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राष्ट्रीय युवा दिवस

Lokesh Pal January 13, 2025 05:24 11 0

संदर्भ

भारत में प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद (जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में) की शिक्षाओं एवं आदर्शों का सम्मान करने के लिए राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।

  • 12 जनवरी, 2025 को स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती है। 

राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 के बारे में

  • राष्ट्रीय युवा महोत्सव (NYF) प्रत्येक वर्ष 12 से 16 जनवरी तक आयोजित किया जाता है।
  • NYF 2025 भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
  • इसकी मेजबानी केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा किसी एक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश (UTs) के साथ साझेदारी में की जाती है।
  • NYF 2025 का विषय ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नवाचार’ है।

स्वामी विवेकानंद 

  • प्रारंभ में उनका नाम नरेंद्र नाथ दत्त था, जिनका जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ था। 
  • स्वामी विवेकानंद 19वीं सदी के रहस्यवादी एवं योगी रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे।

  • उन्होंने वर्ष 1897 में रामकृष्ण मठ की स्थापना की, जो कोलकाता में उनके गुरु की शिक्षाओं पर आधारित एक मठ था एवं एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन था, जिसे वेदांत के प्राचीन हिंदू दर्शन पर आधारित रामकृष्ण मिशन के रूप में जाना जाता था।
  • स्वामी विवेकानंद को उन महान भारतीय व्यक्तित्वों में से एक माना जाता है, जिन्होंने पश्चिमी दुनिया को हिंदू धर्म से अवगत कराया। 
  • रामकृष्ण परमहंस के शिष्य के रूप में, उन्होंने औपनिवेशिक भारत में राष्ट्रीय एकीकरण पर जोर दिया एवं उन्हें देश में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने का श्रेय दिया जाता है।

स्वामी विवेकानंद का प्रारंभिक जीवन एवं आध्यात्मिक जागृति

  • उनकी पश्चिमी दर्शन, इतिहास, धर्म एवं आध्यात्मिकता में प्रारंभिक रुचि थी। स्वामी विवेकानंद विभिन्न विषयों के अच्छे जानकार थे।
  • उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस थे।
  • खेतड़ी राज्य के महाराजा अजीत सिंह के अनुरोध पर वर्ष 1893 में अपना नाम बदलकर ‘विवेकानंद’ रख लिया।
  • साहित्यिक कृतियाँ: राजयोग, ज्ञानयोग एवं कर्मयोग जैसी पुस्तकें लिखीं।
  • मृत्यु: 4 जुलाई, 1902 को निधन हो गया।

स्वामी विवेकानंद का योगदान 

  • स्वामी विवेकानंद की उपलब्धियों ने समाज पर अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने मानवता को बेहतर बनाने, आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ावा देने और सद्भाव, सामाजिक न्याय तथा अंतर-धार्मिक समझ को विकसित करने के लिए अथक प्रयास किया।
  • भारतीय दर्शन का परिचय: स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को भारतीय दर्शन, विशेष रूप से वेदांत और योग से परिचित कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • उन्होंने “नव-वेदांत” नामक दर्शन का प्रचार किया, जिसने पश्चिमी दृष्टिकोण से हिंदू धर्म की व्याख्या की।
    • विवेकानंद आध्यात्मिकता और भौतिक प्रगति के बीच सामंजस्य में विश्वास करते थे।
  • शिक्षा पर जोर: स्वामी विवेकानंद ने भारत के पुनरुद्धार के साधन के रूप में शिक्षा पर अत्यधिक बल दिया।
    • उन्होंने एक समग्र और चरित्र-निर्माण शिक्षा प्रणाली की वकालत की, जिसका उद्देश्य व्यक्तियों को आत्मनिर्भर और नैतिक रूप से ईमानदार बनाना था।
  • विश्व धर्म संसद: स्वामी विवेकानंद को वर्ष 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में उनके उल्लेखनीय भाषण के लिए वैश्विक मान्यता मिली।
    • उन्होंने अमेरिका में हिंदू धर्म की शुरुआत की और संसद में धार्मिक सहिष्णुता और कट्टरता को समाप्त करने का आह्वान किया।
    • उनके संबोधन में धर्मों की सार्वभौमिकता पर प्रकाश डाला गया, धार्मिक सहिष्णुता, सद्भाव और मानवता की एकता की आवश्यकता पर बल दिया गया।
  • मुक्ति के मार्ग: स्वामी विवेकानंद ने अपनी पुस्तकों में सांसारिक आसक्तियों एवं सुखों से मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त करने के चार मार्गों की व्याख्या की है: राज योग, कर्म योग, ज्ञान योग एवं भक्ति योग। 
    • उन्होंने लोगों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा पर मार्गदर्शन करने के लिए इन मार्गों पर व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान की।
  • आधुनिक भारत पर प्रभाव: स्वामी विवेकानंद के विचारों और शिक्षाओं ने आधुनिक भारत को गहराई से प्रभावित किया।
    • नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने उन्हें “आधुनिक भारत का निर्माता” कहा है।
    • आत्मविश्वास, राष्ट्रीय गौरव और आध्यात्मिकता जैसे मुद्दों पर विवेकानंद के प्रयासों ने राष्ट्र में पुनर्जागरण की चेतना उत्पन्न की।

स्वामी विवेकानंद के सहयोगी संगठन

  • रामकृष्ण मिशन: रामकृष्ण परमहंस के मुख्य शिष्य के रूप में, स्वामी विवेकानंद ने वर्ष 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
    • यह संगठन मूल्य-आधारित शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण, स्वास्थ्य सेवा, महिला सशक्तीकरण, युवा और आदिवासी कल्याण, तथा राहत एवं पुनर्वास प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • बेलूर मठ: वर्ष 1899 में, स्वामी विवेकानंद ने बेलूर मठ को अपने स्थायी निवास के रूप में स्थापित किया।
    • बेलूर मठ रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है, जो विवेकानंद की शिक्षाओं के प्रसार के लिए एक आध्यात्मिक अभयारण्य और केंद्र के रूप में स्थापित है।
  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद ने अद्वैत वेदांत दर्शन के अध्ययन और अभ्यास को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड के मायावती में अद्वैत आश्रम की स्थापना की।
    • आश्रम पुस्तक मुद्रण और वितरण, आध्यात्मिक वापसी और शैक्षिक तथा स्वास्थ्य सेवा पहलों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • वेदांत सोसायटी: स्वामी विवेकानंद ने संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया के अन्य क्षेत्रों में वेदांत सोसायटी की स्थापना को प्रेरित किया।
    • ये संगठन वेदांत दर्शन की अपनी समझ को बेहतर बनाने और आध्यात्मिक साधकों को इसकी शिक्षाओं की जाँच करने के लिए एक मंच प्रदान करने का प्रयास करते हैं।
  • भारत सेवाश्रम संघ: स्वामी विवेकानंद ने भारत सेवाश्रम संघ के गठन को प्रोत्साहित किया, इस तथ्य के बावजूद कि यह उनके द्वारा नहीं बनाया गया था।
    • यह समूह मानवता के लिए परोपकारी सेवा पर जोर देता है, शैक्षिक, चिकित्सा और राहत प्रयासों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को संबोधित करता है।

युवाओं के लिए सरकारी पहल एवं योजनाएँ

योजना/पहल

उद्देश्य

मुख्य लक्ष्य/विवरण

नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) युवा व्यक्तित्व का विकास करना एवं राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में संलग्न होने को बढ़ावा देना।
  • NYKS के बजट द्वारा वित्त पोषित मुख्य कार्यक्रम।
  • युवा मामले योजनाएँ: NPYAD एवं NYLP 
  • अन्य मंत्रालयों द्वारा वित्तपोषित सहयोगात्मक परियोजनाएँ।
  • युवा मुद्दों के लिए विशेष कार्यक्रम।
नेशनल यंग लीडर्स प्रोग्राम (NYLP) सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए युवा नेतृत्व एवं नवाचार को बढ़ावा देना।
  • समुदाय एवं सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए युवाओं के लिए संस्थागत मंच प्रदान करना।
  • समसामयिक मुद्दों पर जागरूकता एवं सहभागिता को बढ़ावा देना।
युवा एवं किशोर विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPYAD) युवाओं एवं किशोरों के विकास के लिए वित्तीय सहायता। 5 प्रमुख घटक

  • नेतृत्व प्रशिक्षण।
  • राष्ट्रीय एकीकरण कार्यक्रम।
  • साहसिक गतिविधियाँ।
  • किशोर विकास।
  • तकनीकी एवं संसाधन विकास।
राष्ट्रीय युवा नीति (NYP) 2024 SDGs के अनुरूप युवा विकास के लिए 10-वर्षीय दृष्टिकोण निर्धारित करना।
  • शिक्षा, रोजगार, नेतृत्व, स्वास्थ्य एवं सामाजिक न्याय पर ध्यान देना।
  • NEP वर्ष 2020 के अनुरूप।
  • समावेशन, मानसिक स्वास्थ्य एवं फिटनेस को बढ़ावा देना।
राष्ट्रीय युवा कोर (NYC) समावेशी विकास को सुविधाजनक बनाने एवं सामुदायिक रोल मॉडल के रूप में कार्य करने के लिए अनुशासित युवाओं को तैयार करना।
  • सूचना एवं ज्ञान का प्रसार करना।
  • सार्वजनिक नैतिकता एवं श्रम की गरिमा बढ़ाना।
राष्ट्रीय युवा पुरस्कार युवाओं एवं गैर-सरकारी संगठनों के अनुकरणीय योगदान को मान्यता देना।
  • व्यक्तिगत पुरस्कार: ₹1,00,000, एक पदक एवं एक प्रमाण-पत्र।
  • संगठन पुरस्कार: ₹3,00,000, एक पदक एवं एक प्रमाण-पत्र।
राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) “मैं नहीं, बल्कि आप” के आदर्श वाक्य के साथ सामुदायिक सेवा को बढ़ावा देना।
  • नेतृत्व, सामाजिक जिम्मेदारी एवं राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना।
  • संस्थानों एवं समुदायों के बीच संबंधों को प्रोत्साहित करना।
युवा छात्रावास यात्रा, अन्वेषण एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
  • युवाओं के लिए किफायती आवास।
  • केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त वार्डन द्वारा प्रबंधित।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग युवाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण विकसित करना एवं युवाओं से संबंधित मुद्दों पर सहयोग करना।
  • संयुक्त राष्ट्र स्वयंसेवकों (UNVs)/संयुक्त राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम (UNDP) एवं राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रम (CYP) के साथ सहयोग करना।
  • वर्ष 2020 से कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार पहल के लिए UNICEF के साथ सहयोग।

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