वर्ष 2023-24 में नीदरलैंड भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बनकर उभरा।
संबंधित तथ्य
निर्यात वृद्धि से संबंधित वस्तुएँ
पिछले वित्त वर्ष में नीदरलैंड में जिन वस्तुओं ने निर्यात वृद्धि दर्ज की, उनमें पेट्रोलियम उत्पाद ($14.29 बिलियन), इलेक्ट्रिकल सामान, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं।
तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य
वाणिज्य मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023-24 के दौरान नीदरलैंड अमेरिका और यू.ए.ई. के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया है, जबकि देश से वस्तुओं की शिपमेंट में 3% से अधिक की गिरावट आई है।
भारत का व्यापार अधिशेष
पिछले वित्त वर्ष में नीदरलैंड के साथ भारत का व्यापार अधिशेष वर्ष 2022-23 में $13 बिलियन से बढ़कर $17.4 बिलियन हो गया है।
आँकड़े
नीदरलैंड ने यू.के., हांगकांग, बांग्लादेश और जर्मनी जैसे प्रमुख गंतव्यों को पीछे छोड़ दिया है।
नीदरलैंड को भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 3.5% बढ़कर 22.36 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि 2022-23 में यह 21.61 बिलियन डॉलर था।
यूरोपीय देशों की स्थिति
वर्ष 2021-22 और 2020-21 में, यूरोपीय देश को निर्यात क्रमशः 12.55 बिलियन डॉलर और 6.5 बिलियन डॉलर रहा।
वर्ष 2021-22 की स्थिति
वर्ष 2021-22 में, नीदरलैंड भारतीय निर्यात के लिए पाँचवाँ सबसे बड़ा गंतव्य था, जबकि वर्ष 2020-21 में यह नौवाँ सबसे बड़ा गंतव्य था।
नीदरलैंड का महत्त्व एवं भारत-नीदरलैंड हालिया आर्थिक सहयोग
भारत और नीदरलैंड ने वर्ष 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। तब से, दोनों देशों ने मजबूत राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध विकसित किए हैं।
नीदरलैंड कुशल बंदरगाहों और सड़कों, रेलवे तथा जलमार्गों के माध्यम से यूरोपीय संघ के साथ संपर्क के साथ यूरोप के लिए एक केंद्र के रूप में उभरा है।
वर्ष 2023-24 में, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2022-23 में 27.58 बिलियन डॉलर के मुकाबले मामूली रूप से घटकर 27.34 बिलियन डॉलर रह गया।
जर्मनी, स्विट्जरलैंड, यू.के. और बेल्जियम के बाद नीदरलैंड यूरोप में भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है।
यह भारत में एक प्रमुख निवेशक भी है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान, भारत को नीदरलैंड से लगभग 5 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ।
वर्ष 2022-23 में यह 2.6 बिलियन डॉलर था।
भारत में 200 से अधिक डच कंपनियाँ मौजूद हैं, जिनमें फिलिप्स, अक्जो नोबेल, डी.एस.एम., के.एल.एम. और राबोबैंक शामिल हैं।
इसी प्रकार, नीदरलैंड में 200 से अधिक भारतीय कंपनियाँ कार्यरत हैं, जिनमें टी.सी.एस., एच.सी.एल., विप्रो, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा के साथ-साथ सन फार्मास्यूटिकल्स और टाटा स्टील जैसी सभी प्रमुख आईटी कंपनियाँ शामिल हैं।
भारत-नीदरलैंड संबंध
पृष्ठभूमि
भारत और नीदरलैंड ने वर्ष 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित किए।
वर्ष 2022 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे किए।
वर्तमान में दोनों देशों के बीच सशक्त राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध हैं।
द्विपक्षीय व्यापार
द्विपक्षीय व्यापार- 27.58 बिलियन अमेरिकी डॉलर (वर्ष 2022-23 के दौरान)
नीदरलैंड यूरोप में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (अप्रैल 2000-मार्च 2023 तक) है।
नीदरलैंड से भारत में संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश- 43.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर (अप्रैल 2000-मार्च 2023 तक)।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
‘स्वस्थ पुन: उपयोग सयंत्र के लिए शहरी सीवेज स्ट्रीम के स्थानीय उपचार’ (Local Treatment of Urban Sewage Streams for Healthy Reuse, LOTUS-HR)” कार्यक्रम।
जल प्रबंधन
डच इंडो वाटर अलायंस लीडरशिप इनिशिएटिव (DIWALI) नामक एक मंच
कृषि क्षेत्र
संयुक्त कृषि कार्य समूह (Joint Agriculture Working Group- JAWG)
JAWG के तहत एक कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें बागवानी, पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्यपालन तथा खाद्य प्रसंस्करण में उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित करने में सहयोग की परिकल्पना की गई है।
नीदरलैंड
संलग्न सीमा: पूर्व में जर्मनी, दक्षिण में बेल्जियम और उत्तर-पश्चिम में उत्तरी सागर।
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