12 नवंबर, 2024 को केंद्र सरकार ने कोचिंग सेंटरों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority- CCPA) के बारे में
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority- CCPA) एक विनियामक निकाय है।
यह निकाय जाँच कर सकता है, धन वापसी कर सकता है, वापस मँगा सकता है और जुर्माना लगा सकता है।
स्थापना: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत।
उद्देश्य: इसका उद्देश्य उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करना और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना है।
CCPA दिशा-निर्देशों का अवलोकन
जारीकर्ता: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA)
उद्देश्य: राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर शिकायतों के बाद कोचिंग सेंटरों द्वारा भ्रामक दावों को रोकना।
अब तक जुर्माना: CCPA ने 54 नोटिस जारी किए हैं और कुल 54.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
CCPA दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएँ
झूठे दावों पर प्रतिबंध
गलत चयन और नौकरी की गारंटी: संस्थानों को निम्नलिखित के बारे में झूठे दावे करने से प्रतिबंधित किया गया है:
पाठ्यक्रम की पेशकश और अवधि
संकाय प्रमाण-पत्र
शुल्क संरचना और वापसी नीतियाँ
चयन दरें और परीक्षा रैंकिंग
नौकरी की सुरक्षा या वेतन वृद्धि की गारंटी
पाठ्यक्रम की जानकारी: पाठ्यक्रम की अवधि, संकाय योग्यता, शुल्क संरचना और धन वापसी नीतियों पर भ्रामक दावे निषिद्ध हैं।
कोचिंग की परिभाषा
‘कोचिंग’ में अकादमिक सहायता, शिक्षा, मार्गदर्शन, अध्ययन कार्यक्रम और ट्यूशन शामिल हैं।
विज्ञापन मानक
शैक्षणिक सहायता, मार्गदर्शन और ट्यूशन के लिए सभी प्रकार के विज्ञापन शामिल हैं।
खेल और रचनात्मक गतिविधियों जैसी गैर-शैक्षणिक गतिविधियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
सरकार का रुख
उपभोक्ता अधिकार: विज्ञापनों की गुणवत्ता से उपभोक्ता अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।
सफलता प्रशंसा-पत्र का उपयोग
सहमति आवश्यक: संस्थानों को सफल उम्मीदवारों के नाम, फोटो या प्रशंसा-पत्र का उपयोग करने से पहले उनसे लिखित सहमति प्राप्त करनी होगी।
पारदर्शिता: अस्वीकरणों को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना चाहिए और पाठ्यक्रम की पेशकश के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करनी चाहिए।
सटीक प्रतिनिधित्व
कोचिंग सेंटरों को अपने संसाधनों, सुविधाओं और पाठ्यक्रम मान्यता को सटीक रूप से प्रस्तुत करना चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि पाठ्यक्रम अनुमोदन मानकों (जैसे-AICTE, UGC) को पूरा करते हैं।
अनुपालन आवश्यकताएँ
पाठ्यक्रम मान्यता: पाठ्यक्रमों को AICTE, UGC आदि जैसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत मान्यता प्राप्त और अनुमोदित होना चाहिए।
दंड: उल्लंघन करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दंड लगाया जाएगा।
भ्रामक विज्ञापन क्या हैं?
भ्रामक विज्ञापन उपभोक्ताओं को धोखा देने के लिए गलत या अस्पष्ट जानकारी का उपयोग करते हैं।
वे लोगों को झूठे या अतिरंजित दावों के आधार पर उत्पाद या सेवाएँ खरीदने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
इन विज्ञापनों को अनैतिक और अक्सर अवैध माना जाता है क्योंकि वे उपभोक्ता के विश्वास का उल्लंघन करते हैं।
भ्रामक विज्ञापनों की मुख्य विशेषताएँ
झूठे दावे: ऐसे कथन जो पूरी तरह से असत्य हैं, जैसे “100% सफलता की गारंटी” या “दुनिया का सबसे अच्छा उत्पाद।”
अतिशयोक्तिपूर्ण लाभ: सकारात्मक प्रभावों को बढ़ा-चढ़ाकर बताना, जैसे कि स्वास्थ्य उत्पाद बीमारियों को ठीक कर सकता है।
महत्त्वपूर्ण जानकारी का अभाव: ऐसे आवश्यक विवरण छोड़ना, जो खरीदार के निर्णय को बदल सकते हैं, जैसे कि छिपी हुई लागत या “मुफ्त” ऑफर पर सीमाएँ।
परिवर्तित किए गए प्रशंसा-पत्र: नकली या चुनिंदा रूप से संपादित समीक्षाओं का उपयोग करना, जो वास्तविक ग्राहक अनुभवों को नहीं दर्शाते हैं।
नकली प्रमाणन: मान्यता प्राप्त अधिकारियों से अनुमोदन प्रदर्शित करना, जो या तो गलत अथवा भ्रामक है।
छिपी हुई शर्तें: ऐसी शर्तों को छिपाना, जो उपभोक्ता की समझ को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे पात्रता मानदंड या विशेष ऑफर के लिए समय सीमा।
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