भ्रूण की विकासात्मक प्रक्रिया में शामिल SaSS6 नामक जीन और इसके विभिन्न प्रकार माइक्रोसेफली (Microcephaly) का कारण बन सकते हैं।
संबंधित तथ्य
चीनी अध्ययन: चीन के ‘नान्चॉन्ग विश्वविद्यालय’ के संबद्ध मातृत्व और बाल स्वास्थ्य देखभाल अस्पताल के शोधकर्ताओं ने “अपनी पहली गर्भावस्था के दौरान माइक्रोसेफली और भ्रूण के विकास पर प्रतिबंध वाले एक गैर-संवैधानिक चीनी जोड़े के सदस्यों के आनुवंशिक निष्कर्ष” प्रस्तुत किए।
प्रकाशित: यह पेपर अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिकल जेनेटिक्स में प्रकाशित हुआ था।
निष्कर्ष
SASS6 जीन
SASS6 (SAS-6 सेंट्रीओलर असेंबली प्रोटीन) एक प्रोटीन कोडिंग जीन है।
खोज: शोधकर्ताओं ने वर्ष 2004 में किए गए एक अध्ययन में ‘राउंडवॉर्म कैनोरहैबडाइटिस एलिगेंस’ में SASS6 जीन की खोज की।
उन्होंने पाया कि इस जीन का उपयोग करके कोशिकाओं द्वारा बनाया गया प्रोटीन जानवरों में संरक्षित था, जिसका अर्थ है कि प्राकृतिक चयन ने इस प्रोटीन को ‘एनिमल किंगडम’ के सभी सदस्यों में मौजूद रहने की अनुमति दी।
SASS6 जीन एक प्रोटीन को एनकोड करता है, जिसमें 657 अमीनो एसिड होते हैं। यह प्रोटीन कोशिका विभाजन प्रक्रिया के दौरान नए सेंट्रीओल्स को एकत्रित करता है।
जीन में कोशिकाओं को सेंट्रीओल्स नामक संरचनाएँ बनाने के निर्देश होते हैं
संबंधित रोग: SASS6 में उत्परिवर्तन माइक्रोसेफली 14, प्राइमरी, ऑटोसोमल रिसेसिव और प्राइमरी ऑटोसोमल रिसेसिव माइक्रोसेफली जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं।
माइक्रोसेफली का कारण बनने वाला उत्परिवर्तन: शोधकर्ता एक पाकिस्तानी परिवार के एक अध्ययन में माइक्रोसेफली से संबंधित उत्परिवर्तन का वर्णन करने में सक्षम थे, जिसके चार सदस्यों को माइक्रोसेफली था।
इस उत्परिवर्तन का नाम Ile62Thr है और यह 62वें स्थान पर एमिनो एसिड आइसोल्यूसीन के थ्रेओनीन द्वारा प्रतिस्थापित होने का परिणाम है।
अध्ययन के परिणाम ने माइक्रोसेफली के कारण में SASS6 जीन की भूमिका को पुष्ट किया, और इस जीन से जुड़े फेनोटाइप और उत्परिवर्तन स्पेक्ट्रम का विस्तृत दृश्य प्रकट किया।
यदि SASS6 जीन की एक प्रति गैर-कार्यात्मक थी, तो दूसरी कम-से-कम कुछ कार्य को बरकरार रखती थी। निहितार्थ यह था कि यदि दोनों प्रतियाँ गैर-कार्यात्मक हैं, तो मानव भ्रूण, भ्रूण बनने से पहले ही समाप्त हो जाता है।
जर्मन अध्ययन: जर्मनी के कोलोन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस वर्ष किए गए एक अध्ययन में बताया,
चूहे की भ्रूण-व्युत्पन्न कोशिकाओं को संशोधित करके सभी कार्यात्मक SASS6 जीन को हटाना।
निष्कर्ष
सेंट्रीओल: जीन को हटा दिए जाने के बाद भी कोशिकाएँ, यदि असामान्य भी हों, सेंट्रीओल बनाने में सक्षम थीं।
न्यूरॉन विकास का चरण: इस बिंदु पर, जब कोशिकाओं को न्यूरॉन्स में विकसित करने के लिए प्रेरित किया गया, तो जीन का उपयोग किए बिना बनाए गए सभी सेंट्रीओल समाप्त हो गए, और कोशिकाएँ न्यूरॉन्स में विभेदित नहीं हो सकीं।
माइक्रोसेफली (Microcephaly)
माइक्रोसेफली एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें एक शिशु का सिर आयु और लैंगिक रूप से समान अन्य बच्चों के सिर की तुलना में बहुत छोटा होता है।
कारण: माइक्रोसेफली आमतौर पर मस्तिष्क के विकास में समस्या का परिणाम है, जो विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है, जैसे,
रक्त संबंध और आनुवंशिक जोखिम: क्लिनिक स्तर पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि जन्मजात माइक्रोसेफेली के 70% से अधिक मामले रक्त संबंधियों के विवाह से आते हैं, जिसमें व्यक्ति को अपने माता-पिता दोनों से एक ही जीन की उत्परिवर्तित प्रति विरासत में मिलने का जोखिम अधिक होता है।
रक्त-संबंधी विवाह निकट संबंधी व्यक्तियों के बीच किए जाते हैं, जैसे चचेरे-ममेरे भाइयों-बहनों के बीच।
आनुवंशिक परिवर्तन: आनुवंशिक उत्परिवर्तन या अंतर्निहित आनुवंशिक स्थिति डाउन सिंड्रोम और माइक्रोसेफली जैसी बीमारियों का कारण बनती है।
भ्रूण के मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी (सेरेब्रल एनोक्सिया): गर्भावस्था या प्रसव की कुछ जटिलताएँ बच्चे के मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान संक्रमण: गर्भावस्था के दौरान कुछ संक्रमण गर्भ में जा सकते हैं, जिससे मस्तिष्क का विकास कम हो सकता है, जैसे टोक्सोप्लाज़मोसिस, साइटोमेगालोवायरस, जर्मन खसरा (रूबेला), चिकनपॉक्स (वैरिसेला) और जीका वायरस।
पदार्थ उपयोग विकार: गर्भ में दवाओं, शराब या कुछ विषैले रसायनों का सेवन गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है।
अनियंत्रित फेनिलकेटोनुरिया या PKU: फेनिलकेटोनुरिया (PKU) माँ के एमिनो एसिड फेनिलएलनिन को विखंडित करने की क्षमता को बाधित करता है और गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है।
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