हाल ही में केरल में प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (Primary Amoebic Meningoencephalitis- PAM) से पीड़ित पाँच वर्षीय लड़की की मृत्यु हो गई।
नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri)
परिचय: नेगलेरिया फाउलेरी एक स्वतंत्र-जीवंत, एकल-कोशिका वाला अमीबा है, जो प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) नामक एक दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण का कारण बन सकता है।
आवास का प्रकार: यह गर्म ताजे जल एवं मृदा में रहता है, जब यह नासिका के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है तो व्यक्तियों को संक्रमित करता है।
विकास की स्थिति: 115°F (46°C) तक का उच्च तापमान इसके विकास के लिए अनुकूल है एवं यह गर्म वातावरण में थोड़े समय तक जीवित रह सकता है।
गैर-संचारी: अमीबा युक्त दूषित जल पीने से लोग नेगलेरिया फाउलेरी से संक्रमित नहीं हो सकते हैं। प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) भी गैर-संचारी है।
नेगलेरिया फाउलेरी के विभिन्न प्रकार
सिस्ट (Cyst): पर्यावरण की दृष्टि से प्रतिरोधी, निष्क्रिय रूप, गोलाकार आकार, मोटी दीवार वाली।
ट्रोफोजॉइट(Trophozoite): पोषण एवं विभाजन रूप, स्यूडोपोडिया के साथ अमीबॉइड आकार, मनुष्यों में संक्रामक रूप।
फ्लैगेलेट (Flagellate): संक्रमणकालीन रूप, दो फ्लैजिला के साथ नाशपाती के आकार का, गैर-भक्षण एवं अस्थायी।
प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस
(Primary Amoebic Meningoencephalitis- PAM)
संक्रमण के लक्षण: लक्षण आमतौर पर सिरदर्द, बुखार, मतली एवं उल्टी से शुरू होते हैं। जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, व्यक्ति की गर्दन में अकड़न हो सकती है तथा भ्रम, दौरे, मतिभ्रम एवं संभावित रूप से कोमा में चला जा सकता है।
प्रभाव: PAM से प्रभावित अधिकांश व्यक्ति (लक्षणों की शुरुआत से) 1 से 18 दिनों के भीतर गंभीर स्थिति में पहुँच जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर कोमा में चले जाते हैं एवं लक्षण प्रकट होने के लगभग 5 दिन बाद अंततः मृत्यु हो जाती है।
उपचार: वर्तमान में, इस बीमारी का कोई निश्चित उपचार मौजूद नहीं है। इसे एम्फोटेरिसिन बी (Amphotericin B), एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin), फ्लुकोनाजोल (Fluconazole), रिफैम्पिन (Rifampin), मिल्टेफोसिन (Miltefosine) एवं डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) जैसी दवाओं के संयोजन का उपयोग करके प्रबंधित किया जाता है।
अमीबा के बारे में
परिचय: अमीबा को एकल-कोशिका वाले यूकेरियोटिक जीवों (Eukaryotic Organisms) के रूप में वर्गीकृत किया गया है एवं ये प्रोटिस्टा जगत (Protista Kingdom) के भाग होते हैं। वे विभिन्न प्रकार के जलीय तथा नम वातावरण में निवास करते हैं।
अमीबा में प्रजनन: अमीबा द्विआधारी विखंडन के माध्यम से अलैंगिक रूप से प्रजनन करते हैं, एक कोशिका को दो समान कोशिकाओं (मादा) में विभाजित करते हैं।
अमीबा में पोषण: हेटरोट्रॉफिक (Heterotrophic) होने के कारण, अमीबा अपने स्यूडोपोडिया के माध्यम से कार्बनिक पदार्थ, बैक्टीरिया एवं अन्य सूक्ष्मजीवों को निगलने तथा पचाने से पोषक तत्त्व प्राप्त करते हैं।
अमीबा के कारण होने वाले रोग: कुछ प्रकार के अमीबा, जैसे- एंटअमीबा हिस्टोलिटिका (Entamoeba Histolytica), परजीवी होते हैं एवं मनुष्यों में अमीबियासिस जैसी बीमारियों को प्रेरित करने की क्षमता रखते हैं।
खाद्य शृंखला में अमीबा की भूमिका: अमीबा जलीय खाद्य जाल में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, शिकारी एवं शिकार दोनों के रूप में कार्य करते हैं। वे अपने पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर पोषक चक्रण में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं।
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