केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में ‘मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंस’ टीबी के लिए एक नई उपचार पद्धति (BPaLM regimen) शुरू करने को मंजूरी दे दी है।
‘मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंस’ टीबी (MDR-TB)
बहु-औषधि प्रतिरोधी क्षय रोग (MDR-TB): यह तब होता है, जब माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, टीबी उत्पन्न करने वाला जीवाणु, कम-से-कम आइसोनियाजिड और रिफाम्पिसिन, जो कि टीबी की दो सबसे शक्तिशाली दवाएँ हैं, के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है।
कारण
रोगाणुरोधी दवाओं का अनुचित या गलत उपयोग,
या समय से पहले उपचार में रुकावट दवा प्रतिरोध का कारण बन सकती है, जो तब प्रसारित हो सकती है, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे जेलों और अस्पतालों में या पशुधन खेती आदि में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करना।
नई उपचार पद्धति
नया BPaLM उपचार: इस 6 महीने के पूर्ण-मौखिक उपचार में बेडाक्विलाइन, प्रीटोमैनिड, लाइनजोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन शामिल हैं।
इसे सतत् विकास लक्ष्यों के तहत रोग को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पेश किया गया है।
लाभ
उच्च प्रभावकारिता: हाल के डेटा इस उपचार की उच्च प्रभावकारिता और बेहतर अनुपालन को दर्शाते हैं, जिसमें प्रतिदिन केवल तीन से चार गोलियाँ और छह महीने की उपचार अवधि होती है।
न्यूनतम दुष्प्रभाव: इसके न्यूनतम दुष्प्रभाव हैं और इसकी सफलता दर 89% है, जबकि भारत की 2023 टीबी रिपोर्ट में 68% सफलता दर बताई गई है।
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP)
उद्देश्य: वर्ष 2025 तक भारत से टीबी को खत्म करना।
पहले इसे संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (RNTCP) के नाम से जाना जाता था।
आर्थिक प्रभाव: इसका एक अतिरिक्त लाभ यह है कि इससे वर्तमान उपचार लागत पर 40%-90% की संभावित बचत होगी तथा अनुमानित वैश्विक वार्षिक बचत 6,180 करोड़ रुपये होगी।
इंडिया टीबी रिपोर्ट 2024: प्रमुख आँकड़े
अधिसूचित टीबी रोगी: वर्ष 2023 में 25.52 लाख टीबी रोगी (2022 में 24.22 लाख मामलों से वृद्धि)।
मामलों की रिपोर्टिंग: सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा ~67% रिपोर्टिंग की जा रही है और निजी क्षेत्र द्वारा ~33% रिपोर्टिंग की जा रही है।
अधिसूचित दवा प्रतिरोधी टीबी (DR-TB) के बीच उपचार सफलता दर: 65%।
अनुमानित घटनाओं में वृद्धि: 2023 में टीबी की अनुमानित घटनाएँ पिछले वर्ष के 27.4 लाख के अनुमान से थोड़ी बढ़कर 27.8 लाख हो गईं।
मृत्यु दर: आँकड़ों के अनुसार, संक्रमण के कारण मृत्यु दर 3.2 लाख पर ही बनी रही।
भारत विशिष्ट डेटा: भारत ने संक्रमण से पीड़ित 95% रोगियों में उपचार शुरू करने के अपने 2023 के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
इसमें कहा गया है कि निदान किए गए 58% लोगों को यह जाँचने के लिए परीक्षण की पेशकश की गई थी कि उनका संक्रमण पहली पंक्ति की दवाओं के प्रति प्रतिरोधी है या नहीं, जो वर्ष 2015 में 25% से वृद्धि है।
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