  • ओरंगुटान के बारे में: वे वानरों की मौजूदा प्रजातियों में से एक हैं। इसके अलावा अन्य हैं- कॉमन चिंपैंजी (Common Chimpanzee), गोरिल्ला (Gorilla) और चिंपैंजी (Chimpanzee) या बोनोबो (Bonobo)।
    • ओरंगुटान मनुष्यों से सबसे कम निकटता से संबंधित हैं लेकिन फिर भी हमारे DNA का लगभग 97% हिस्सा साझा करते हैं।
  • आर्बोरियल स्तनधारी (Arboreal Mammals): इंडोनेशियाई एवं मलय भाषाओं में ओरंगुटान का अर्थ है ‘पर्सन ऑफ द फारेस्ट’, तथा ये वानर दुनिया के सबसे बड़े आर्बरियल स्तनपायी हैं।
  • सामाजिक संरचना: पेड़ों पर रहने के लिए अनुकूलित ओरंगुटान, अन्य बड़े वानरों की तुलना में अधिक एकांत जीवन व्यतीत करते हैं, वनों की कैनोपी में निवास करते एवं खाद्य ग्रहण करते हैं तथा वृक्षों की एक शाखा से दूसरी शाखा में झूलते रहते हैं।
  • संज्ञानात्मक क्षमताएँ (Cognitive Abilities): ओरंगुटान में उच्च संज्ञानात्मक क्षमताएँ होती हैं एवं उन्हें उत्कृष्ट समस्या-समाधानकर्ता के रूप में जाना जाता है।
    • जंगली ऑरंगुटानों में यह कौशल सामाजिक शिक्षा के माध्यम से प्राप्त होता है एवं यह कौशल पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते रहते हैं।
  • नर ओरंगुटान के प्रकार: वयस्क नर ओरंगुटान दो अलग-अलग प्रकार के होते हैं- फ्लैंग्ड (Flanged) एवं अनफ्लैंग्ड (Unflanged)।
    • फ्लैंग्ड नर (Flanged Males): उनके गाल पर प्रमुख पैड होते हैं, जिन्हें फ्लैंग्ड कहा जाता है एवं गले में एक थैली होती है, जिसका उपयोग तेज आवाज निकालने के लिए करते हैंजिसे ‘लॉन्ग कॉल’ कहा जाता है। उनकी पीठ पर काले बालों का एक लंबा पैच भी होता है।
    • अनफ्लैंग्ड नर (Unflanged Male): ये एक वयस्क मादा की तरह दिखते हैं। 
  • जीवन चक्र (Life cycle): ओरंगुटान वन में 50 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं। मादाएँ पहली बार 10-15 वर्ष की उम्र के बीच प्रजनन करती हैं।
    • वे प्रत्येक 5 वर्ष में अधिकतम एक बार बच्चे को जन्म देती हैं एवं बच्चों के बीच का अंतराल 10 वर्ष तक हो सकता है।
  • प्रजनन एवं विकास: गर्भाधान साढ़े सात से साढ़े आठ महीने का होता है।
    • मनुष्य सहित स्थल पर रहने वाले किसी भी अन्य जानवर की माँ पर निर्भरता की अवधि के मामले में ओरंगुटान की सबसे लंबी अवधि होती है।
  • वितरण: ओरंगुटान इंडोनेशिया एवं बोर्नियो के सुमात्रा द्वीपों पर पाए जाते हैं, जो मलेशिया, इंडोनेशिया तथा ब्रुनेई के बीच विभाजित है।
  • ओरंगुटान के प्रकार: वर्गीकरण की दृष्टि से ओरंगुटान तीन प्रकार के होते हैं- सुमात्रान (Sumatran), बोर्नियन (Bornean) एवं तपानुली (Tapanuli)।
    • सुमात्रान ओरंगुटान (Sumatran Orangutans): सुमात्रान ओरंगुटान के चेहरे पर लंबे बाल होते हैं। बोर्नियन एवं सुमात्रान प्रजातियों में झबरा लाल रंग का फर होता है।
      • इनके बीच बोर्नियन प्रजातियों की तुलना में अधिक घनिष्ठ सामाजिक बंधन होते हैं।
      • सुमात्रान ऑरंगुटान लगभग विशेष रूप से वृक्षवासी है।
      • मादाएँ वस्तुतः कभी भी स्थल पर विचरण नहीं करती हैं एवं वयस्क नर ऐसा कभी-कभार ही करते हैं। यह बोर्नियन ओरंगुटान, विशेष रूप से वयस्क नर, के विपरीत है, जो अक्सर स्थल पर विचरण करते हैं।

 

    • बोर्नियन ऑरंगुटान (Bornean Orangutan): यह दिखने में सुमात्रान ऑरंगुटान से भिन्न होता है, इसमें चौड़ा चेहरा एवं छोटी दाढ़ी होती है तथा रंग भी थोड़ा गहरा होता है।
  • तपनुली ओरंगुटान (Tapanuli Orangutan): ओरंगुटान की तीसरी प्रजाति की घोषणा नवंबर 2017 में की गई थी।
    • पर्यावास: यह उत्तरी सुमात्रा में पाया जाता है, लेकिन आनुवंशिक एवं व्यावहारिक रूप से दो अन्य प्रजातियों से अलग है।
  • IUCN स्थिति: गंभीर रूप से लुप्तप्राय (Critically Endangered)।

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