100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Program)

Samsul Ansari January 13, 2024 05:55 289 0

संदर्भ

हाल ही में जारी एक अध्ययन के अनुसार, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत वर्ष 2024 तक निर्धारित किए गए लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सका है।

संबंधित तथ्य

  • अध्ययन करने वाली संस्था: रेस्पायरर लिविंग साइंसेज द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उत्पादित आँकड़ों पर आधारित अध्ययन किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत सितंबर 1974 में किया गया।
  • इसके पश्चात् केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।
  • यह बोर्ड पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्यों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत वर्णित किया गया है।

  • तय किए गए लक्ष्य 
    • इसे वर्ष 2019 में 2024 तक 20 से 30 प्रतिशत कणिका प्रदूषण को कम करने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था, 
    • जिसे बाद में वर्ष 2026 तक बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया। 
  • 131 गैर-लक्ष्य प्राप्ति शहरों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब तक लगभग 9,650 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • जिसमें से लगभग 60 प्रतिशत (5,835 करोड़ रुपये) शहरों द्वारा उपयोग कर लिए गए हैं।
  • गैर-प्राप्ति शहरों को इस तरह नामित किया जाता है यदि वे पाँच वर्ष की अवधि में सूक्ष्म कण पदार्थ (PM 10: जिसका व्यास 10 माइक्रोन या उससे कम है) या नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के लिए राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (NAQS) को पूरा करने में लगातार विफल रहते हैं।
  • शहरों की गणनात्मक स्थिति: पिछले कुछ वर्षों में अवलोकित किए गए 46 शहरों में से (अन्य के पास निरंतर डेटा नहीं है, जो अपने आप में एक विफलता है) 22 शहरों में PM 10 का स्तर पिछले पाँच वर्षों में खराब हो गया है।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP)

  • राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) को जनवरी 2019 में पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा देश भर में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक, समयबद्ध, राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में शुरू किया गया। 
  • NCAP के अंतर्गत, आधार वर्ष 2017 की तुलना में 24 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 131 शहरों में वर्ष 2024 तक पर्टिकुलेट मैटर सांद्रता में 20 से 30% की कमी के लक्ष्य को प्राप्त करने की परिकल्पना की गई। 
  • इसके बाद वर्ष 2025-26 तक पीएम सांद्रता के संदर्भ में 40% तक की कमी या राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (NAAQS) को प्राप्त करने के लिए लक्ष्य को संशोधित किया गया।

  • लक्ष्य प्राप्तकर्ता शहर: केवल 8 शहर प्रारंभिक लक्ष्य को पूरा कर पाए हैं। 
  • इसमें पाया गया कि प्रदूषण स्तर में 20 से 30 प्रतिशत की कमी आई है।
  • अधिकांश शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 (अल्ट्राफाइन कण) और पीएम10 के लिए क्रमशः 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (µg/m3) और 60 µg/m3 संबंधी राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों से अधिक है।
  • दोनों प्रदूषकों का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता संबंधी दिशा-निर्देशों से अधिक है।

शहरों से संबंधित आँकड़े

  • पश्चिम बंगाल का दुर्गापुर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला शहर रहा है।
  • उत्तर प्रदेश का वाराणसी वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2023 में पीएम 10 में 63 प्रतिशत की कमी के साथ सर्वाधिक बेहतर शहर रहा है।
  • ओडिशा का तलचर द्वितीय सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता रहा।
  • यह प्रदर्शन PM 2.5 से संदर्भित था, क्योंकि मूल्यांकन किए गए 49 शहरों में से 22 शहरों में प्रदूषण का स्तर अत्यधिक खराब हो गया और केवल 16 शहर 20 प्रतिशत कटौती लक्ष्य से आगे बढ़ सके।
  • मेट्रो शहरों की स्थिति
    • मुंबई सर्वाधिक खराब प्रदर्शन करने वाला महानगर था, जहाँ पिछले पाँच वर्षों में PM 10 का स्तर लगभग 37 प्रतिशत बढ़ गया।
    • पिछले पाँच वर्षों में दिल्ली में लगभग 4 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
      • हालाँकि वर्ष 2023 में यहाँ PM 10 की औसत सांद्रता 208.4 µg/m3 थी, जो राष्ट्रीय वार्षिक अनुमेय मानक 60 µg/m3 से तीन गुना अधिक थी।
    • वर्ष 2019 के बाद से कोलकाता और बंगलूरू में PM 10 के स्तर में क्रमशः 14 प्रतिशत और 11 प्रतिशत का सुधार हुआ है, हालाँकि दोनों शहरों को वर्ष 2026 में 40 प्रतिशत कटौती लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु स्तर को काफी कम करने की आवश्यकता है।
    • कोलकाता, जिसका PM 10 स्तर वर्ष 2023 में लगभग 93 µg/m3 था, को दो वर्षों के अंतर्गत अपने स्तर को वर्तमान स्तर की तुलना में लगभग एक-तिहाई कम करना होगा।
    • वर्ष 2023 के लिए पीएम10 डेटा वाले 93 शहरों में से केवल सात (10 प्रतिशत से कम) 60 µg/m3 के राष्ट्रीय मानक को पूरा करते हैं। 
    • 32 शहरों ने PM2.5 के राष्ट्रीय मानक 40 µg/m3 को पूर्ण किया है।

वित्तीयन:

  • प्रदूषण से निपटने के लिए वित्तपोषण महत्त्वपूर्ण है, पर्याप्त मात्रा में धन प्राप्त करने के बावजूद पिछले पाँच वर्षों में कई शहरों की प्रदूषण संबंधी स्थिति खराब हुई है या थोड़ा ही सुधार हुआ है।
    • वर्ष 2019 और 2023 के बीच मुंबई को 939 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और इनमें से 680 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया।
    • कोलकाता ने भी 636 करोड़ रुपये का उपयोग किया, लेकिन PM 2.5के स्तर में केवल 17 प्रतिशत और PM 10 के स्तर में केवल 14 प्रतिशत का सुधार हुआ।
    • दिल्ली और बंगलूरू को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए NCAP और 15वें वित्त आयोग से अत्यधिक कम धनराशि प्राप्त हुई, उसके बावजूद वे कुछ प्रगति करने में सफल रहे।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.