महाराष्ट्र कैबिनेट ने महत्त्वाकांक्षी वेनगंगा -नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना को मंजूरी दे दी है।
वेनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना
गोदावरी बेसिन में वेनगंगा नदी के जल को 426.52 किमी. लंबी लिंक नहरों का निर्माण करके बुलढाणा जिले में नलगंगा परियोजना में पुनर्निर्देशित किया जाएगा।
यह परियोजना कृषि उत्पादकता बढ़ावा देगी एवं प्रभावित क्षेत्रों में सतत जल आपूर्ति प्रदान करेगी, जिससे सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण राहत तथा विकास के अवसर मिलेंगे।
इस परियोजना से विदर्भ के नागपुर, वर्धा, अमरावती, यवतमाल, अकोला एवं बुलढाणा जिलों के 15 तालुकाओं को सिंचाई, पेयजल तथा औद्योगिक जल आपूर्ति प्रदान करके लाभ होगा।
वेनगंगा एवं नलगंगा नदी
वेनगंगा नदी
वेनगंगा नदी गोदावरी नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।
स्रोत: नदी मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में महादेव पहाड़ियों से निकलती है।
वेनगंगा नदी वर्धा नदी से संगम के बाद प्राणहिता कहलाती है।
नलगंगा नदी
यह पूर्णा नदी की मुख्य बाईं ओर की सहायक नदी एवं तापी नदी की उप-सहायक नदी है।
BIMSTEC-मुक्त व्यापार समझौता
BIMSTEC सदस्यों को व्यापार वार्ता के संबंध में सदस्य देशों की प्राथमिकताओं की फिर से जाँच करनी चाहिए ताकि विलंबित मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके।
बिम्सटेक (BIMSTEC)
बिम्सटेक (BIMSTEC) में सात देश शामिल हैं:- बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, भारत, श्रीलंका, म्याँमार एवं थाईलैंड।
बिम्सटेक (BIMSTEC)की स्थापना वर्ष 1997 के बैंकॉक घोषणा-पत्र द्वारा की गई थी जिसका सचिवालय ढाका है।
इसके सदस्य देश बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में स्थित हैं, जो एक सन्निहित क्षेत्रीय एकता का निर्माण करते हैं।
बिम्सटेक (BIMSTEC) मुक्त व्यापार क्षेत्र रूपरेखा समझौता
FTA: एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो या दो से अधिक देशों के बीच एक समझौता है, जहाँ देश कुछ दायित्वों पर सहमत होते हैं, जो वस्तुओं एवं सेवाओं में व्यापार को प्रभावित करते हैं तथा अन्य विषयों के अलावा निवेशकों एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा करते हैं।
BIMSTEC मुक्त व्यापार क्षेत्र फ्रेमवर्क समझौता (BFTAFA): पक्षकारों में व्यापार एवं निवेश को प्रोत्साहित करने तथा उच्च स्तर पर BIMSTEC देशों के साथ व्यापार एवं निवेश करने के लिए बाहरी लोगों को आकर्षित करने हेतु सभी सदस्य देशों द्वारा इस पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
‘व्यापार वार्ता समिति’ (TNC): इसके बाद, “व्यापार वार्ता समिति” (TNC) की स्थापना की गई, जिसका स्थायी अध्यक्ष थाईलैंड था, जिसका उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार, निवेश, आर्थिक सहयोग, व्यापार सुविधा और LDC के लिए तकनीकी सहायता के क्षेत्रों में वार्ता करना था।
NO-FTA: BIMSTEC FTA पर वर्ष 2004 में वार्ता हुई थी, इस पर वार्ता अभी तक संपन्न नहीं हुई है। आखिरी दौर की वार्ता वर्ष 2018 में हुई थी।
कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम
भारत में कपड़ा मंत्रालय ने भारतीय कपास की ट्रेसबिलिटी, प्रमाणन एवं ब्रांडिंग को बढ़ाने के लिए ‘कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम’ प्रारंभ किया है।
कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम
कस्तूरी कॉटन: यह भारत सरकार, कपड़ा व्यापार निकायों एवं उद्योग की एक पहल है, जिसका उद्देश्य बेंचमार्क विनिर्देशों के अनुसार भारत में उगाए गए कपास के लिए प्रीमियम मूल्य निर्मित करना है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म: यह इन पहलों पर आवश्यक जानकारी एवं अपडेट के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करता है तथा कस्तूरी कॉटन भारत ब्रांड का उत्पादन करने के लिए उत्पादकों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया पर प्रकाश डालता है जो ब्रांडेड भारतीय कपास को अद्वितीय बनाती हैं।
QR आधारित प्रमाणीकरण: आपूर्ति शृंखला में कस्तूरी कॉटन भारत द्वारा टैग की गई गाँठों (Bales) का पूर्ण पता लगाने की सुविधा प्रदान करने के लिए, प्रसंस्करण के प्रत्येक चरण में QR आधारित प्रमाणीकरण तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
ब्लॉक-चेन आधारित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म:यह एंड-टू-एंड ट्रैसेबिलिटी एवं लेनदेन प्रमाण-पत्र प्रदान करेगा। इस संबंध में, QR कोड सत्यापन तथा ब्लॉकचेन तकनीक वाली माइक्रोसाइट्स विकसित की गई हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील: कस्तूरी कॉटन भारत कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील है एवं इसका प्रचार-प्रसार राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है।
अतः धनराशि का आवंटन राज्य स्तर पर नहीं है।
चेक ट्रंकेशन सिस्टम (Cheque Truncation System)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने चेक ट्रंकेशन सिस्टम पद्धति को बैच प्रोसेसिंग से निरंतर समाशोधन (Continuous Clearing) में बदलने का प्रस्ताव दिया है।
बैच प्रसंस्करण एवं सतत् समाशोधन
बैच प्रोसेसिंग: बैच प्रोसेसिंग से तात्पर्य कार्यों या लेन-देन की एक शृंखला को एकल समूह या बैच के रूप में निष्पादित करने से है, आमतौर पर निर्धारित अंतरालों पर (जैसे, दिन के अंत में)।
निरंतर समाशोधन (Continuous Clearing): यह एक ऐसी विधि है, जहाँ लेनदेन या डेटा को बैच में जमा होने की प्रतीक्षा करने के बजाय वास्तविक समय में या प्राप्त होने पर वास्तविक समय के करीब संसाधित किया जाता है।
चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS)
CTS, RBI द्वारा शुरू की गई एक चेक क्लियरिंग प्रणाली है। ट्रंकेशन क्लीयरेंस के रास्ते में भौतिक जाँच के प्रवाह को रोकने की प्रक्रिया है।
यह एक ऑनलाइन इमेज-बेस्ड चेक क्लियरिंग प्रणाली है, जहाँ चेक इमेज एवं मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन (Magnetic Ink Character Recognition- MICR) डेटा को एकत्रित बैंक शाखा में कैप्चर किया जाता है तथा वास्तविक चेक मूवमेंट को समाप्त करते हुए इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रसारित किया जाता है।
इस प्रकार चेक ट्रंकेशन से शाखाओं में भौतिक चेक ले जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
CTS एक व्यापक PKI-आधारित सुरक्षा आर्किटेक्चर द्वारा संरक्षित है जिसमें क्रिप्टोबॉक्स एवं स्मार्ट कार्ड इंटरफेस के साथ दोहरी पहुँच नियंत्रण, उपयोगकर्ता ID तथा पासवर्ड जैसे बुनियादी सुरक्षा एवं प्रमाणीकरण नियंत्रण शामिल हैं।
लाभ
चेक की राशि की वसूली उसी दिन संभव है।
डेटा भंडारण एवं पुनर्प्राप्ति आसान हो जाती है।
जोखिमों को कम करता है एवं एक सुरक्षित चेक क्लियरिंग प्रणाली प्रारंभ करता है।
चेक के भौतिक संचलन में कम लागत के कारण लागत में बचत होगी।
प्रस्तुति और कार्यान्वयन के समय के बीच बाधाओं एवं देरी को कम करना।
चाँदीपुरा वायरस एवं वायरल एन्सेफेलाइटिस
गुजरात चाँदीपुरा वायरस एवं वायरल एन्सेफेलाइटिस के सबसे बुरे प्रकोप से गुजर रहा है, जिसमें अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है।
चाँदीपुरा वायरस
यह वायरस रबडोविरिडे (Rhabdoviridae) परिवार के वेसिकुलोवायरस जीनस (Vesiculovirus Genus) का सदस्य है। इस परिवार में रेबीज वायरस भी शामिल है।
संचरण: वायरस वेक्टर-जनित है, माना जाता है कि संभावित वेक्टर मादा फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाई है, जो कि शुरुआती मानसून अवधि में प्रचलित कीट हैं।
इसमें कहा गया है कि मच्छरों की कई प्रजातियाँ प्रयोगात्मक रूप से वायरस की प्रतिकृति बनाती हैं और संचारित करती हैं और अध्ययन की गई विभिन्न मच्छर प्रजातियों में से, एडीज एजिप्टी (जो डेंगू भी संचारित करता है), अत्यधिक संवेदनशील पाया गया तथा प्रयोगशाला स्थितियों में यह वायरस को अन्य की तुलना में अधिक कुशलता से संचारित कर सकता है।
प्रभाव: चाँदीपुरा वायरस मुख्यतः ग्रामीण स्थानों में 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता पाया गया है।
वायरल एन्सेफेलाइटिस
एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome- AES): यह कई अलग-अलग वायरस, बैक्टीरिया, कवक, परजीवी, स्पाइरोकेट्स, रसायन/विषाक्त पदार्थों आदि के कारण होने वाली नैदानिक रूप से समान न्यूरोलॉजिकल रोगों का एक समूह है।
AES के ज्ञात वायरल कारणों में JE, डेंगू, HSV, CHPV, वेस्ट नाइल आदि शामिल हैं।
वायरल एन्सेफेलाइटिस: यह एक वायरस के कारण होने वाली मस्तिष्क पैरेन्काइमा की सूजन है।
यह एन्सेफेलाइटिस का सबसे आम प्रकार है और अक्सर वायरल मैनिंजाइटिस के साथ सह-अस्तित्व में रहता है।
वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के बाहर होस्ट पर आक्रमण करते हैं और फिर हेमटोजेनस प्रसार के माध्यम से या तंत्रिका अंत से रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क तक पहुँचते हैं।
अभ्यास ‘मित्र शक्ति’
भारतीय सेना और श्रीलंकाई सेना, श्रीलंका के दक्षिणी प्रांत मदुरूओया में अपने संयुक्त सैन्य अभ्यास, ‘मित्र शक्ति’ के 10वें संस्करण का प्रारंभ करेंगी।
मित्र शक्ति
यह भारत और श्रीलंकाई सेना के बीच एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
उद्देश्य: सामान्य सुरक्षा चिंताओं को दूर करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए अपनी तत्परता बढ़ाना।
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