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Lokesh Pal
May 20, 2025 03:55
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हाल ही में किए गए एक चीनी अध्ययन में यह पाया गया है कि ‘एडेनोसिन-टू-इनोसिन’ (A-to-I) mRNA एडिटिंग, कवक (fungi) में विकासात्मक रूप से विनियमित होती है, अर्थात् यह प्रक्रिया कवक के जीवन चक्र के विभिन्न चरणों में अलग-अलग स्तरों पर सक्रिय रहती है।
mRNA एडिटिंग जटिल, लचीली जीन अभिव्यक्ति (Flexible Gene Expression) की अनुमति देता है, इसकी पूर्ण विकासवादी भूमिका अभी भी अस्पष्ट है। फिर भी, जैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा में इसकी क्षमता तेजी से बढ़ रही है।
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