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Lokesh Pal
June 23, 2025 02:03
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भारत को गंभीर पेंशन संकट का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि यहाँ कार्यबल कवरेज मात्र 12% है, अनौपचारिक नौकरियों में 85% लोग कार्यरत हैं, तथा वर्ष 2050 तक निर्भरता अनुपात 30% हो जाएगा इस चुनौती से निपटने के लिए एक संरचित, समावेशी पेंशन प्रणाली की तत्काल आवश्यकता है।
भारत के पेंशन क्षेत्र को अनौपचारिक कार्यबल के 85% हिस्से को शामिल करने और तेजी से बढ़ती बुजुर्ग आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए समय के साथ विकसित होना चाहिए। आर्थिक सुरक्षा, सामाजिक न्याय और राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत को एक ऐसी पेंशन प्रणाली की आवश्यकता है जो एकीकृत, डिजिटल और समावेशी हो, और जो वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से प्रेरित हो।
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