हाल ही में फ्रैंक डकवर्थ(Frank Duckworth) का निधन हो गया।
मुख्य विवरण
उन्होंने टोनी लुईस के साथ मिलकर डकवर्थ-लुईस पद्धति (Duckworth-Lewis Method) का आविष्कार किया, जिसका उपयोग वर्षा से बाधित मैचों में परिणाम निर्धारित करने एवं टारगेट (रन आधारित) निर्धारित करने के लिए किया जाता था।
फ्रैंक डकवर्थ एवं टोनी लुईस सेवानिवृत्ति के बाद, प्रोफेसर स्टीवन स्टर्न इस पद्धति के संरक्षक बने।
वर्ष 2014 में डकवर्थ-लुईस पद्धति का नाम बदलकर डकवर्थ-लुईस-स्टर्न विधि (या DLS विधि) कर दिया गया।
इतिहास: इसे पहली बार वर्ष 1997 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस्तेमाल किया गया था एवं वर्ष 1999 में ICC द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त हुई ।
कार्य: डकवर्थ एवं लुईस की उपलब्धि, बनाए जा सकने वाले कुल रनों तथा शेष संसाधनों (रन और गेंद दोनों) के बीच अनुपात की गणना करना था।
टारगेट को हासिल करने वाली टीम के लिए यदि ओवर्स में कटौती होती है तो उसे निर्धारित ओवर में कितने रनों का टारगेट चेज करना होगा इसकी कैलकुशेन की जाती है, तो हर विकेट और गेंद एवं ओवर के साथ बदल जाती है।
फ्राँस में चुनाव
फ्राँस में 30 जून से 7 जुलाई के मध्य होने वाले चुनाव में 22 वर्ष में पहली बार राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अलग-अलग पार्टियों से हो सकते हैं।
फ्राँस में ‘कोहैबिटैशन गवर्नमेंट’
ऐसी स्थिति जहाँ राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री अलग-अलग राजनीतिक दलों के होते हैं ‘कोहैबिटैशन गवर्नमेंट’ कहलाती है।
विशेषताएँ: प्रधानमंत्री अपने कैबिनेट सहयोगियों का स्वयं चयन कर सकते हैं
सरकार का कोई भी सदस्य विधायिका का हिस्सा नहीं बन सकता हैं।
कैबिनेट की अध्यक्षता राष्ट्रपति करता है।
निचला सदन प्रधानमंत्री एवं उनके कैबिनेट के खिलाफ ‘निंदा प्रस्ताव’ पारित कर सकता है, जिसका अर्थ है, कि उन्हें इस्तीफा देना होगा।
राष्ट्रपति को एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। प्रारंभ में यह अवधि 9 वर्ष थी, जिसे घटाकर 7 वर्ष कर दिया गया एवं वर्तमान में 5 वर्ष है।
प्रणाली: फ्राँस एक अर्द्ध-राष्ट्रपति, प्रतिनिधि संसदीय लोकतंत्र है, जिसमें राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के लिए स्पष्ट रूप से परिभाषित भूमिकाएँ हैं।
नाटो (NATO) महासचिव
हाल ही में नाटो ने निवर्तमान डच प्रधानमंत्री मार्क रूट को नाटो गठबंधन का अगला प्रमुख नियुक्त किया।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन
परिचय: वर्ष1949 में वाशिंगटन संधि द्वारा स्थापित, नाटो 31 उत्तरी अमेरिकी एवं यूरोपीय देशों का एक सुरक्षा गठबंधन है। हाल ही में स्वीडन इसका 32वाँ सदस्य बना है।
उद्देश्य: राजनीतिक एवं सैन्य तरीकों से अपने सदस्यों की स्वतंत्रता तथा सुरक्षा की रक्षा करना।
यह सामूहिक रक्षा के सिद्धांत पर कार्य करता है, जहाँ सदस्य राष्ट्र बाह्य आक्रमण की स्थिति में आपसी सुरक्षा के लिए सहमत होते हैं।
वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद-5 के अनुसार, नाटो के एक सहयोगी देश पर हमला सभी देशों पर हमला माना जाता है, जो सामूहिक रक्षा के लिए गठबंधन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
मुख्यालय: ब्रुसेल्स, बेल्जियम।
आधिकारिक ऋणदाता समिति (Official Creditor Committee- OCC )
हाल ही में श्रीलंका ने भारत सहित अपने द्विपक्षीय ऋणदाताओं पर बकाया ऋण के पुनर्गठन के लिए आधिकारिक ऋणदाता समिति (Official Creditor Committee- OCC) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
आधिकारिक ऋणदाता समिति (OCC)
परिचय: इसका गठन पूर्व के वर्षो के आर्थिक संकट के दौरान श्रीलंका के ऋण उपचार (Debt Treatment) के अनुरोध के उत्तर में किया गया है, इसकी सह-अध्यक्षता भारत, जापान एवं फ्राँस द्वारा की जाती है, जो पेरिस क्लब का प्रतिनिधित्व करते हैं।
श्रीलंका के सबसे बड़े द्विपक्षीय ऋणदाता चीन ने OCC में भाग नहीं लेने का विकल्प चुना, लेकिन एक पर्यवेक्षक के रूप में OCC की बैठकों में भाग लिया।
पेरिस क्लब
पेरिस क्लब में ऋणदाता राष्ट्र शामिल हैं, जिनका लक्ष्य ऋणी राष्ट्रों के सामने आने वाली भुगतान संबंधी चुनौतियों के लिए व्यवहार्य समाधान तैयार करना है।
सदस्य: इसमें 22 स्थायी सदस्य हैं, जिनमें अधिकांश पश्चिमी यूरोपीय एवं स्कैंडिनेवियाई देश, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम तथा जापान शामिल हैं।
भारत पेरिस क्लब में समय-समय पर भाग लेता है।
अभ्यास होपेक्स (HOPEX)
भारतीय वायु सेना (IAF) के राफेल लड़ाकू जेट विमान वर्तमान में Ex- HOPEX के लिए मिस्र में अभ्यासरत हैं।
अभ्यास होपेक्स (HOPEX)
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force- IAF) और मिस्र वायु सेना (Egyptian Air Force- EAF) के मध्य चौथा संयुक्त अभ्यास 21 से 26 जून 2024 तक मिस्र में हुआ।
उद्देश्य: इस अभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है, जो दोनों देशों के मध्य स्थायी संबंधों का प्रतीक है।
भारत और मिस्र संबंध
पृष्ठभूमि: भारत एवं मिस्र ने 18 अगस्त, 1947 को राजदूत स्तर पर राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।
सहयोग: दोनों देशों ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्यों के रूप में बहुपक्षीय मंचों पर निकटता से सहयोग किया है। वर्ष 2022 में, भारत एवं मिस्र ने अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ मनाई, जो उनके संबंधों की गहराई को रेखांकित करता है।
पार्टिसिपेटरी नोट्स
(Participatory Notes)
हाल ही में भारतीय पूँजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स के माध्यम से निवेश पिछले वर्ष की तुलना में मार्च के अंत में बढ़कर 1.49 ट्रिलियन डॉलर हो गया।
पार्टिसिपेटरी नोट्स
परिचय: यह एक वित्तीय उपकरण है, जिसका उपयोग निवेशकों एवं हेज फंडों द्वारा भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ पंजीकरण की आवश्यकता के बिना भारतीय प्रतिभूतियों में भाग लेने के लिए किया जाता है।
वर्गीकरण: इन उपकरणों के माध्यम से निवेश, जिन्हें पार्टिसिपेटरी नोट्स (PNs) के रूप में जाना जाता है, को ऑफशोर डेरिवेटिव निवेश के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) उन विदेशी निवेशकों को PNs जारी करते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय शेयर बाजार तक पहुँच सुनिश्चित करना चाहते हैं।
रिपोर्टिंग: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) को प्रत्येक तिमाही में SEBI को इन निवेशों की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है, वे वास्तविक निवेशकों की पहचान का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
राष्ट्रमंडल लघु कथा पुरस्कार
हाल ही में मुंबई में जन्मी लेखिका संजना ठाकुर ने अपनी कहानी ‘ऐश्वर्या राय’ के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रमंडल लघु कथा पुरस्कार जीता है।
राष्ट्रमंडल फाउंडेशन
परिचय: कॉमनवेल्थ फाउंडेशन एक अंतरसरकारी संगठन है, जिसे राष्ट्रमंडल नागरिक समाज के हितों को आगे बढ़ाने के लिए इसके सदस्य राष्ट्रों द्वारा अधिदेशित किया गया है।
उद्देश्य: राष्ट्रमंडल नागरिकों की उनके शासन के सभी पहलुओं में सक्रिय एवं रचनात्मक भागीदारी का समर्थन करना। सभी राष्ट्रमंडल देशों में जीवंत तथा मुक्त नागरिक समाजों के विकास का पोषण करना।
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