संयुक्त राज्य अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 29 दिसंबर, 2024 को 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
कार्टर सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति थे एवं 100 वर्ष की आयु तक पहुँचने वाले पहले राष्ट्रपति थे।
जिमी कार्टर के बारे में
कॅरियर
नौसेना: कार्टर ने वर्ष 1946 में अमेरिकी नौसेना अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की एवं अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बी सेवा में शामिल हो गए।
राजनीतिक कॅरियर: उन्होंने अपना कॅरियर जॉर्जिया की राजनीति से शुरू किया, जहाँ उन्होंने राज्य सीनेटर और बाद में गवर्नर के रूप में नागरिक अधिकार आंदोलन का समर्थन किया।
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में: जिमी कार्टर ने वर्ष 1977 से वर्ष 1981 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
वर्ष 1976 के चुनाव में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के निवर्तमान राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड को हराया।
राष्ट्रपति कार्यकाल के मुख्य बिंदु
मिस्र और इजरायल के बीच कैंप डेविड समझौते (Camp David Accords) को सफलतापूर्वक लागू करना।
पनामा नहर संधियाँ (Panama Canal Treaties): पनामा नहर, पनामा को वापस कर दी गई।
सोवियत नेता लियोनिद ब्रेझनेव (Leonid Brezhnev) के साथ रणनीतिक हथियार सीमा वार्ता (Strategic Arms Limitation Talks- SALT II) परमाणु शस्त्र कटौती संधि पर हस्ताक्षर।
444 दिनों का ईरान बंधक संकट।
वर्ष 1979 ऊर्जा संकट (Energy Crisis)।
अफगानिस्तान पर सोवियत आक्रमण के बाद शांति की समाप्ति हो गई, जिसके परिणामस्वरूप अनाज पर प्रतिबंध, कार्टर सिद्धांत (Carter Doctrine) की घोषणा तथा वर्ष 1980 के मास्को ओलंपिक का बहिष्कार किया गया।
राष्ट्रपति पद के बाद का जीवन
वर्ष 1982 में कार्टर सेंटर की स्थापना मानव अधिकारों को आगे बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापना और लोकतंत्र, सार्वजनिक स्वास्थ्य के चैंपियन के लक्ष्य के साथ की गई थी।
कार्य के क्षेत्र
चुनावों की निगरानी: केंद्र ने लैटिन अमेरिका, एशिया और अफ्रीका में कम-से-कम 113 चुनावों को स्वतंत्र या धोखाधड़ी वाला घोषित किया था।
उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (Neglected Tropical Diseases- NTDs) के लिए उपचार प्रदान करना।
कृमि मुक्ति एवं रोग उन्मूलन के प्रयास, जिसमें ड्रैकुनकुलियासिस (Dracunculiasis) को समाप्त करने का अभियान भी शामिल है।
गिनी कृमि परजीवी का उन्मूलन: 1980 के दशक में लाखों मामलों से घटकर बहुत कम रह गए हैं।
पैंगोंग झील तट पर शिवाजी की मूर्ति
भारतीय सेना ने पैंगोंग झील (Pangong Lake) के तट पर मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की एक प्रतिमा स्थापित की है।
यह प्रतिमा पूर्वी लद्दाख सेक्टर में 14,300 फीट की ऊँचाई पर स्थित है एवं चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control- LAC) के निकट है।
पैंगोंग झील के बारे में
अवस्थिति: पैंगोंग झील लद्दाख-चीन सीमा पर 14,000 फीट से अधिक की ऊँचाई पर स्थित है।
नियंत्रण विभाग: भारत झील के लगभग एक-तिहाई हिस्से पर नियंत्रण रखता है, जबकि चीन लगभग दो-तिहाई हिस्से पर नियंत्रण रखता है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC): LAC पैंगोंग झील से होकर गुजरती है।
विवादित ‘फिंगर्स’ क्षेत्र: झील के उत्तरी किनारे पर ऐसे स्पर्स (मुख्य मार्ग से निकले हुए मार्ग) हैं, जिन्हें ‘फिंगर्स’ कहा जाता है। भारत का दावा है कि LAC फिंगर 8 से होकर गुजरती है, लेकिन फिंगर 4 तक नियंत्रण रखती है, जबकि चीन का दावा है कि LAC फिंगर 2 पर है।
लवणता: पैंगोंग झील एक खारी झील है, हालाँकि यह बहुत ऊँचाई पर स्थित है। सर्दियों के दौरान, झील की सतह पूरी तरह से जम जाती है।
अंतः प्रवाही झील (Endorheic Lake): यह एक अंतः प्रवाही झील है, जिसका अर्थ है कि यह अपने जल को बरकरार रखती है और समुद्र या नदियों जैसे बाहरी जल निकायों में पानी के बहाव को रोकती है।
रंग भिन्नता: इस झील में रंग बदलने की एक अनोखी क्षमता है, जो नीले, हरे और कभी-कभी लाल रंग के शेड्स दिखाती है। ये परिवर्तन सूर्य के प्रकाश के कोण और मौसम की स्थिति पर निर्भर करते हैं।
काराकोरम पर्वत शृंखला: काराकोरम पर्वत शृंखला पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर समाप्त होती है।
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