भारत सरकार एवं एशियाई विकास बैंक (ADB) ने SMILE कार्यक्रम के दूसरे उप-कार्यक्रम के अंतर्गत $350 मिलियन के नीति-आधारित ऋण पर हस्ताक्षर किए हैं।
हस्ताक्षरकर्ता: वित्त मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा एशियाई विकास बैंक (ADB)।
SMILE कार्यक्रम के बारे में
यह एक प्रोग्रामेटिक नीति-आधारित ऋण (PBL) कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में व्यापक सुधारों के सरकार के उपक्रम का समर्थन करना है।
उप-कार्यक्रम: प्रोग्रामेटिक दृष्टिकोण में दो उप-कार्यक्रम शामिल हैं, जिनका उद्देश्य भारत के विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार करना एवं इसकी आपूर्ति शृंखलाओं के लचीलेपन में सुधार करना है।
यह कार्यक्रम ADB की इंडिया कंट्री पार्टनरशिप स्ट्रेटेजी, वर्ष 2018-2022 के साथ पूरी तरह से संरेखित है।
उद्देश्य: राष्ट्रीय, राज्य एवं शहर स्तर पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए संस्थागत आधार को मजबूत करना।
आपूर्ति शृंखलाओं को मजबूत करने एवं अधिक निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए भंडारण तथा अन्य रसद संपत्तियों का मानकीकरण करना।
बाह्य व्यापार लॉजिस्टिक्स में दक्षता में सुधार करना।
कुशल एवं कम उत्सर्जन लॉजिस्टिक्स के लिए स्मार्ट सिस्टम अपनाना।
एशियाई विकास बैंक (ADB) के बारे में
यह अपने सदस्य देशों में गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से स्थापित एक बहुपक्षीय विकास बैंक है।
मुख्यालय: मनीला, फिलीपींस।
स्थापना: बैंक की स्थापना वर्ष 1966 में 31 संस्थापक सदस्यों के साथ हुई थी।
वर्ष 1966 में भारत संस्थापक सदस्यों में से एक था।
सदस्यता: वर्तमान में, ADB के 68 सदस्य हैं (49 एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के भीतर से तथा 19 बाहर से हैं)।
शेयरधारक: ADB के पाँच सबसे बड़े शेयरधारक जापान एवं संयुक्त राज्य अमेरिका (कुल शेयरों के 15.6% के साथ प्रत्येक), पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (6.4%), भारत (6.3%), तथा ऑस्ट्रेलिया (5.8%) हैं।
भारत के पहले बायो-बिटुमेन राष्ट्रीय राजमार्ग का उद्घाटन
हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री ने नागपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के नागपुर-मानसर बाईपास परियोजना में बायो-बिटुमेन सामग्री का उपयोग करके निर्मित भारत के पहले राष्ट्रीय राजमार्ग का उद्घाटन किया है।
यह देश का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है, जो फसल अवशेषों से बने कोलतार-लिग्निन का उपयोग करके बनाया गया है।
बायो-बिटुमेन से बनी यह सड़क पारंपरिक डामर वाली सड़क से 40 फीसदी अधिक मजबूत है।
बायो-बिटुमेन के बारे में
यह जैव-डामर के रूप में भी जाना जाता है; जैव-बिटुमेन पारंपरिक जीवाश्म ईंधन आधारित बिटुमेन का एक स्थायी विकल्प है।
यह जैव-चारकोल एवं इसी तरह के कार्बनिक पदार्थों से निर्मित पेट्रोलियम-मुक्त है।
इसका उपयोग या तो बिटुमेन की पूर्ति के लिए अथवा बाइंडर मिश्रण में बिटुमेन की मात्रा को कम करने के लिए किया जा सकता है।
लाभ: सड़क निर्माण की लागत कम होगी, रोजगार उत्पन्न होगे एवं पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगेगा।
बिटुमेन के बारे में
बिटुमेन एक काला पदार्थ है, जो मुख्यतः कच्चे तेल से प्राप्त होता है।
इसमें जटिल हाइड्रोकार्बन होते हैं एवं इसमें कैल्शियम, आयरन, सल्फर तथा ऑक्सीजन जैसे तत्त्व शामिल होते हैं।
बिटुमेन वॉटरप्रूफिंग एवं चिपकने वाले गुण प्रदान करने की अपनी क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।
यह इसे विनिर्माण क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण सामग्री बनाता है।
संयुक्त राष्ट्र आंतरिक न्याय परिषद
उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मदन बी. लोकुर को संयुक्त राष्ट्र आंतरिक न्याय परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र आंतरिक न्याय परिषद के बारे में
नियुक्ति: इसमें पाँच सदस्य होते हैं, जिन्हें महासचिव द्वारा नियुक्त किया जाता है।
कर्मचारी प्रतिनिधि
प्रबंधन का प्रतिनिधि
2 प्रतिष्ठित न्यायविद
एक स्टाफ द्वारा नामित एवं एक प्रबंधन द्वारा
सूची में अन्य चार सदस्य उरुग्वे, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया एवं संयुक्त राज्य अमेरिका से हैं।
नियुक्ति प्रक्रिया: अध्यक्ष एक प्रतिष्ठित न्यायविद् होता है, जिसे चार अन्य सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से चुना जाता है।
कार्य: संयुक्त राष्ट्र की आंतरिक न्याय प्रणाली के प्रशासन को सँभालने के लिए जिम्मेदार, जिसमें कर्मचारी कानूनी सहायता कार्यालय (OSLA), संयुक्त राष्ट्र विवाद न्यायाधिकरण (UNDT) एवं संयुक्त राष्ट्र अपील न्यायाधिकरण (UNAT) शामिल हैं।
कर्मचारी कानूनी सहायता कार्यालय (OSLA)
स्थापना: वर्ष 2009।
उद्देश्य: संयुक्त राष्ट्र के उन स्टाफ सदस्यों (एवं पूर्व स्टाफ या प्रभावित आश्रितों) को कानूनी सलाह तथा प्रतिनिधित्व प्रदान करना, जो किसी प्रतिकूल प्रशासनिक निर्णय के विरुद्ध अपील करना चाहते हैं या जो अनुशासनात्मक कार्रवाई के अधीन हैं।
संयुक्त राष्ट्र विवाद न्यायाधिकरण (UNDT)
संयुक्त राष्ट्र की आंतरिक न्याय प्रणाली में प्रथम दृष्टया न्यायालय।
यह संयुक्त राष्ट्र एवं उसके स्टाफ सदस्यों के बीच विवादों तथा अनुशासनात्मक मामलों को सँभालता है।
प्रशासन UNDT के निर्णयों के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अपील न्यायाधिकरण (UNAT) में अपील कर सकता है।
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