यूनेस्को ने फिलिस्तीन में सेंट हिलारियन/टेल उम्म आमेर के मठ को ‘विश्व विरासत सूची’ एवं ‘खतरे में विश्व विरासत की सूची’ दोनों में अंकित किया है।
सेंट हिलारियन के बारे में
सेंट हिलारियन: सेंट हिलारियन द्वारा स्थापित, यह मठ मध्य पूर्व के सबसे पुराने मठों में से एक है और बाइजेंटाइन काल के दौरान धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान के केंद्र के रूप में कार्य करता था।
सुरक्षा: यूनेस्को का निर्णय दिसंबर 2023 में वर्ष 1954 हेग कन्वेंशन के तहत साइट को दी गई अनंतिम बढ़ी हुई सुरक्षा का पालन करता है।
मान्यता: गाजा पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, मठ को तत्काल संरक्षण की आवश्यकता है, क्षेत्रीय संघर्ष एवं सीमित संसाधनों के कारण यह चुनौती और भी बदतर हो गई है।
इसे वर्ष 2012 वर्ल्ड मॉन्यूमेंट्स वॉच में सूचीबद्ध किया गया था एवं ग्लोबल हेरिटेज नेटवर्क द्वारा ‘रेस्क्यू नीडेड’ के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
टेल उम्म आमेर, एक ऐतिहासिक स्थल
गाजा शहर से 10 किमी. दक्षिण में नुसेइराट नगरपालिका के तटीय टीलों पर स्थित, यह प्राचीन ईसाई मठ, जिसकी स्थापना चौथी शताब्दी ईसवी में हिलारियन महान ने की थी, को ‘सेंट हिलारियन के मठ’ के रूप में जाना जाता है।
यह पवित्र भूमि में पहला मठवासी समुदाय था एवं प्रमुख व्यापार तथा संचार मार्गों पर स्थित था।
ऐतिहासिक महत्त्व
चौथी शताब्दी का मठ: हिलारियन द ग्रेट द्वारा स्थापित, जिसे फिलिस्तीनी मठवाद का जनक माना जाता है।
विशेषताएँ: खंडहरों में पाँच चर्च, स्नान एवं अभयारण्य परिसर, ज्यामितीय मोजाइक तथा एक तहखाना शामिल हैं।
इतिहास: मठ चार शताब्दियों से अधिक समय तक अस्तित्व में रहा, हिलारियन के समय से लेकर उमय्यद काल तक तथा सातवीं सदी के भूकंप के बाद इसे बंद कर दिया गया एवं वर्ष 1999 में इसे पुनः खोल दिया गया।
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA)
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) के तहत 47.8 मिलियन ग्रामीण नागरिकों को डिजिटल रूप से साक्षर प्रमाणित किया गया।
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (Pradhan Mantri Gramin Digital Saksharta Abhiyaan- PMGDISHA)
उद्देश्य: प्रत्येक परिवार में एक व्यक्ति को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना।
पात्रता मानदंड: प्रत्येक पात्र परिवार एक सदस्य को नामांकित कर सकता है।
आयु सीमा: 14 से 60 वर्ष।
कोर्स अवधि: 20 घंटे (न्यूनतम 10 दिन और अधिकतम 30 दिन)।
शिक्षा का माध्यम: भारत की आधिकारिक भाषाएँ।
सीखने का स्थान: निकटतम प्रशिक्षण केंद्र या सामान्य सेवा केंद्र (Common Service Centre- CSC)
मूल्यांकन: एक स्वतंत्र बाहरी मूल्यांकन राष्ट्रीय स्तर की प्रमाणित एजेंसी जैसे NIELIT, NIOS, IGNOU, आदि द्वारा आयोजित किया जाएगा।
ओरोपोच बुखार
(Oropouche Fever)
ब्राजील में ओरोपोच बुखार (Oropouche Fever) से पहली बार मौत की सूचना मिली है।
ओरोपोच बुखार
ओरोपोच बुखार: ओरोपोच बुखार एक उभरता हुआ जूनोटिक अर्बोवायरल रोग है, जो ओरोपोचे वायरस (OROV) के कारण होता है, जिसे पहली बार वर्ष 1955 में त्रिनिदाद एवं टोबैगो में खोजा गया था।
संचरण: ओरोपोच बुखार मनुष्यों में संक्रमित मिज, आमतौर पर क्यूलिकोइड्स पैराएन्सिस मिज या मच्छर के काटने से फैलता है।
शहरीकरण, वनों की कटाई एवं जलवायु परिवर्तन ने इसके वाहकों के प्रसार में योगदान दिया है, जिससे संचरण का खतरा बढ़ गया है।
वर्तमान में मानव-से-मानव संचरण का कोई सुबूत नहीं है।
लक्षण: ओरोपोच बुखार के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हैं एवं आमतौर पर मच्छर के काटने के चार से आठ दिनों के बीच दिखाई देते हैं। शुरुआत अचानक होती है एवं इसमें बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, ठंड लगना, जोड़ों में अकड़न, कभी-कभी मतली एवं उल्टी शामिल हो सकती है।
उपचार: ओरोपोच बुखार के लिए कोई टीका या विशिष्ट उपचार नहीं हैं। चिकित्सा देखभाल लक्षणों को प्रबंधित करने एवं पुनर्प्राप्ति में सहायता करने पर केंद्रित है।
क्लाइमेट फाइनेंस एक्शन फंड
(Climate Finance Action Fund)
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लिए पार्टियों के 29वें सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार अजरबैजान ने ‘क्लाइमेट फाइनेंस एक्शन फंड’ नामक एक नई पहल का अनावरण किया है।
क्लाइमेट फाइनेंस एक्शन फंड
वित्त: इस फंड को जीवाश्म ईंधन उत्पादक देशों और तेल, गैस एवं कोयला क्षेत्रों की कंपनियों के योगदान से वित्तपोषित किया जाएगा, जिसमें अजरबैजान एक संस्थापक योगदानकर्ता के रूप में कार्य करेगा।
इसे COP-29 विषयगत दिवस ढाँचे के तहत 14 पहलों के पैकेज के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था।
उद्देश्य: यह फंड एक उत्प्रेरक सार्वजनिक-निजी भागीदारी के रूप में कार्य करेगा, जिसका उद्देश्य निजी क्षेत्र के निवेश को जुटाना एवं निवेश जोखिमों को कम करना है।
इसमें विकासशील देशों में प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों को तेजी से संबोधित करने के लिए रियायती एवं अनुदान आधारित सहायता प्रदान करने वाली विशेष सुविधाएँ भी शामिल होंगी।
संचालन: क्लाइमेट फाइनेंस एक्शन फंड (Climate Finance Action Fund- CFAF) अपने प्रारंभिक धन उगाही दौर को पूरा करने के बाद चालू हो जाएगा, जिसका उद्देश्य 1 बिलियन डॉलर जुटाना और शेयरधारकों के रूप में 10 योगदानकर्ता देशों से प्रतिबद्धता प्राप्त करना है।
फंडिंग ब्रेकडाउन: पूँजी का 50 प्रतिशत विकासशील देशों में जलवायु परियोजनाओं, शमन, अनुकूलन एवं अनुसंधान तथा विकास का समर्थन करने के लिए समर्पित किया जाएगा।
शेष 50 प्रतिशत सदस्यों को 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान लक्ष्य को बनाए रखने में मदद करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contributions- NDCs) की अगली पीढ़ी को पूरा करने में सहायता करने के लिए आवंटित किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2024
29 जुलाई को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day- ITD) का उद्देश्य बाघों के संरक्षण को बढ़ावा देना एवं उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए एक वैश्विक प्रणाली की सिफारिश करना है।
उत्पत्ति: वर्ष 2010 में रूस में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर शिखर सम्मेलन में स्थापित, ITD जंगली बाघों की आबादी में गिरावट के प्रति जागरूकता बढ़ाता है एवं बाघ संरक्षण प्रयासों का समर्थन करता है।
थीम: कार्रवाई के लिए आह्वान (Call for Action)।
यजीदी समुदाय (Yazidi community)
दस वर्ष बाद भी, इस्लामिक स्टेट के हमले से उजड़े कई यजीदियों को स्थिर घर पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
यजीदी समुदाय के बारे में
यजीदी समुदाय: यजीदी दुनिया के सबसे छोटे एवं सबसे पुराने एकेश्वरवादी धार्मिक अल्पसंख्यकों में से एक हैं। यजीदी शब्द का अनुवाद ‘ईश्वर के उपासक’ के रूप में किया जाता है।
देवता एवं मान्यताएँ: उनका धर्म एक पूर्व-इस्लामिक संप्रदाय माना जाता है, जो ईसाई धर्म, यहूदी धर्म एवं पारसी धर्म से लिया गया है। यजीदी यस्दान नाम के एक सर्वोच्च व्यक्ति में विश्वास करते हैं, जिनकी सात महान आत्माओं में मालेक ताव्वस नामक मयूर देवदूत शामिल हैं।
धार्मिक क्रियाएँ: वे बाइबिल एवं कुरान दोनों का सम्मान करते हैं, लेकिन उनकी अपनी अधिकांश परंपरा मौखिक है। बच्चों को पीर (पुजारी) द्वारा पवित्र जल से बपतिस्मा दिया जाता है। दिसंबर माह में, यजीदी पीर के साथ शराब पीने से पहले तीन दिनों तक उपवास करते हैं।
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