हाल ही में नई दिल्ली में डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के साथ-साथ 10,000 नव स्थापित बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (Multipurpose Primary Agricultural Credit Societies-MPACS) का उद्घाटन किया गया।
प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के बारे में
PACS किसी विशेष क्षेत्र में रहने वाले उधारकर्ताओं और गैर-उधारकर्ताओं का एक संघ है।
यह सहकारी ऋण संरचना में जमीनी स्तर की इकाई के रूप में कार्य करता है।
सदस्यों की शेयर पूँजी, जमा और केंद्रीय सहकारी बैंकों से ऋण के माध्यम से धन प्राप्त किया जाता है।
PACS गाँवों में उधारकर्ताओं और केंद्रीय सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक और RBI जैसे उच्च वित्तीय संस्थानों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: पहला PACS वर्ष 1904 में स्थापित किया गया था।
PACS का विनियमन
राज्य सरकार: सहकारी समिति अधिनियम के तहत प्रशासनिक पहलुओं को विनियमित करती है।
RBI: बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 और बैंकिंग कानून (सहकारी समितियाँ) अधिनियम, 1965 के तहत वित्तीय विनियमन की देखरेख करती है।
नाबार्ड: PACS और अन्य सहकारी बैंकों के लिए नोडल पुनर्वित्त एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (Bhartiya Beej Sahkari Samiti Limited- BBSSL)
हाल ही में केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने नई दिल्ली में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (Bhartiya Beej Sahkari Samiti Limited- BBSSL) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (Bhartiya Beej Sahkari Samiti Limited- BBSSL) के बारे में
भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) एक बहु-राज्य सहकारी समिति है।
इसके प्रवर्तक हैं: इफको, कृभको, नैफेड, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और NCDC।
स्थापित किया गया: बहु-राज्य सहकारी समिति (MSCS) अधिनियम, 2002 के तहत सहकारिता मंत्रालय।
उद्देश्य: उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन, संरक्षण और संवर्द्धन पर ध्यान केंद्रित करके भारत की कृषि उत्पादकता को बढ़ाना।
BBSSL का महत्त्व
घरेलू बीज उत्पादन को बढ़ावा देकर आयातित बीजों पर निर्भरता कम करता है।
कृषि उत्पादन को बढ़ाता है, ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल में योगदान देता है।
किसानों और सहकारी समितियों को सशक्त बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है।
समाचार में स्थान: लेसोथो (Lesotho)
भारत ने लेसोथो (Lesotho) को 1000 मीट्रिक टन चावल सहित मानवीय सहायता की खेप भेजी।
लेसोथो (Lesotho) के बारे में
इसे औपचारिक रूप से लेसोथो साम्राज्य के नाम से जाना जाता है।
पहले इसे बसुटोलैंड (Basutoland) के नाम से जाना जाता था।
यह पृथ्वी के दक्षिणी और पूर्वी गोलार्द्ध में है।
यह दक्षिणी अफ्रीका में स्थित एक भू-आबद्ध देश है, जो दक्षिण अफ्रीका से घिरा हुआ है।
राजधानी: मासेरु (Maseru)।
उपनाम: ‘पहाड़ का साम्राज्य’ (Mountain Kingdom) या ‘आकाश का साम्राज्य’ (Kingdom in the Sky)।
अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु
सबसे ऊँची चोटी: थबाना नत्लेनयाना (Thabana Ntlenyana)
यह मालुति (Maluti) और ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत शृंखलाओं (Drakensberg Mountain Ranges) का हिस्सा है।
प्रमुख नदी: सेनकू नदी, जिसे दक्षिण अफ्रीका में ऑरेंज नदी के नाम से भी जाना जाता है।
यह नदी ड्रेकेन्सबर्ग पर्वतमाला के ऊँचे क्षेत्रों से निकलती है और दक्षिण अफ्रीका में ऑरेंज नदी से मिलने से पहले देश से होकर बहती है।
रूपपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना
रूपपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना (Rooppur nuclear power project) को लेकर रोसाटॉम और बांग्लादेश भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के बीच विवाद चल रहा है।
रूपपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना के बारे में
यह पद्मा नदी के तट पर स्थित बांग्लादेश का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र है।
इसे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा समर्थित किया जा रहा है।
भारत की भूमिका
भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (Nuclear Power Corporation of India-NPCIL): यह परियोजना में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रमुख एजेंसी है।
अप्रत्यक्ष भागीदारी: चूँकि भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) का सदस्य नहीं है, इसलिए वह सीधे परमाणु रिएक्टरों का निर्माण नहीं कर सकता।
असैन्य परमाणु समझौते: भारत ने 14 देशों के साथ असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
प्रमुख राष्ट्र: अमेरिका, फ्राँस, रूस और कनाडा।
क्षेत्रीय साझेदार: श्रीलंका, बांग्लादेश और कजाखस्तान।
अन्य प्रमुख देश: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, जापान, यू.के, वियतनाम और चेक गणराज्य।
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