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राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025

Lokesh Pal July 26, 2025 04:53 33 0

संदर्भ

केंद्रीय खेल मंत्री ने लोक सभा में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया।

खेल प्रशासन से तात्पर्य किसी खेल संगठन के प्रबंधन और मार्गदर्शन के तरीके से है। इसमें शामिल हैं:

  • निरीक्षण: यह सुनिश्चित करना कि संगठन स्थापित नियमों, विनियमों और नीतियों के अनुसार संचालित हो।
  • निर्देशन: मिशन, लक्ष्य और रणनीतिक योजनाएँ निर्धारित करना, जो संगठन के उद्देश्य और प्रगति को आकार देते हैं।

संबंधित तथ्य

  • इस विधेयक में भारत में खेल प्रशासन में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव है, जिसमें राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) और राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण का गठन भी शामिल है।
  • इसके अलावा, विधेयक राष्ट्रीय खेल निकायों को मान्यता प्रदान करने और उनके क्रियाकलाप को विनियमित करने का प्रावधान करता है।

विधेयक के मुख्य उद्देश्य

  • सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSF) के लिए एक कानूनी शासन संरचना स्थापित करना।
  • वर्ष 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए भारत की दावेदारी से पहले वैश्विक मानकों के अनुरूप ढलने का लक्ष्य।
  • गुटबाजी, प्रशासनिक विवादों को दूर करने और भारत के खेल प्रदर्शन में सुधार लाने का प्रयास।
  • खिलाडियों के बेहतर कल्याण और उनकी संस्थागत दक्षता सुनिश्चित करना।

प्रस्तावित प्रमुख संस्थान

राष्ट्रीय खेल शासी निकाय

  • विधेयक में निम्नलिखित के गठन का प्रस्ताव है:
    • राष्ट्रीय ओलंपिक समिति
    • राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति
    • राष्ट्रीय और क्षेत्रीय खेल महासंघ (प्रत्येक खेल के लिए)।
  • ये निकाय अपने-अपने अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों से संबद्ध होंगे। इनकी राज्य और जिला स्तरीय इकाइयाँ भी संबद्ध होंगी।
  • कार्य एवं आवश्यकताएँ
    • आंतरिक समितियाँ और शिकायत निवारण प्रणालियाँ स्थापित करनी होंगी।
    • सभी हितधारकों (एथलीट, कोच, प्रायोजक, आदि) के लिए आचार संहिता का पालन करना होगा।
    • मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय चार्टर द्वारा शासित होगा, लेकिन यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है तो सरकार नियमों को स्पष्ट कर सकती है।

खेल निकायों की प्रशासनिक व्यवस्था

प्रत्येक राष्ट्रीय खेल निकाय में निम्नलिखित शामिल होंगे-

  • एक सामान्य  सभा: संबद्ध सदस्यों और चुनिंदा पदेन सदस्यों का समान प्रतिनिधित्व।
  • एक कार्यकारी समिति: अधिकतम 15 सदस्य, जिनमें शामिल हैं:-
    • कम-से-कम 2 उत्कृष्ट खिलाड़ी
    • 4 महिला सदस्य
    • आयु सीमा: सदस्यों की आयु 25-70 वर्ष होनी चाहिए (अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार 75 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है)।
  • नेतृत्व में भूमिकाएँ: अध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष।
    • अर्हता प्राप्त करने के लिए, व्यक्ति को एक उत्कृष्ट खिलाड़ी होना चाहिए या कार्यकारी समिति में कम-से-कम दो पूर्ण कार्यकाल पूरा करना चाहिए।
    • कोई भी व्यक्ति लगातार तीन कार्यकालों से अधिक (एक ही या अलग-अलग भूमिकाओं में) सेवा नहीं दे सकता।

1. राष्ट्रीय खेल बोर्ड (National Sports Board- NSB)

  • केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेल बोर्ड की स्थापना निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए की जाएगी
    • राष्ट्रीय खेल निकायों को मान्यता और पंजीकरण प्रदान करना।
    • आवश्यकता पड़ने पर मान्यता निलंबित या रद्द करना।
    • नैतिकता और वैश्विक मानकों के अनुपालन हेतु दिशा-निर्देश जारी करना।
    • धन के दुरुपयोग, खिलाड़ियों के कल्याण और खेल विकास जैसे मुद्दों की जाँच करना।
    • यदि अंतर्राष्ट्रीय मान्यता समाप्त हो जाए तो तदर्थ प्रशासनिक निकाय बनाना।
  • NSB की संरचना
    • एक अध्यक्ष और खेल कानून, शासन तथा प्रशासन जैसे क्षेत्रों के अन्य विशेषज्ञ।
    • केंद्र सरकार द्वारा सदस्यों की नियुक्ति कैबिनेट सचिव या खेल सचिव की अध्यक्षता वाली एक  चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाएगी।

2. राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण (National Sports Tribunal)

  • विधेयक में खेल संबंधी विवादों (आंतरिक मामलों या अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जैसे कुछ मामलों को छोड़कर) के निपटारे के लिए एक न्यायाधिकरण का प्रस्ताव है।
  • न्यायाधिकरण की संरचना
    • अध्यक्ष: सर्वोच्च न्यायालय का वर्तमान/पूर्व न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश।
    • दो सदस्य: विधि, खेल या लोक प्रशासन के क्षेत्र से प्रतिष्ठित व्यक्ति।
    • नियुक्तियों की अनुशंसा एक चयन समिति द्वारा की जाएगी, जिसमें शामिल होंगे: मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति, विधि सचिव, खेल सचिव।
    • न्यायाधिकरण के पास दीवानी न्यायालय के अधिकार होंगे। इसके निर्णयों के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में या यदि अंतरराष्ट्रीय नियमों की आवश्यकता हो, तो खेल पंचाट न्यायालय -स्विट्जरलैंड (Court of Arbitration for Sport) में अपील की जा सकती है।

3. चुनाव निरीक्षण

  • राष्ट्रीय खेल निकायों के चुनावों की निगरानी के लिए निर्वाचन अधिकारियों का एक राष्ट्रीय पैनल कार्य करेगा।
  • प्रत्येक खेल निकाय को अपने क्षेत्रीय संबद्ध संगठनों के चुनावों की निगरानी के लिए एक आंतरिक निर्वाचन पैनल भी बनाना होगा।

4. केंद्र सरकार की शक्तियाँ

केंद्र सरकार किसी राष्ट्रीय निकाय या संबद्ध संस्था को विधेयक के कुछ भागों से छूट दे सकती है, यदि वह सार्वजनिक हित में हो या किसी विशिष्ट खेल के विकास को बढ़ावा देता हो।

RTI का दायरा

  • BCCI सहित सभी मान्यता प्राप्त खेल संस्थाएँ सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के अंतर्गत आएँगी।
    • BCCI ऐतिहासिक रूप से सरकारी निगरानी का विरोध करता रहा है।
  • सूचना का अधिकार (RTI) खेल प्रशासन में पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही सुनिश्चित करता है।

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