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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal December 21, 2024 04:33 6 0

पोलर सनडायल (Polar Sundial)

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (Vikram Sarabhai Space Centre- VSSC)  द्वारा एक ‘पोलर सनडायल’ (Polar Sundial) डिजाइन की गई है और इसे केरल के तिरुवनंतपुरम् के थुम्बा स्थित अंतरिक्ष संग्रहालय के ‘रॉकेट गार्डन’ में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा गया है। 

‘अनालेम्मा-करेक्टेड पोलर सनडायल’ के संबंध में

  • VSSC द्वारा डिजाइन किया गया अनालेमेटिक सुधार वाला ‘पोलर सनडायल’ स्थानीय सौर समय के साथ-साथ भारतीय मानक समय (Indian Standard Time- IST) और तारीख भी सटीक रूप से बताती है।
    • ‘अनालेम्मा’ एक वर्ष के दौरान आकाश में सूर्य द्वारा बनाया गया अष्ट आकार का पैटर्न है, जो पृथ्वी के झुकाव और उसकी अंडाकार कक्षा के संयोजन से उत्पन्न होता है।
  • ‘स्टाइल’: सूर्यघड़ी (सनडायल) पर छाया डालने वाला सीधा भाग रोहिणी शृंखला RH200 साउंडिंग रॉकेट का 1.6 फीट लंबा, 3D-मुद्रित लघु रूप है।
  • ध्रुवीय विन्यास: सूर्यघड़ी (सनडायल) एक ध्रुवीय विन्यास को अपनाती है, जहाँ सूर्यघड़ी (सनडायल) की प्लेट एक पच्चर (कील) के आकार की संरचना से जुड़ी होती है, जिसका कोण स्थान के अक्षांश द्वारा निर्धारित होता है।
    • प्लेट पृथ्वी के ध्रुवीय अक्ष के समानांतर है, जिसकी शैली पृथ्वी के भूमध्यरेखीय तल के समानांतर है।
  • अनालेमेटिक सुधार: इसमें एक अंतर्निहित ‘अनालेमेटिक सुधार’ है, जिसके तहत सीधी घंटे की रेखाओं को सूर्यघड़ी में उल्टे अनालेम्मा वक्रों से बदल दिया जाता है।
    • यह स्वचालित रूप से स्थानीय सौर समय को पूरे वर्ष के औसत सौर समय में परिवर्तित करता है।
  • भारतीय मानक समय: IST प्राप्त करने के लिए, थुम्बा के देशांतर के आधार पर एक अतिरिक्त देशांतर सुधार लागू किया जाता है।

सूर्यघड़ी (सनडायल)/ धूपघड़ी के संबंध में

  • सूर्यघड़ी (सनडायल) एक उपकरण है, जो दिन के समय को इंगित करने के लिए आकाश में सूर्य की स्थिति का उपयोग करता है। 
  • अवयव
    • डायल: सूर्यघड़ी में एक सपाट प्लेट (डायल) होती है, जिस पर घंटे की रेखाएँ अंकित होती हैं।
    • गनोमोन (Gnomon): यह एक छड़, तार या धातु की ढलाई हो सकती है, जो डायल पर छाया डालती है।
    • स्टाइल: यह ग्नोमन का समय बताने वाला किनारा है, हालाँकि एक बिंदु या नोडस का उपयोग किया जा सकता है।
  • तंत्र: जैसे-जैसे सूर्य के संदर्भ में पृथ्वी चक्कर लगाती है, ग्नोमोन की छाया चलती है और घंटे की रेखाओं के साथ संरेखित होती है, जो समय को दर्शाती है।
    • ग्नोमन एक विस्तृत छाया डालता है; ‘स्टाइल’ की छाया समय दर्शाती है।
  • इतिहास: सूर्यघड़ी को इतिहास में कई संस्कृतियों में देखा जा सकता है और इसका इतिहास लगभग 4,000 वर्ष पुराना है। सबसे पुरानी ज्ञात सूर्यघड़ी हरे रंग की शिस्ट (Schist) से बनी मिस्र की छाया घड़ी है।
  • सीमाएँ: सूर्यघड़ियाँ केवल तभी कार्य करती हैं, जब सीधी धूप हो, इसलिए वे रात में या बादल वाले दिनों में कार्य नहीं करतीं हैं।

युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय

हाल ही में  भारत और फ्राँस ने महत्त्वाकांक्षी ‘युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ के लिए उत्तर और दक्षिण ब्लॉक के ‘एडॉप्टिव रीयूज’ (Adaptive Reuse) हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

  • संस्कृति मंत्रालय ने युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय को विश्व स्तरीय सांस्कृतिक संस्थान के रूप में विकसित करने के लिए फ्राँस संग्रहालय विकास (France Museums Développement- FMD) के साथ साझेदारी की है। 

युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय के संबंध में

  • यह ‘सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना’ का एक हिस्सा है।
  • घोषणा: इस संग्रहालय की घोषणा पहली बार प्रधानमंत्री द्वारा मई 2023 में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो में की गई थी।
  • उद्देश्य: ऐतिहासिक उत्तर और दक्षिण ब्लॉकों के अनुकूली पुनःउपयोग द्वारा अपनी स्थापत्य विरासत के संरक्षण को सुनिश्चित करना तथा साथ ही एक जीवंत एवं कुशल सांस्कृतिक स्थान का निर्माण करना।
  • दृष्टिकोण: युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय का विकास फ्राँस के ‘एडॉप्टिव रीयूज’ (Adaptive Reuse) दृष्टिकोण के माध्यम से किया जाएगा।
    • ‘एडॉप्टिव रीयूज’ (Adaptive Reuse) दृष्टिकोण फ्राँस की ‘ग्रैंड्स प्रोजेक्ट्स’ पहल को प्रतिबिंबित करता है, जिसके अंतर्गत सरकारी भवनों को प्रतिष्ठित सांस्कृतिक स्थानों में परिवर्तित किया गया, जिसका सबसे उल्लेखनीय उदाहरण ‘लौवर संग्रहालय’ (Louvre Museum) पेरिस है।
  • क्षेत्र: यह संग्रहालय नई दिल्ली के प्रतिष्ठित उत्तर और दक्षिण ब्लॉक में लगभग 1.55 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। 
    • एक बार निर्मित होने के बाद यह संग्रहालय पेरिस के लूव्र (जो वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय है) से आगे निकल जाएगा।
  • कार्यान्वयन चरण
    • पहला: इसमें जून 2026 तक नॉर्थ ब्लॉक (जहां वर्तमान में वित्त और गृह मंत्रालय के कार्यालय हैं) को संग्रहालय स्थल में तब्दील करना शामिल है।
    • साउथ ब्लॉक, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय के कार्यालय हैं, को खाली कर दिया जाएगा।

पहला बड़ा मांसाहारी परागणकर्ता

हाल ही में इथियोपियाई भेड़िये (Ethiopian Wolf) को पराग ग्रहण करते हुए देखा गया, यह पहला ऐसा बड़ा मांसाहारी शिकारी है, जो परागण में योगदान देता है।

इथियोपियाई भेड़िया [कैनिस सिमेंसिस  (Canis Simensis)] के संबंध में

  • इथियोपियाई भेड़िया अफ्रीका का सबसे लुप्तप्राय मांसाहारी है, जिसकी संख्या 500 से भी कम है।
  • आवास स्थान: वे इथियोपियाई हाइलैंड्स के लिए स्थानिक हैं। वे उष्णकटिबंधीय जंगलों के ऊपर इथियोपिया के उच्च-ऊँचाई वाले ‘स्काई आईलैंड’ में रहते हैं।
  • अद्वितीय परागण व्यवहार: इथियोपिया के लाल गर्म पोकर फूलों निफोफिया प्रजाति (Kniphofia Species) से नेक्टर (Nectar) खाते हुए देखा गया।
    • फूलों के बीच घूमते समय इसके थूथन पर धूल जम जाती है, इसलिए यह पराग को स्थानांतरित करता है।
  • नेक्टर ग्रहण करने का महत्त्व: आम तौर पर कृंतक शिकारी, भेड़िया ऊर्जा पूरक के रूप में नेक्टर की तलाश करता है।
  • पारिस्थितिक प्रभाव: यह पौधे-परागणकर्ता के बीच परस्पर क्रिया के पारंपरिक दृष्टिकोण को चुनौती देता है।
    • परागण में योगदान करने के लिए शीर्ष शिकारियों की क्षमता पर प्रकाश डाला गया है।
  • संरक्षण की स्थिति: IUCN की रेड लिस्ट के तहत लुप्तप्राय (Endangered) प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध।
  • संरक्षण निहितार्थ: इथियोपियाई भेड़िये की रक्षा करने से संवेदनशील अफ्रीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में मदद मिलती है।
    • जैव विविधता के लिए महत्त्वपूर्ण विशिष्ट प्रजातियों के परस्पर संबंधों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

IRIS² (उपग्रह द्वारा लचीलेपन, अंतर्संबंध और सुरक्षा के लिए बुनियादी ढाँचा)

हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) ने स्पेसराइज कंसोर्टियम के साथ साझेदारी में IRIS² विकसित किया है, जो यूरोपीय संघ का प्रमुख इंटरनेट उपग्रह समूह है।

IRIS² के संबंध में

  • ‘उपग्रह द्वारा लचीलेपन, अंतर्संबंध और सुरक्षा के लिए बुनियादी ढाँचा’ (Infrastructure for Resilience, Interconnectivity, and Security by Satellite- IRIS²) एक उपग्रह इंटरनेट समूह है, जिसका उद्देश्य यूरोप के लिए कनेक्टिविटी सुरक्षित करना है।
  • विशिष्टताएँ: इसमें 290 उपग्रह शामिल हैं: 264 निम्न पृथ्वी कक्षा (Low Earth Orbit- LEO) में एवं 18 मध्यम पृथ्वी कक्षा (Medium Earth Orbit- MEO) में।
  • स्पेसएक्स स्टारलिंक के 7,000 से अधिक उपग्रहों वाले वैश्विक दृष्टिकोण के विपरीत, IRIS² कुशल अंतर्संबद्ध उपग्रह प्रणालियों को प्राथमिकता देता है। 
  • उद्देश्य
    • यूरोपीय डिजिटल संप्रभुता और सुरक्षित संचार को बढ़ावा देना।
    • महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे और रक्षा क्षमताओं का समर्थन करना।
    • वैश्विक प्रतिस्पर्द्धियों पर निर्भर हुए बिना सदस्य देशों में संपर्क को मजबूत करना।
  • विशेषताएँ
    • कम या बिना कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में सुरक्षित, हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड प्रदान करता है।
    • सरकारी, निजी और नागरिक उपयोग के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
    • समुद्री, रेलवे, विमानन और ग्रामीण कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • सीमा निगरानी, ​​संकट प्रबंधन, दूरस्थ स्वास्थ्य सेवा और स्मार्ट ऊर्जा ग्रिड जैसे अनुप्रयोगों को सक्षम बनाता है।
  • इंटरनेट उपग्रह समूह के अन्य उदाहरण: वनवेब (OneWeb) (यू.के.) और कुइपर (Kuiper) (USA)।

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