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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal July 19, 2024 04:24 133 0

पेरिस में सीन नदी

ओलंपिक से पहले पेरिस के मेयर स्वच्छता का परीक्षण करने के लिए सीन नदी में तैरेंगे।

सीन नदी (Seine River)

  • परिचय: यह लोयर नदी  के बाद फ्राँस की दूसरी सबसे लंबी नदी है।
  • नदी का प्रवाह मार्ग: जैसे-जैसे यह नदी पेरिस के निकट पहुँचती है, दाहिने किनारे पर इसकी सबसे बड़ी सहायक नदियों में से एक, मार्ने नदी इससे मिलती है।
    • यह नदी इंग्लिश चैनल में अपना मुहाना बनती है, जो अटलांटिक महासागर की वह शाखा है, जो उत्तरी फ्राँस को दक्षिणी इंग्लैंड से अलग करती है।
  • विशेषताएँ: नदी बेसिन का अधिकांश भाग पारगम्य चट्टानों से बना है, जो अपनी अवशोषण क्षमता के कारण नदी की बाढ़ के जोखिम को कम करने में सहायता करते हैं। 
    • यूरोप की प्रमुख ऐतिहासिक नदियों में से एक होने के कारण, इसका जल निकासी नेटवर्क फ्राँसीसी अंतर्देशीय जलमार्ग यातायात के अधिकांश भाग को सँभालता है। 
तिजु-जुंनकी नदी 

(Tizu Zunki River)

भारत सरकार ने तिजु (Tizu) और जुंनकी (Zunki) नदियों (राष्ट्रीय जलमार्ग-101) का उपयोग करके नागालैंड की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की योजना की घोषणा की है। 

तिजु जुंनकी नदी

  • उद्गम: तिजु नदी पूर्वी नागालैंड में एक महत्त्वपूर्ण जल निकासी प्रणाली के रूप में कार्य करती है। नागालैंड के मध्य भाग से शुरू होकर यह म्याँमार में चिंदविन नदी में मिलने से पहले किफिरे (Kiphire) और फेक (Phek) जिलों से उत्तर-पूर्व की ओर प्रवहित होती है। 
  • मार्ग: इसके बाद चिंदविन नदी म्याँमार की सबसे बड़ी नदी ईरावदी में मिल जाती है। 
    • ईरावदी नदी दक्षिण की ओर बहती है और अंततः ईरावदी डेल्टा के माध्यम से अंडमान सागर में अपना मुहाना बनाती है तथा मार्ग में मांडले जैसे नदी बंदरगाहों से होकर गुजरती है।
  • नागालैंड में नदी प्रणाली: नागालैंड में चार मुख्य नदियाँ हैं: दोयांग (Doyang), धनसिरी (Dhansiri), धिकू (Dhikku) और तिजु(Tizu)।
    • पहली तीन नदियाँ असम के मैदानों से होकर पश्चिम की ओर बहकर ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती हैं, जबकि तिजु नदी प्रणाली पूर्व और दक्षिण-पूर्व की ओर बहती हुई अंततः म्याँमार में ईरावदी नदी में मिल जाती है। 
  • सहायक नदियाँ: इसमें जुंनकी (Zunki), लान्ये (Lanye) और लिकिमरो (Likimro) नदियाँ शामिल हैं। जुंनकी नदी नागालैंड में तिजु नदी की प्रमुख सहायक नदी है। 
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (National Company Law Tribunal) राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने बायजू के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही की माँग वाली BCCI की याचिका स्वीकार कर ली है।

राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (National Company Law Tribunal):

  • परिचय : कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत उत्पन्न होने वाले नागरिक कॉरपोरेट विवादों को हल करने के लिए स्थापित एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय है। इस प्राधिकरण की स्थापना 1 जून, 2016 को कंपनी अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत की गई थी। 
  • उत्पत्ति: इसकी स्थापना दिवालियापन और कंपनियों के समापन से संबंधित कानूनों पर बालकृष्ण एराडी समिति की सिफारिश के बाद की गई थी। 
  • संरचना: इसमें एक अध्यक्ष और अन्य न्यायिक एवं तकनीकी सदस्यों की संख्या निर्धारित की जा सकती है। 
    • न्यायाधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। 
  • NCLT की शक्तियाँ: यह सिविल प्रक्रिया संहिता के नियमों से बाध्य नहीं है, बल्कि इस अधिनियम और किसी भी प्रासंगिक केंद्र सरकार के नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करता है। 
    •  यह अपने आदेशों को न्यायालय की तरह ही लागू कर सकता है। यह अपने आदेशों की समीक्षा भी  स्वयं करता है। 
    • यह अपनी प्रक्रियाओं को स्वयं विनियमित करता है।
    • यह दिवाला और दिवालियापन संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code), 2016 के तहत कंपनियों और सीमित देयता भागीदारी की दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए न्याय निर्णयन प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है। 
कोलंबिया: समाचार में स्थान

वैश्विक कोकीन उद्योग का केंद्र, कोलंबिया, स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कारकों से प्रभावित होकर बड़े पैमाने पर परिवर्तन का अनुभव कर रहा है। 

कोलंबिया (Colombia)

  • स्थान: कोलंबिया, जिसे आधिकारिक तौर पर कोलंबिया गणराज्य के रूप में जाना जाता है, दक्षिण अमेरिका में स्थित है।
  • भौगोलिक स्थिति: कोलंबिया पृथ्वी के उत्तरी और पश्चिमी गोलार्द्ध में स्थित है। 
  • सीमाबद्ध देश 
    • दक्षिण-पूर्व में ब्राजील।
    • उत्तर-पश्चिम में पनामा ।
    • पूर्व में वेनेजुएला।
    • पश्चिम में प्रशांत महासागर।
    • उत्तर में कैरेबियन सागर।
    • दक्षिण में पेरू और इक्वाडोर।
  • रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire): कोलंबिया रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है। 
  • भू-परिदृश्य: कोलंबिया में रेगिस्तान, घास के मैदान और अमेजन वर्षावन सहित विविध भू-परिदृश्य शामिल हैं।
    • इसका  लगभग 25% भू-भाग एंडीज पर्वतमाला में स्थित है।
  • आधिकारिक भाषा: स्पेनिश आधिकारिक भाषा है।
  • विशिष्ट विशेषता: कोलंबिया एकमात्र दक्षिण अमेरिकी देश है, जिसकी तटरेखा अटलांटिक और प्रशांत महासागर दोनों को स्पर्श करती  है।
वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन 

(Global Biofuels Alliance)

सितंबर 2023 में भारत, अमेरिका और ब्राजील सहित प्रमुख G-20 सदस्यों द्वारा शुरू किया गया वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuels Alliance-GBA) अपना राजनयिक दर्जा प्राप्त करने के लिए पूरी तरह तैयार है और भारत सरकार जल्द ही एजेंसी के साथ ‘हेडक्वार्टर एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर कर सकती है। 

वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuels Alliance)

  • About: वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (GBA) का उद्घाटन नई दिल्ली में वर्ष 2023 के G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया।
    • गठबंधन का उद्देश्य जैव ईंधन की उपलब्धता, सामर्थ्य और सतत् उत्पादन की गारंटी देना है।
  • उद्देश्य: अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और सतत् जैव ईंधन के प्रयोग को बढ़ावा देना।
  • सदस्य राष्ट्र: भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील द्वारा स्थापित इस गठबंधन में नौ देश शामिल हैं: भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना, बांग्लादेश, इटली, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात। 
  • संगठनात्मक सदस्य: इस गठबंधन में विश्व बैंक (World Bank), एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank), विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum), अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Forum), अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच (International Energy Forum), अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (International Renewable Energy Agency) और अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (International Civil Aviation Organization) की भागीदारी भी शामिल है। 
  • कार्य: जैव ईंधन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना एवं अप्रत्यक्ष भूमि उपयोग परिवर्तन (Indirect Land Use Change- ILUC) के बारे में चिंताओं को कम करने के लिए सतत् जैव ईंधन के उपयोग की सिफारिश करना:
    • कठोर मानक और प्रमाणन स्थापित करना। 
    • यह गठबंधन अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने तथा जैव ईंधन की विश्वसनीयता  और लागत प्रभावी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अध्ययन के केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
15- मिनट्स नेबरहुड

(15-minute Neighborhoods)

‘15- मिनट्स नेबरहुड’ में बंगलूरू की शहरी चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता है, जिसमें भीड़भाड़, जल संकट और अनिश्चित मौसम शामिल हैं। 

15- मिनट्स नेबरहुड (15-minute neighbourhoods)

  • परिचय: शहरी नियोजन में ‘15-मिनट्स नेबरहुड’ की अवधारणा यह सुनिश्चित करती है कि आवश्यक सेवाएँ और सुविधाएँ – जैसे कि ग्रॉसरी-प्रोडक्ट, स्कूल, स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन सुविधाएँ – निवासियों के घरों से 15 मिनट की पैदल दूरी के भीतर हों।
  • उद्देश्य: इस मॉडल का उद्देश्य कारों पर निर्भरता कम करना, पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाना, तथा पैदल चलने की सुविधा और स्थानीय पहुँच को प्रोत्साहित करके सामुदायिक कल्याण में सुधार करना है।
हाइड्रोजन ईंधन सेल

 

MV Sea चेंज, पूरी तरह से शून्य-उत्सर्जन हाइड्रोजन ईंधन सेल द्वारा संचालित दुनिया की पहली वाणिज्यिक यात्री नौकायान है, जो सैन फ्राँसिस्को में लॉन्च की गई है। 

हाइड्रोजन ईंधन सेल (Hydrogen Fuel Cells-HFC)

  • इसके विषय में: यह ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के संयोजन से विद्युत-रासायनिक अभिक्रिया के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न करता है।
  • लाभ: हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन, सूक्ष्म-कणिकाएँ, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड सहित कोई भी प्रदूषक उत्सर्जित नहीं करते हैं।

हाइड्रोजन ईंधन उत्पादन की विधियाँ

  • स्टीम मेथेन रिफॉर्मिंग (Steam Methane Reforming-SMR): प्राकृतिक गैस को उच्च तापमान वाली वाष्प के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन उत्पन्न किया जाता है। 
    •  यह विधि प्रचलित है, लेकिन जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता के कारण इसमें कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होती है।
  • इलेक्ट्रोलिसिस: विद्युत धारा का उपयोग करके जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जाता है, जिससे शुद्ध हाइड्रोजन गैस  प्राप्त होती है।
    • नवीकरणीय ऊर्जा के साथ संयुक्त होने पर, यह विधि स्थायी रूप से ‘हरित हाइड्रोजन’ का उत्पादन करती है।
  • ताप-रासायनिक प्रक्रियाएँ: उच्च तापमान वाली ऊष्मा का उपयोग कई रासायनिक अभिक्रियाओं के माध्यम से जल और हाइड्रोकार्बन से हाइड्रोजन उत्पादन के लिए किया जाता है, जिसके लिए अक्सर परमाणु संयंत्रों या सौर सांद्रकों से प्राप्त ऊष्मा का उपयोग किया जाता है। 
चाँदीपुरा वायरस

(Chandipura Virus- CHPV)

हाल ही में गुजरात सरकार द्वारा चाँदीपुरा वायरस (Chandipura virus-CHPV) संक्रमण के कारण संदिग्ध रूप से छह बच्चों की मौत की पुष्टि की गई  है तथा कुल 12 संदिग्ध मामलों की पहचान की गई है। 

चाँदीपुरा वायरस (Chandipura Virus-CHPV)

  • चाँदीपुरा वायरस: CHPV को रैबडोविरिडे परिवार के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, जिसमें रेबीज के लिए जिम्मेदार वायरस भी शामिल हैं।
  • रोगवाहक: यह वायरस सैंड-फ्लाई (फ्लेबोटोमाइन सैंड-फ्लाई)  (Phlebotomine sandflies), जैसे कि फ्लेबोटोमस पापाटासी (Phlebotomus papatasi) की विभिन्न प्रजातियों के साथ-साथ मच्छरों (एडीज एजिप्टी) द्वारा फैलता है। 
  • संचरण: यह वायरस कीटों की लार ग्रंथियों में रहता है तथा उनके काटने से मनुष्यों एवं अन्य कशेरुकियों में फैलता है।
  • प्रभाव: संक्रमण बढ़कर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है, जिससे एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क के ऊतकों की सूजन) हो सकती है। 
  • प्रकोप में योगदान देने वाले कारक (Contributing Factors to Outbreaks)
    • भौगोलिक और मौसमी कारक: प्रकोप आमतौर पर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रो  में होता है जहाँ सैंडफ्लाई प्रचलित हैं। 
    • पर्यावरणीय कारक: सैंडफ्लाई गाय के गोबर से लेपित कच्चे घरों की ओर आकर्षित होती हैं, जो इनके प्रकोप में योगदान कर सकती हैं। 

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