हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन (Association of Southeast Asian Nations- ASEAN) भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण का केंद्र है।
दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (Association of Southeast Asian Nations-ASEAN)
परिचय: दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन (ASEAN) एक क्षेत्रीय संगठन है, जो अपने दस सदस्यों: ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
स्थापना: 8 अगस्त, 1967 को बैंकॉक, थाईलैंड में स्थापित आसियान की स्थापना इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड द्वारा आसियान घोषणा (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी।
उद्देश्य: ASEAN का आदर्श वाक्य है:- ‘एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय’ (One Vision, One Identity, One Community)
सचिवालय: ASEAN सचिवालय जकार्ता, इंडोनेशिया में स्थित है।
आसियान का संस्थागत तंत्र (Institutional Mechanism of ASEAN)
आसियान शिखर सम्मेलन (ASEAN Summit): क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार करने और नीति निर्देश स्थापित करने के लिए एक वार्षिक बैठक।
आसियान समन्वय परिषद (ASEAN Coordinating Council- ACC): आसियान समझौतों एवं निर्णयों के कार्यान्वयन का प्रबंधन करती है।
आसियान सचिवालय (ASEAN Secretariat): आसियान गतिविधियों और पहलों में सहायता एवं सुविधा प्रदान करता है।
आसियान क्षेत्रीय मंच (ASEAN Regional Forum- ARF): आसियान सदस्यों और उनके भागीदारों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा मामलों पर वार्ता एवं सहयोग के लिए एक मंच।
निर्णयन प्रक्रिया (Decision Making): परामर्श और आम सहमति के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
पूँजी कर लाभ (Capital Tax Gains)
केंद्रीय बजट 2024 ने भारत में पूँजीगत लाभ के कराधान में महत्त्वपूर्ण संशोधन प्रस्तुत किए हैं।
पूँजीगत लाभ कर
परिचय: किसी भी ‘पूँजीगत परिसंपत्ति’ की बिक्री से होने वाले किसी भी लाभ या लाभ को ‘पूँजीगत लाभ से आय’ के रूप में जाना जाता है। इस तरह के पूँजीगत लाभ उस वर्ष में कर योग्य होते हैं, जिसमें पूँजीगत परिसंपत्ति का हस्तांतरण होता है। इसे पूँजीगत लाभ कर कहा जाता है।
होल्डिंग अवधि: पहले किसी परिसंपत्ति को दीर्घकालिक पूँजीगत परिसंपत्ति मानने के लिए तीन होल्डिंग अवधि होती थीं।
अब होल्डिंग अवधि को सरल बना दिया गया है। अब केवल दो होल्डिंग अवधि हैं अर्थात् सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के लिए यह एक वर्ष है, अन्य सभी परिसंपत्तियों के लिए यह दो वर्ष है।
सभी सूचीबद्ध परिसंपत्तियों की धारण अवधि अब एक वर्ष होगी।
इसलिए, बिजनेस ट्रस्टों की सूचीबद्ध इकाइयों (ReITs, InVITs) के लिए होल्डिंग अवधि 36 महीने से घटाकर 12 महीने कर दी गई है।
सोना, गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों (गैर-सूचीबद्ध शेयरों के अलावा) की धारण अवधि भी 36 महीने से घटाकर 24 महीने कर दी गई है।
दरें: शॉर्ट-टर्म STT पेड लिस्टेड इक्विटी, इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड और बिजनेस ट्रस्ट की यूनिट्स (धारा 111A) के लिए दर 15 से बढ़कर 20% हो गई है। इसी तरह लंबी अवधि (धारा 112A) के लिए इन परिसंपत्तियों की दर 10 से बढ़कर 12.5% हो गई है।
छूट सीमा (Exemption Limit): इन संपत्तियों पर LTCG के लिए 1 लाख की छूट सीमा भी बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई है। यह बढ़ी हुई छूट सीमा वित्त वर्ष 2024-25 और उसके बाद के वर्षों के लिए लागू होगी।
प्यूबर्टी ब्लॉकर्स (Puberty Blockers)
एलन मस्क ने आरोप लगाया है कि उनके ट्रांसजेंडर बच्चे को प्यूबर्टी ब्लॉकर्स (Puberty Blockers) का उपयोग करने के लिए ‘धोखा’ देकर लाक्षणिक रूप से ‘वोक माइंड वायरस’ (Woke Mind Virus) द्वारा मार दिया गया।
प्यूबर्टी ब्लॉकर्स (Puberty Blockers)
परिचय: ये ऐसी दवाएँ हैं, जो ट्रांसजेंडर और लैंगिक विविधता वाले किशोरों में यौवन के परिवर्तनों को विलंबित कर सकती हैं।
शारीरिक परिवर्तन (Physical Changes): यौवन के दौरान, एक बच्चे का शरीर यौन प्रजनन में सक्षम वयस्क बनने की प्रक्रिया में शारीरिक परिवर्तनों से गुजरता है।
इसकी शुरुआत मस्तिष्क से गोनाड (Gonads) तक भेजे जाने वाले हार्मोनल संकेतों से होती है: महिला में अंडाशय, पुरुष में अंडकोष।
कार्यविधि: ये दवाइयाँ गोनैडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (Gonadotropin-Releasing Hormone-GnRH) एनालॉग हैं, जो सेक्स हार्मोन के उत्पादन को रोकती हैं।
जन्म के समय पुरुष कहलाने वाले लोगों में, वे चेहरे और शरीर के बालों के विकास को धीमा कर देती हैं, आवाज को गहरा होने से रोकती हैं, तथा लिंग, अंडाशय एवं अंडकोष के विकास को सीमित कर देती हैं।
जिन लोगों का जन्म महिला के रूप में हुआ है, उनमें ये दवाएँ स्तन विकास और मासिक धर्म को सीमित या बंद कर देती हैं।
अनुप्रयोग: यौवन अवरोधकों का उपयोग समय से पहले यौवन के मामलों में भी किया जाता है, जो एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे का शरीर बहुत जल्दी परिवर्तित होना शुरू हो जाता है, लड़कियों के लिए आठ वर्ष की आयु से पहले और लड़कों के लिए नौ वर्ष की आयु से पहले।
प्रशासन: एक इंजेक्शन प्रत्येक महीने, या प्रत्येक तीन महीने, या प्रत्येक छह महीने में दिया जाना चाहिए।
दवा ऊपरी बाँह की त्वचा के नीचे लगाए गए इम्प्लांट के माध्यम से भी दी जा सकती है। इम्प्लांट को आमतौर पर प्रत्येक 12 महीने में बदलने की आवश्यकता होती है।
Latest Comments