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Lokesh Pal
May 14, 2025 03:32
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भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी हमले के बाद, पड़ोसी देश की ओर से भ्रामक सूचनाओं एवं दुष्प्रचार सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है।
भ्रामक सूचना और मनोवैज्ञानिक युद्ध के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए, राष्ट्रों को उन्नत तकनीकी प्रतिवाद, मजबूत मीडिया साक्षरता कार्यक्रम तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग को एकीकृत करना चाहिए। संस्थागत ढाँचे और नैतिक पत्रकारिता के माध्यम से लचीलापन बढ़ाकर, समाज को खंडित करने वाले आख्यानों के विरुद्ध लोकतांत्रिक अखंडता और राष्ट्रीय सामंजस्य की रक्षा कर सकते हैं।
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