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नवचेतना: शैक्षिक गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम

Lokesh Pal April 22, 2024 06:19 376 0

संदर्भ

प्रारंभिक बचपन प्रोत्साहन 2024 के राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत, भारत में माता-पिता, आंगनबाड़ियों (बाल देखभाल केंद्र) तथा आशा कार्यकर्ताओं के लिए गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम जारी किया गया है।

संबंधित तथ्य 

  • इस पाठ्यक्रम का नाम ‘नवचेतना’ रखा गया है।
  • यह कार्यक्रम इस बात पर जोर देता है कि बच्चे की सीखने की यात्रा जन्म से शुरू होती है तथा तीन वर्ष की आयु तक चलती है।

नवचेतना (Navchetana)

  • यह पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) का अनुसरण करता है।
  • यह कार्यक्रम बच्चे के पहले तीन वर्षों के दौरान मस्तिष्क के विकास के महत्त्व को रेखांकित करता है, जिस दौरान मस्तिष्क के 75% हिस्से का विकास होता है।
  • इस कार्यक्रम को माता-पिता, आंगनवाड़ी कर्मचारियों और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रत्येक महीने आयोजित किया जाता है, जहाँ बच्चों के लिए गतिविधियाँ निर्धारित की जाती हैं और उद्देश्यपूर्ण गतिविधियों के माध्यम से बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाता है।
  • पाठ्यक्रम में कई प्रकार की गतिविधियाँ शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं-
    • बातचीत: बच्चों के साथ बातचीत को प्रोत्साहित करना।
    • खेलना: बच्चों को खेल-आधारित शिक्षा में शामिल करना।
    • घूमना: शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना।
    • संगीत और ध्वनि: श्रवण क्षमता में सुधार करना।
    • इंद्रिय-बोध: दृष्टि और स्पर्श से संबंधित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य बच्चों की भाषा, साक्षरता, संख्यात्मकता तथा संवाद-कौशल को प्रोत्साहित करना है।
  • कर्मचारियों का प्रशिक्षण: 14 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कर्मचारियों को पाठ्यक्रम लागू करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • ढाँचा का विकास
    • एक आंतरिक समिति ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
    • शामिल संगठनों में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, गृह अर्थशास्त्र संस्थान, दिल्ली विश्वविद्यालय आदि हैं।
  • देखभाल करने वालों और कार्यकर्ताओं के लिए दिशानिर्देश
    • पाठ्यक्रम को लागू करने में माता-पिता तथा देखभाल से जुड़े कार्यकर्ताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। इस प्रकार, विशिष्ट दिशा-निर्देश कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन के लिए आवश्यक है-
      • बच्चे का ध्यान आकर्षित करना
      • बच्चे के साथ बातचीत 
      • आयु-आधारित खेलों की गतिविधियाँ 
      • बच्चे के नेतृत्व का अनुसरण करना
      • सकारात्मक सुदृढ़ीकरण प्रदान करना

बच्चों के लिए विकासात्मक गतिविधियाँ

  • शैशवावस्था [Infancy (0-12 महीने)]
    • इस दौरान कप, बोतलें और कपड़े के अवशेष जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
    • पहले वर्ष के दौरान, गतिविधियाँ बुनियादी कौशल पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जैसे वस्तुओं तक पहुँचना, ध्वनि की नकल करना, वस्तुओं में हेरफेर करना, वस्तुओं को जार के अंदर एवं बाहर रखना, रूमाल की गाँठें खोलना आदि।
  • शिशुवस्था [Toddlerhood (12-24 महीने)]
    • बढ़ती उम्र के साथ बच्चों को भूख, अपने वातावरण आदि से संबंधित बातों को इंगित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
      • इस उम्र के बच्चे रसोईघर के क्रियाकलापों, आटे के साथ खेलना तथा स्वयं को दर्पण में देखना आदि गतिविधियों में शामिल होते हैं।
    • लगभग 18 महीने की उम्र में बच्चों की प्रारंभिक रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए क्रेयॉन से लिखना शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • पूर्वस्कूली वर्ष [Preschool Years (24-36 महीने)]
    • दो वर्ष की आयु तक बच्चों को जूतों को क्रमबद्ध करना, वस्तुओं का मिलान करना आदि क्रियाकलापों को सिखाने पर केंद्रित किया जाएगा।
    • तीन वर्ष की आयु में बच्चों को साइकिल चलाना, अपना नाम बोलने का अभ्यास करना और रंगों की पहचान करना सिखाया जाएगा, फलस्वरूप उनके संज्ञानात्मक समझ के विकास के लिए आधारशिला रखी जाएगी।

गतिविधि आधारित पाठ्यक्रम के लाभ

प्रारंभिक बचपन प्रोत्साहन का राष्ट्रीय ढाँचा 2024 (Activity-based Curriculum Outlined in the National Framework) में उल्लिखित गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम के अनेक लाभ हैं-

  • मस्तिष्क का प्रारंभिक विकास: यह पाठ्यक्रम पहले तीन महत्त्वपूर्ण वर्षों के दौरान आवश्यक गतिविधियों पर जोर देता है, जिस दौरान मस्तिष्क का 75% हिस्सा विकसित होता है।
  • एकाधिक विकासात्मक क्षेत्रों का समर्थन: इस कार्यक्रम की गतिविधियों में भाषा, साक्षरता, संख्यात्मकता और सामाजिक संपर्क जैसे विभिन्न कौशलों को लक्षित किया जाता है।
  • आसानी से उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग: कार्यक्रम की रूपरेखा में उल्लिखित गतिविधियाँ घरेलू वस्तुओं का उपयोग करती हैं, जो इसे सुलभ और किफायती बनाती हैं।
  • विकासात्मक गतिविधियों में विलंब: आयु-आधारित गतिविधियों को पालन करने में संभावित विलंबता को पहचानना एवं संबोधित करना।

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