बिहार में सामुदायिक पुस्तकालय एवं कॅरियर विकास केंद्र (Community Library and Career Development Centres- CLCDC) जिन्हें ‘दीदी की लाइब्रेरी’ के नाम से जाना जाता है, उच्च शिक्षा में शिक्षार्थियों के लिए एक स्थानीय सहायता प्रणाली के रूप में उभर रहे हैं।
‘दीदी की लाइब्रेरी’
दीदी की लाइब्रेरी बिहार सरकार द्वारा अपनी जीविका पहल के अंतर्गत स्थापित निःशुल्क लाइब्रेरी हैं एवं यह राज्य के 100 ब्लॉकों में विस्तृत है।
प्रमुख: प्रत्येक पुस्तकालय का नेतृत्व एक विद्या दीदी (सामुदायिक कार्यकर्ताओं का एक समर्पित कैडर) करती है, जिन्हें मानदेय भी मिलता है।
उद्देश्य: वंचित ग्रामीण युवाओं एवं उनके शहरी साथियों के बीच असमानता की खाई को पाटना। उच्च शिक्षा में बाधाओं का सामना करने वाली लड़कियों को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
बिहार का शिक्षा विभाग किताबें उपलब्ध कराकर इस पहल का समर्थन करता है।
JEEViKA पहल
JEEViKA या बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना (Bihar Rural Livelihoods Project- BRLP) ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत एक विश्व बैंक समर्थित पहल है।
शिक्षा के लिए JEEViKA : इसने वर्ष 2018 में शिक्षा संबंधी पहल शुरू की।
साझेदारी: JEEViKA ने प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन एवं अन्य गैर-लाभकारी संगठनों जैसे i-Saksham (युवा महिलाओं के नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित), तथा ‘टर्न द बस’ (डिजिटल शिक्षा क्षेत्र में कार्य करना) के साथ साझेदारी की है।
मकरविलक्कु (Makaravilakku)
त्रावणकोर देवासम बोर्ड (Travancore Devaswom Board- TDB) ने भगवान अयप्पा के 2, 4, 6 एवं 8 ग्राम वजन वाले सोने के लॉकेट बनाने के लिए ‘एक्स्प्रेसन ऑफ इंटरेस्ट’ (EOI) आमंत्रित किए हैं।
ये लॉकेट मकरविलक्कु उत्सव की स्मृति में प्रस्तुत किए गए थे।
मकरविलक्कु
यह मकर संक्रांति के दौरान भारत के केरल में सबरीमाला मंदिर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है।
तिरुवभरणम (Thiruvabharanam) (भगवान अयप्पन के बहुमूल्य आभूषण) का जुलूस निकाला जाता है।
यह सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के सम्मान में मनाया जाता है।
यह त्योहार सात दिनों तक चलता है एवं मकर संक्रांति से शुरू होता है, जिस दिन सूर्य एक नए चरण में प्रवेश करता है।
मुख्य घटना मकर संक्रांति पर कांतमाला पहाड़ियों (Kantamala Hills) के ऊपर दिखाई देने वाले एक चमकीले तारे मकर ज्योति (Makarajyothi) का उदय होना है।
यह त्योहार गुरुथी (Guruthi) नामक एक अनुष्ठान के साथ समाप्त होता है, जो वन देवताओं को एक भेंट है।
जनजातीय परंपराओं से जुड़ाव
मकरविलक्कु की रस्में, सबसे पहले मलयाराया जनजाति (Malayaraya Tribe) द्वारा पोन्नम्बलमेडु (Ponnambalamedu) के जंगलों में निभाई जाती थीं।
पोन्नम्बलमेडु मंदिर, जहाँ ये रस्में निभाई जाती थीं, अब केरल वन विभाग द्वारा प्रबंधित है और यह आम जनता के लिए नहीं खुला है।
पोन्नम्बलमेडु में जनजातीय अनुष्ठान
जनजातियाँ मकरम-1 को पोन्नम्बलमेडु मंदिर में अनुष्ठान करती हैं, जब आकाश में सीरियस तारा (Sirius star) दिखाई देता है।
अनुष्ठानों में मूर्ति के चारों ओर कपूर एवं घी के साथ तीन बार परिक्रमा करके आरती (एक अग्नि अनुष्ठान) करना शामिल है।
यह अनुष्ठान सबरीमाला मंदिर में किए जाने वाले अनुष्ठान से मिलता-जुलता है।
मकरविलक्कु एवं मकर ज्योति
सबरीमाला मंदिर में दिखने वाले दीपक या रोशनी को मकर ज्योति कहा जाता है।
मकरविलक्कु सबरीमाला में राम एवं धर्मशास्ता (भगवान अयप्पन का दूसरा नाम) के दिव्य मिलन का प्रतीक है।
वीर बाल दिवस
केंद्रीय महिला एवं बाल मंत्रालय द्वारा 26 दिसंबर, 2024 को वीर बाल दिवस और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का आयोजन किया जा रहा है।
वीर बाल दिवस
यह वर्ष 2022 से 26 दिसंबर को मनाया जाता है।
यह दिन गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों बाबा फतेह सिंह और जोरावर सिंह (साहिबजादों) की शहादत को श्रद्धांजलि के रूप में बाल साहस और बलिदान का सम्मान करने के लिए समर्पित है।
वर्ष 2024 कार्यक्रम: वीर बाल दिवस का राष्ट्रीय कार्यक्रम भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
फोकस: कार्यक्रम का फोकस युवा मस्तिष्कों का पोषण, रचनात्मकता को बढ़ावा देना एवं विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान को प्रेरित करना होगा।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री सुपोषित पंचायत योजना का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar- PMRBP)
PMRBP बच्चों के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे पहले असाधारण उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार कहा जाता था।
यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
यह प्रतिवर्ष 5-18 आयु वर्ग के बच्चों को प्रदान किया जाता है।
यह पुरस्कार बच्चों को सात श्रेणियों में असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाता है।
कला एवं संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा, खेल एवं पर्यावरण।
पुरस्कार: प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, प्रमाण-पत्र एवं प्रशस्ति पुस्तिका प्राप्त होगी।
गोल्डन वीजा कार्यक्रम (Golden Visa Programme)
स्पेन ने आधिकारिक तौर पर अपने गोल्डन वीजा कार्यक्रम (Golden Visa Programme) को समाप्त कर दिया है, जो गैर-यूरोपीय संघ के नागरिकों को स्पेनिश अचल संपत्ति में निवेश करके निवास प्राप्त करने की अनुमति देता था।
गोल्डन वीजा कार्यक्रम (Golden Visa Programme)
गैर-यूरोपीय नागरिकों को स्पेनिश रियल एस्टेट में न्यूनतम €5,00,000 का निवेश करके निवास प्राप्त करने की अनुमति दी गई।
संकट के बाद आर्थिक सुधार का समर्थन किया, लेकिन आवास की सामर्थ्य पर इसके प्रभाव के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा।
यह व्यक्तियों और उनके परिवारों को किसी विदेशी देश की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण निवेश करके वहाँ निवास या नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति देता है।
इन निवेशों में रियल एस्टेट, सरकारी बॉण्ड या अन्य स्वीकृत संपत्तियाँ शामिल हो सकती हैं।
स्पेन के गोल्डन वीजा कार्यक्रम को समाप्त करने के कारण
आवास की बढ़ती कीमतें: इस कार्यक्रम ने संपत्ति की माँग को बढ़ा दिया, विशेष तौर पर बड़े शहरों में, जिससे कई स्पेनिश नागरिकों के लिए घर खरीदना महंगा हो गया है।
दुरुपयोग का जोखिम: इस कार्यक्रम का इस्तेमाल मनी लॉण्ड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों के लिए किए जाने की चिंता है।
प्राथमिकताओं में बदलाव: सरकार विदेशी निवेश के बजाय स्थानीय आवास की आवश्यकताओं और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
लायन-टेल्ड मकाक (Lion-Tailed Macaque)
एक हालिया अध्ययन में बढ़ते मानवीय संपर्क के कारण पश्चिमी घाट के स्थानीय रूप से लुप्तप्राय लायन-टेल्ड मकाक (Lion-Tailed Macaque) के संबंध में बढ़ते खतरे पर प्रकाश डाला गया है।
लायन-टेल्ड मकाक (Lion-Tailed Macaque) के बारे में
वैज्ञानिक नाम: मकाका सिलेनस (Macaca Silenus)।
प्राचीन संसार का बंदर: इसे प्रायः ‘दाढ़ी वाला बंदर’ कहा जाता है।
विशिष्ट विशेषताएँ: नर अपने निवास क्षेत्र की सीमाओं को ध्वनि कॉल का उपयोग करके चिह्नित करते हैं।
संचार: उनकी संचार प्रणाली में 17 अलग-अलग स्वर शामिल हैं।
स्वरूप: उनके चेहरे के चारों ओर एक ग्रे माने (Grey Mane) होता है और उनकी शेर जैसी, लंबी, पतली और गुच्छेदार पूँछ होती है, जो उन्हें उनके नाम को संदर्भित करती है।
पर्यावास: वे पश्चिमी घाटों, विशेषकर कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में छोटे और अत्यधिक खंडित वर्षावनों के स्थानिक हैं।
वे भारत की ही मूल प्रजाति हैं।
खतरा: प्राथमिक खतरा उनके वर्षावन आवास का विनाश है।
संरक्षण की स्थिति
IUCN की रेड लिस्ट में: लुप्तप्राय (Endangered) के रूप में सूचीबद्ध।
CITES: परिशिष्ट I (Appendix I) में शामिल।
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I (Schedule I) के अंतर्गत सूचीबद्ध।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी. रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission- NHRC) का अध्यक्ष नियुक्त किया।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के बारे में
NHRC एक वैधानिक निकाय है, जो भारत के नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा एवं प्रचार करता है।
स्थापित: यह वर्ष 1993 में भारत द्वारा मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम लागू करने के बाद अस्तित्व में आया।
चयन समिति: भारत के राष्ट्रपति चयन समिति की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्यों की नियुक्ति करते हैं, जिसमें शामिल हैं:
प्रधानमंत्री (अध्यक्ष)
लोकसभा अध्यक्ष
केंद्रीय गृह मंत्री
राज्यसभा के उपसभापति
संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता
सदस्यता: इसमें एक अध्यक्ष, पाँच पूर्णकालिक सदस्य एवं सात मानित सदस्य होते हैं।
एक व्यक्ति जो भारत का मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो, अध्यक्ष होगा।
दो सदस्य: एक जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश है या रहा है एवं एक सदस्य, जो उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश है या रहा है।
तीन सदस्य: मानवाधिकारों से संबंधित मामलों का ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्तियों में से एक महिला होगी।
सात मानित सदस्य: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अल्पसंख्यक/पिछड़ा वर्ग/महिला/ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष एवं दिव्यांग व्यक्तियों हेतु मुख्य आयुक्त पदेन सदस्यों के रूप में कार्य करते हैं।
कार्यकाल: वे तीन वर्ष की अवधि तक या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, सेवा करते हैं।
निष्कासन: सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
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