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लोकसभा चुनाव, 2024 के लिए आदर्श आचार संहिता लागू

Lokesh Pal March 18, 2024 06:14 194 0

संदर्भ

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 16 मार्च, 2024 को घोषणा की कि देश में 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे और नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएँगे।

  • इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू की गई है।

संबंधित तथ्य

भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से MCC का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है।

आदर्श आचार संहिता

  • परिचय
    • यह चुनाव से पहले राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को विनियमित करने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का एक समूह है।
    • आदर्श आचार संहिता उस तिथि से लागू हो जाती है, जब निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा की जाती है और यह चुनाव परिणाम घोषित होने की तिथि तक लागू रहती है।
    • भारतीय संविधान के अनुच्छेद-324 के अनुरूप: यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद-324 के अनुरूप है, जिसके तहत निर्वाचन आयोग को संसद तथा राज्य विधानसभाओं में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों की निगरानी और संचालन करने की शक्ति दी गई है।
  • पृष्ठभूमि
    •  वर्ष 1960: इसकी शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 1960 में केरल विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थी,
      • जब राज्य प्रशासन ने राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों के लिए एक आचार संहितातैयार की थी।
    • वर्ष 1962: वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग (EC) ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों को फीडबैक के लिए आचार संहिता का एक प्रारूप भेजा, जिसके बाद से देश भर के सभी राजनीतिक दलों द्वारा इसका पालन किया जा रहा है।
    • वर्ष 1991: वर्ष 1991 में चुनाव के नियमों के बार-बार उल्लंघन और भ्रष्टाचार के बाद निर्वाचन आयोग ने MCC को और सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया।
  • आदर्श आचार संहिता के प्रावधान
    • MCC में सामान्य आचरण, बैठकें, जुलूस, मतदान दिवस, मतदान केंद्र, पर्यवेक्षक, सत्ताधारी दल और चुनाव घोषणा-पत्र से संबंधित आठ प्रावधान हैं।
    • सामान्य आचरण
      • राजनीतिक दलों की आलोचना केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्य तक सीमित होनी चाहिए।
      • जातिगत और सांप्रदायिक भावनाओं को आहत करने, असत्यापित रिपोर्टों के आधार पर उम्मीदवारों की आलोचना करने, मतदाताओं को रिश्वत देने या डराने और किसी के विचारों का विरोध करते हुए उसके घर के बाहर प्रदर्शन या धरना देने जैसी गतिविधियाँ पूर्णतः निषिद्ध हैं।
    • बैठकें
      • दलों को किसी भी बैठक के स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को समय पर सूचित करना चाहिए ताकि पुलिस पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था कर सके।
    • जुलूस
      • यदि दो अथवा दो से अधिक उम्मीदवार एक ही मार्ग से जुलूस निकालने की योजना बनाते हैं, तो राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करने के लिए पहले से संपर्क कर लेना करना चाहिए ताकि जुलूस में आपसी टकराव न हो।
    • मतदान दिवस
      • केवल मतदाताओं और निर्वाचन आयोग से प्राप्त वैध पास वाले लोगों को ही मतदान केंद्रों में प्रवेश करने की अनुमति होती है।
      • मतदान केंद्रों पर सभी अधिकृत पार्टी कार्यकर्ताओं को उपयुक्त पहचान पत्र दिया जाना चाहिए।
      • उनके द्वारा मतदाताओं को दी जाने वाली पहचान पर्ची सादे कागज की होगी और उसमें कोई प्रतीक, उम्मीदवार, दल  का नाम नहीं अंकित होगा।
    • मतदान केंद्र
    • पर्यवेक्षक
      • कोई भी उम्मीदवार चुनाव के संचालन के संबंध में समस्याओं की रिपोर्ट चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों को कर सकता है।
    • सत्ताधारी दल
      • MCC ने सत्ताधारी दल के आचरण को विनियमित करते हुए वर्ष 1979 में कुछ प्रतिबंधों को शामिल किया।
      • मंत्रियों की आधिकारिक यात्राएँ और चुनाव कार्य पृथक होने चाहिए अथवा चुनाव कार्य के लिए आधिकारिक साधनों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
      • दल को सरकारी संसाधनों की कीमत पर विज्ञापन देने अथवा चुनावों में जीत की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए उपलब्धियों के प्रचार हेतु जन मीडिया का उपयोग करने से बचना चाहिए।
      • आयोग द्वारा चुनावों की घोषणा किए जाने के समय से मंत्रियों और अन्य अधिकारियों को किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं करनी चाहिए, सड़कों के निर्माण, पीने के जल की व्यवस्था आदि का वादा नहीं करना चाहिए।
      • अन्य दलों को सार्वजनिक स्थानों तथा विश्रामगृहों का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए और इन पर सत्ताधारी पार्टी का एकाधिकार नहीं होना चाहिए।
    • चुनाव घोषणा-पत्र
      • चुनाव घोषणा-पत्र में संविधान में निहित आदर्शों और सिद्धांतों के विरुद्ध कुछ भी नहीं होगा।
      • राजनीतिक दलों को ऐसे वादे करने से बचना चाहिए, जिनसे चुनाव प्रक्रिया की शुचिता धूमिल होने या मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव डालने की संभावना हो।
      • घोषणा-पत्र में वादों के औचित्य को प्रतिबिंबित करना चाहिए और इसके लिए वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के तरीकों एवं साधनों को व्यापक रूप से इंगित करना चाहिए।
      • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत एकल या बहु-चरणीय चुनावों के लिए निर्धारित प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान घोषणा-पत्र जारी नहीं किया जाएगा।
  • क्या आदर्श आचार संहिता कानूनी रूप से बाध्यकारी है?
    • MCC स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के ECI के अभियान के हिस्से के रूप में विकसित हुआ और यह प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति का परिणाम था।
    • इसका कोई वैधानिक समर्थन नहीं है। सीधे शब्दों में कहें तो इसका अर्थ है कि MCC का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध संहिता के किसी भी खंड के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
    • ECI किसी राजनेता या पार्टी को MCC के कथित उल्लंघन के लिए या तो स्वयं अथवा किसी अन्य पार्टी या व्यक्ति की शिकायत के आधार पर नोटिस जारी कर सकता है।
    • एक बार नोटिस जारी होने के बाद, व्यक्ति या दल को लिखित रूप में जवाब देना होगा (या तो गलती स्वीकार करना और बिना शर्त माफी माँगना अथवा आरोप का खंडन करना)।
    • हालाँकि ECI आदर्श आचार संहिता को लागू करने के लिए शायद ही कभी दंडात्मक कार्रवाई का सहारा लेता है।
      • प्रतिबंध लगाने के लिए आयोग संविधान के अनुच्छेद-324 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का सहारा लेता है।
  • आदर्श आचार संहिता के उल्लंघनके पूर्व उदाहरण
    • नवंबर 2023 में, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान, ईसीआई ने एक चुनावी रैली के दौरान दिए गए एक बयान के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को नोटिस जारी किया था।
    • वर्ष 2017 में गुजरात चुनावों से पहले, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे पर MCC का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
    • वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान, अमित शाह और आजम खान को अपने भाषणों से चुनावी माहौल को और खराब करने से रोकने के लिए प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया था।

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