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FPI को FDI में पुनर्वर्गीकृत करने के लिए RBI का नया ढाँचा

Lokesh Pal November 14, 2024 03:03 26 0

संदर्भ

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ सीमाओं का उल्लंघन होने पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा किए गए निवेश को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में पुनर्वर्गीकृत करने के लिए एक परिचालन रूपरेखा जारी की है।

भारत में विदेशी निवेश के लिए FDI रूट

  • स्वचालित रूट: स्वचालित रूट के तहत, किसी अनिवासी निवेशक या भारतीय कंपनी को निवेश करने के लिए भारत सरकार से अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।
  • सरकारी रूट: सरकारी रूट के अंतर्गत निवेश के लिए भारत सरकार से पूर्व अनुमोदन आवश्यक है।
    • इस रूट से FDI के प्रस्तावों की समीक्षा और अनुमोदन संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय या विभाग द्वारा किया जाता है।
    • विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल (FIFP): FIFP सरकारी अनुमोदन की आवश्यकता वाले अनुप्रयोगों के लिए एकल-खिड़की निकासी पोर्टल के रूप में कार्य करता है।
    • इसे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) द्वारा प्रशासित किया जाता है।
  • FPI का FDI में पुनर्वर्गीकरण: जिन क्षेत्रों में FDI  प्रतिबंधित है, वहाँ FPI निवेश को FDI  में पुनर्वर्गीकृत करने की सुविधा की अनुमति नहीं है।
  • भारत में FDI-निषिद्ध क्षेत्र
    • जुआ और सट्टा।
    • चिट फंड।
    • निधि कंपनी।
    • हस्तांतरणीय विकास अधिकारों (Transferable Development Rights- TDR) में व्यापार।
    • रियल एस्टेट व्यवसाय।
    • तंबाकू उत्पादों का विनिर्माण।
    • लॉटरी व्यवसाय, जिसमें सरकारी और निजी लॉटरी और ऑनलाइन लॉटरी शामिल हैं।
    • निजी क्षेत्र में प्रतिबंधित निवेश।
  • परमाणु ऊर्जा और रेलवे परिचालन जैसे कुछ क्षेत्र, समेकित FDI नीति के तहत अनुमत गतिविधियों को छोड़कर, निजी क्षेत्र के निवेश के लिए खुले नहीं हैं।

फ्रेमवर्क की मुख्य विशेषताएँ 

  • FPI निवेश सीमा: विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को किसी कंपनी की कुल चुकता इक्विटी पूँजी का 10% तक रखने की अनुमति है।
    • यदि कोई FPI या उसका निवेशक समूह इस सीमा का उल्लंघन करता है, तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में पुनर्वर्गीकरण अनिवार्य हो जाता है।
  • 10% की सीमा का उल्लंघन करने वाले FPI के लिए विकल्प: 10% की सीमा पार करने वाले FPI को या तो अपनी अतिरिक्त हिस्सेदारी बेचनी होगी अथवा अपने निवेश को FDI के रूप में पुनर्वर्गीकृत करना होगा।
    • RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस आवश्यकता का अनुपालन करने के लिए उनके पास व्यापार निपटान की तारीख से पाँच दिन का समय होता है।
  • पुनर्वर्गीकरण के लिए शर्तें: एक बार पुनर्वर्गीकृत हो जाने पर, FPI द्वारा किया गया संपूर्ण निवेश FDI माना जाएगा तथा उसे इसी श्रेणी में रखा जाएगा, भले ही बाद में उसकी हिस्सेदारी 10% की सीमा से नीचे चली जाए।
    • पुनर्वर्गीकरण प्रयोजनों के लिए, FPI तथा उसके निवेशक समूह को एक ही इकाई माना जाएगा।
  • आवश्यक सरकारी अनुमोदन: पुनर्वर्गीकरण चाहने वाले FPI को भारत सरकार से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करना होगा, विशेष रूप से उन देशों से होने वाले निवेश के लिए जो भारत के साथ स्थलीय सीमा साझा करते हैं।
    • यदि निवेश का लाभकारी स्वामी इन सीमावर्ती देशों का नागरिक या निवासी है तो अतिरिक्त अनुमोदन की आवश्यकता होगी, क्योंकि उन्हें किसी भी प्रकार के FDI के लिए सरकारी मार्ग की आवश्यकता होती है।
  • गैर-सीमावर्ती देश के निवेशकों के लिए छूट: इस नीति के अधीन न आने वाले देशों के निवेशकों को लेन-देन के बाद केवल आरबीआई को सूचित करना होगा, इसके लिए सरकार की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
  • SEBI के साथ समन्वय: RBI के साथ-साथ SEBI ने भी FPI से FDI पुनर्वर्गीकरण की प्रक्रिया का विवरण देते हुए अपना स्वयं का परिपत्र जारी किया है, जिससे विनियामक संरेखण और प्रक्रियात्मक स्पष्टता सुनिश्चित हुई है।

विदेशी निवेश के प्रकार

आधार

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI)

विदेशी संस्थागत निवेशक (FII)

अर्थ 
  • दीर्घकालिक निवेश जहाँ कोई विदेशी संस्था किसी घरेलू कंपनी में नियंत्रण हिस्सेदारी प्राप्त करती है या परिचालन स्थापित करती है।
  • यह ऋण सृजन नहीं है।
  • स्टॉक और बॉण्ड जैसी वित्तीय परिसंपत्तियों में बिना किसी नियंत्रणकारी हिस्सेदारी के निवेश।
  • यह एक अल्पकालिक निवेश है।

संस्थागत निवेशक (जैसे, पेंशन फंड, म्यूचुअल फंड) जो किसी देश के वित्तीय बाजारों में निवेश करते हैं।

स्वामित्व नियंत्रण 

इसमें घरेलू कंपनी के प्रबंधन पर महत्त्वपूर्ण स्वामित्व और नियंत्रण शामिल है, जिससे निवेश स्थिर तथा दीर्घकालिक बनता है।

इसमें कंपनी पर नियंत्रण शामिल नहीं होता; इसमें आमतौर पर अल्पसंख्यक शेयरधारिता शामिल होती है।

FPI के समान
क्षेत्र प्रतिबंध 

क्षेत्र-विशिष्ट सीमा और कुछ क्षेत्रों में सरकारी अनुमोदन के अधीन।

इसमें प्रतिबंध कम हैं, क्योंकि इसमें सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में निष्क्रिय निवेश शामिल है।

प्रतिबंध कम होंगे, लेकिन सेबी के दिशा-निर्देशों और विनियमों का पालन करना होगा।

बाजार  प्राथमिक बाजार में। द्वितीयक बाजार में। द्वितीयक बाजार में।
निवेश की प्रकृति  भौतिक संपत्तियाँ शामिल हैं। वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश। मुख्यतः वित्तीय परिसंपत्तियों में।
भारत में नियामक निकाय 

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग ( DPIIT)

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड  (SEBI)

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत में FDI रुझान

पहलू (Aspect)

विवरण (Details)

कुल FDI अंतर्वाह 70.95 बिलियन डॉलर
FDI इक्विटी अंतर्वाह 44.42 बिलियन डॉलर
सर्वाधिक योगदान देने वाले देश मॉरीशस (25%)>सिंगापुर (23%)>अमेरिका (9%)>नीदरलैंड (7%)>जापान (6%)
FDI प्राप्त करने वाले शीर्ष क्षेत्र सेवा क्षेत्र (16%) (वित्त, बैंकिंग, बीमा, व्यवसाय आउटसोर्सिंग, अनुसंधान एवं विकास, आदि शामिल हैं) >कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (15%)> ट्रेडिंग (6%)> दूरसंचार (6%)> ऑटोमोबाइल उद्योग (5%)
शीर्ष प्राप्तकर्ता राज्य महाराष्ट्र (30%)> कर्नाटक (22%)> गुजरात (17%)> दिल्ली (13%)> तमिलनाडु (5%)

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