फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सहयोग से मेडिटेक स्टैकथॉन (MEDITECH STACKATHON), 2024 का शुभारंभ किया।
संबंधित तथ्य
मेडिटेक स्टैकथॉन
स्टैकथॉन के माध्यम से, प्रतिभागी अपनी अनूठी चुनौतियों और अवसरों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए चिकित्सा उपकरण उद्योग के भीतर विभिन्न उत्पाद खंडों की जटिलताओं पर ध्यान देंगे और प्रमुख हितधारकों, प्रक्रियाओं की पहचान करने के लिए चिकित्सा उपकरण उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में मूल्य शृंखलाओं का विश्लेषण और मानचित्रण करेंगे।
संबंधित विषय: स्टैकथॉन में आठ केंद्रित समूहों जैसे कैंसर थेरेपी, इमेजिंग, क्रिटिकल केयर, सहायक चिकित्सा उपकरण, शारीरिक प्रत्यारोपण, सर्जिकल उपकरण और अस्पताल उपकरण, उपभोग्य वस्तुओं और डिस्पोजेबल तथा विट्रो डायग्नोस्टिक डिवाइस (IVD) एवं अभिकर्मकों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
प्रत्येक विषय की खंडवार पहचान सहित विशिष्ट उद्देश्यों के साथ महत्त्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों का मूल्यांकन, आयात-निर्यात की गतिशीलता का आकलन, शुल्क संरचनाओं की जाँच और संपूर्ण मूल्य शृंखला में उनके निहितार्थों पर विचार-विमर्श का कार्य सौंपा जाएगा।
मेडटेक उद्योग
मेडटेक उद्योग में 28 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान है, इसके वर्ष 2030 तक 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
भारत की स्थिति
भारत एशिया में चिकित्सा उपकरणों के लिए चौथा सबसे बड़ा बाजार है।
आयात वर्ष 2022-23 में भारत ने मेडिटेक क्षेत्र में 4,101 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात किया है। इस क्षेत्र में पिछले वर्षो की तुलना में आयात में वृद्धि देखी गई है, जो मुख्य रूप से अमेरिका, चीन और जर्मनी जैसे देशों द्वारा किया जाता है।
मेडटेक उद्योग संबंधी चुनौतियाँ
इस क्षेत्र में लागत प्रतिस्पर्द्धात्मकता, गुणवत्ता आश्वासन और नियामक बाधाओं सहित चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
यह एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, उद्योग-आधारित और उद्योग-प्रबंधित संगठन है।
स्थापना: इसकी स्थापना वर्ष 1895 में हुई थी।
मुख्यालय: इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
कार्य: यह सलाहकारी और परामर्शी प्रक्रियाओं के माध्यम से उद्योग, सरकार और नागरिक समाज के साथ साझेदारी करके भारत के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए कार्य करता है।
मेडिटेक स्टैकथॉन, 2024 के उद्देश्य
शीर्ष उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों के साथ परामर्श के माध्यम से महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करना।
घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना।
आयात निर्भरता को कम करना एवं स्वदेशी निर्मित वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देना।
भारत को चिकित्सा प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करना।
फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र से संबंधित सरकारी पहल
फार्मास्युटिकल उद्योग के सुदृढ़ीकरण हेतु योजना
इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 की अवधि के लिए 500 करोड़ रुपए के कुल वित्तीय परिव्यय की घोषणा की गई थी।
फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र का पहला वैश्विक नवाचार शिखर सम्मेलन
नवंबर 2021 में भारतीय प्रधानमंत्री ने फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के पहले ग्लोबल इनोवेशन समिट का उद्घाटन किया, जहाँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं ने पर्यावरण नियामक, नवाचार के लिए वित्तपोषण, उद्योग-अकादमिक सहयोग तथा नवाचार बुनियादी ढाँचे सहित कई विषयों पर विचार-विमर्श किया।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना
PLI योजना का उद्देश्य देश में महत्त्वपूर्ण ‘की स्टार्टिंग मैटेरियल्स’ (KSM)/ ड्रग इंटरमीडिएट और सक्रिय फार्मास्यूटिकल सामग्री (API) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
बल्क ड्रग पार्क योजना को बढ़ावा देना
सरकार का लक्ष्य देश में थोक दवाओं की निर्माण लागत और थोक दवाओं के लिए अन्य देशों पर निर्भरता को कम करने हेतु राज्यों के साथ साझेदारी में भारत में 3 मेगा बल्क ड्रग पार्क विकसित करना है।
Latest Comments