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Lokesh Pal September 02, 2024 03:41 121 0
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रामक विज्ञापन के आधार पर, आयुष मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी, जिसमें औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 170 को हटा दिया गया था।
सर्वोच्च न्यायालय इस वर्ष के प्रारंभ से ही भ्रामक विज्ञापनों के आरोपों पर सुनवाई कर रहा है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 किसी भी वस्तु या सेवा के लिए भ्रामक विज्ञापन को परिभाषित करता है
भ्रामक विज्ञापन अनैतिक है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं को धोखा देता है और इससे अज्ञानतावश या हानिकारक निर्णय लेने की संभावना बढ़ जाती है।
भ्रामक विज्ञापन को न्यूनतम करने तथा साथ ही उपभोक्ता को जागरूक और सूचित उपभोक्ता बनाने के लिए निम्नलिखित कई कदम उठाए जाने की आवश्यकता है:-
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